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tata-workers-union-टाटा वर्कर्स यूनियन को फिर से 15 मई तक के लिए बंद, यूनियन के कई पदाधिकारी व कर्मचारी कोरोना पोजिटिव, टाटा स्टील के निबंधित पुत्र-पुत्री बंद यूनियन कार्यालय पहुंचे, अध्यक्ष के नाम छोड़ा पत्र, मांगी नौकरी

राशिफल

यूनियन में ज्ञापन सौंपते निबंधित पुत्र-पुत्री.

जमशेदपुर : टाटा स्टील की अधीकृत यूनियन टाटा वर्कर्स यूनियन को 15 मई तक के लिए बंद कर दिया गया है. यूनियन के पदाधिकारी और कर्मचारी भी कोरोना पोजिटिव है. ऐसे में संक्रमण के बढ़ते खतरे और कोरोना के कारण झारखंड सरकार द्वारा लगाये गये लॉकडाउन के कारण यूनियन के दफ्तरों को बंद किया गया है. इससे पहले दो राउंट लगातार यूनियन को बंद किया गया था. अब यह तय किया गया है कि 15 मई तक यूनियन का कार्यालय बंद रहेगा. कर्मचारियों और यूनियन की सलामती के लिए यह कदम उठाया गया है. यूनियन के महासचिव सतीश सिंह के आदेश से एक पत्र निकाला गया है, जिसमें कहा गया है कि यूनियन में सिर्फ सिक्यूरिटी से जुड़े लोग कोरोना के नियमों का पालन करते हुए रहेंगे. सभी पदाधिकारी व कमेटी मेंबरों को कहा गया है कि उन लोगों को अगर कोई काम हो तो वे लोग फोन पर संबंधित पदाधिकारियों से संपर्क कर सकते है.
इस बीच गुरुवार को ट्यूब-टिस्को निबंधित पुत्र-पुत्री संघ के लोग यूनियन कार्यालय पहुंचे और अध्यक्ष के नाम एक पत्र सौंपा. इसके माध्यम से इन लोगों ने मांग की कि उनको नौकरी दी जाये. इन लोगों ने अपने पत्र में लिखा है कि सभी निबंधित वर्ष 2019 से टाटा स्टील में नियोजन की आस लगाये बैठे हैं. उनकी आर्थिक स्थिति ना टाटा वर्कर्स यूनियन से छुपी है और ना ही टाटा स्टील मैनेजमेंट से. फिर भी वे लोगों कि नियोजन प्रकिया कछुए की चाल से चल रही है. आज इस महामारी के दौर मे टाटा स्टील जनसेवा कर पूरे देश में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में अपनी नैतिकता का परचम लहरा रहा है. टाटा स्टील मैनेजमेन्ट वे सभी निबंधितो का नियोजन जल्द से जल्द करके उसी नैतिकता को चरितार्थ करे. इन लोगों ने मांग की है कि जब टाटा स्टील में “अप्रेंटिस “ का फार्म निकलता है तो उस फार्म को भरने और जमा करने के लिए महज 10-12 दिनों का ही समय दिया जाता हैं और महज 35-40 दिनों के अन्दर उनकी सारी नियोजन की प्रकिया को पूरा कर लिया जाता हैं जबकि इस बहाली में अलग-अलग राज्यों के लाखों अभ्यर्थियों भाग लेते है. मगर महज 6000-7000 निबंधितो की केवल फार्म वितरण और जमा करने के लिए 38 दिनों का समय देना न्याय संगत नहीं लगता. इन लोगों ने कहा है कि कोरोना काल में वे लोग बेरोजगारी से लडे, इस बीमारी से ग्रसित हो रहे, अपने परिवारजनो की देखभाल करे या फिर लिखित परीक्षा की तैयारी करे. उनका कहना है कि उनकी भी मानसिक और आर्थिक स्थिति का अवलोकन किया जाना चाहिए. कोरोना काल में लिखित परीक्षा कब तक होगा और कैसे संभव होगा, ये तो ईश्वर ही जाने? इसलिए टाटा स्टील मैनेजमेन्ट और टाटा वर्कर्स यूनियन जल्द से जल्द होने वाली लिखित परीक्षा की तिथि की घोषणा करे या फिर इसी माह नीट कंपनी मे उन निबंधितो की होने वाली बहाली प्रकिया को शुरू करवायें, मेडिकल के नाम पर अधिक दिनों तक ना खींचा जाए या और अन्य किसी भी कारणों से इस बहाली को और विलम्ब नहीं किया जाए. इन 38 दिनों में टाटा स्टील के पास लगभग 70 से 80 फीसदी निबंधितो का पूरा डाटा आ चुका होगा. इन लोगों ने मांग की है कि इस बहाली की प्रकिया जल्द से जल्द आरंभ करवाकर निबंधितो को इस महामारी काल में मानसिक और आर्थिक रूप से संरक्षित करें. ज्ञापन देने वालों में मुख्य रुप से राकेश कुमार सिंह, उमेश कुमार, सुदामा दास, साबिता रानी शर्मा, पूजा रानी महतो, राजेश तांडी, प्रभा हेंब्रम, गीता गोप, अशोक पांडे, निर्मल पांडे, रंजीत कुमार शामिल थे.

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