कंपनी एंड ट्रेड यूनियनTata workers union committee meeting - टाटा वर्कर्स यूनियन के कमेटी मीटिंग...
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Tata workers union committee meeting – टाटा वर्कर्स यूनियन के कमेटी मीटिंग साढ़े सात घंटे तक चली, कई मुद्दे उठे, विपक्ष ने सत्ता को घेरा, अध्यक्ष ने कहा – मजदूर भाई निश्चिंत रहे, सबकी नौकरी सुनिश्चित रहेगी, कंपनी का भविष्य भी बेहतर रहेगा

राशिफल

जमशेदपुर : टाटा स्टील की अधीकृत यूनियन टाटा वर्कर्स यूनियन का कमेटी मीटिंग बुधवार को हुई. इस कमेटी मीटिंग में विस्तार से कई मुद्दों पर चर्चा की गयी. इस दौरान मुख्य तौर पर कमेटी मेंबरों ने सवाल उठाया कि टाटा स्टील में अलग से कंपनी बनायी जा रही है, इससे कर्मचारियों की नयी बहाली नहीं हो पायेगी और यह भी आशंका है कि कहीं जुस्को जैसे हालात नहीं हो जाये. इस दौरान सामान ग्रेड स्ट्रक्चर का भी मुद्दा उठाया गया. इस दौरान करीब साढ़े सात घंटे मीटिंग चली. अध्यक्ष संजीव चौधरी टुन्नु, महामंत्री सतीश सिंह, डिप्टी प्रेसिडेंट शैलेश सिंह समेत तमाम लोगों ने कमेटी मेंबरों को संबोधित किया. पहली बार सभी पदाधिकारियों को बोलने का मौका दिया गया. अध्यक्ष ने साफ तौर पर कहा कि वे लोग एक साथ मिलकर हर काम करेंगे. उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि कर्मचारियों के हितों में ही फैसला लिया जायेगा. कोई ऐसा समझौता वे लोग नहीं करेंगे, जिससे आने वाली पीढ़ी भी उनको सवाल करें और कंपनी या कर्मचारी का भविष्य बेहतर नहीं हो. जो बेहतर होगा, वहीं फैसला लिया जायेगा. किसी की नौकरी नहीं जायेगी. किसी को वेतन का नुकसान नहीं होने दिया जायेगा. इस दौरान अध्यक्ष ने कहा कि वे कर्मचारियों के सारे पेंडिंग मामले को लेकर मैनजेमेंट से बातचीत करेंगे. इस दौरान पदाधिकारियों और कमेटी मेंबरों ने अध्यक्ष संजीव चौधरी टुन्नु के प्रति अपनी आस्था जतायी. हालांकि, विपक्ष के नेता और पूर्व डिप्टी प्रेसिडेंट अरविंद पांडेय, आरसी झा सरिखे नेताओं ने जरूर सत्ता पक्ष को घेरा और कहा कि सब कीजियेगा, ऐसा कोई समझौता मत कर लीजियेगा, जिससे आने वाली पीढ़ी भी हम लोगों को माफ नहीं करें. इस दौरान अध्यक्ष ने कहा कि पिछली कमेटी जिस तरह चुनकर आयी थी, उसी कमेटी के लोगों के साथ ही वे रहेंगे.
कमेटी मेंबरों ने ये सारे मुख्य सवाल उठाये : शिवेश ने सवाल उठाया कि एसोसिएट स्ट्रक्चर समेत सभी ग्रेडो में स्टेग्नेशन का निदान, स्टील ग्रेड की ही भांति एनएस ग्रेड में भी एनुअल इंक्रीमेंट और डीए प्रतिशत के आधार पर दिया जाए, मेंटेनेंस के साथ ही सभी विभागों में ग्रुप 4 का प्रावधान हो, टाटा स्टील व डिफरेंट एंटीटी के कर्मचारियों का अलग-अलग ग्रेडवार संख्या व जॉब डिस्क्रिप्शन तय हो, क्लस्टर सिस्टम की पार्किंग की समस्या का निदान किया जाए.
एसएमडी विभाग के प्रदीप दुबे ने सवाल किया कि चार साल पर डबल इंक्रीमेट एनएस3, एनएस6 और एनएस 9 में हो, एसएमडी में इंसेंटिव बोनस, कैंटीन के खाने में सुधार, अपना घर का सपना, एनएस06 को डिपलोमा में वेवर और ब्रिज कोर्स को शामिल किया जाए.
सुरक्षा विभाग के कृष्णा पांडे का सवाल था कि सिक्योरिटी डिपार्टमेंट का आईबी को रिवाइज्ड किया जाए, गुड कंडक्ट बोनस को जल्द से जल्द स्टार्ट कराया जाये और कैनल विभाग में हमारे डॉग का एडवांस ट्रेनिंग मेथड को अपनाया जाए.
फील्ड मेंटेनेंस मैकेनिकल के शुभम सिंह ने कहा कि एस्टेट में कोई कर्मचारी नया क्वार्टर लेता है उसमे टीएसयूआईएसएल काम करता है लेकिन उसका कोई समय सीमा नहीं होता है. बार-बार फोन करने पे भी नही होता. जितना मोडिफिकेशन का काम होता है वो अप्रूव होने के बाद भी चालू नहीं करता. लेकिन अंतिम समय में दोनो घर का पैसा काट लेता है 200 हर दिन के हिसाब से. ये कहा जाता है की आपका काम हो चूका है और ये कर्मचारी को बताया भी नही जाता और सिस्टम में चढ़ा देता है. इसमें कर्मचारी की क्या गलती है. अगर मोडिफिकेशन किचन का होरा तो वो खाना रूम या हॉल में बना सकता लेकिन अगर बाथरूम का हो तो वो नहाएगा कहा. टीएमएच में कोई कर्मचारी अगर भर्ती होता है किसी भी वजह से डिस्चार्ज होते समय जब वो डॉक्टर से रिक्वेस्ट करता है की कुछ दिन और अनफिट करे ताकि वो स्वस्थ हो कर ड्यूटी ज्वाइन करे. डॉक्टर बोलते भी है की कर देते है अनफिट. इसके बाद जब वो ओपीडी जाता है उस समय उससे कहा जाता है कि आप जब डिस्चार्ज हुए तभी आपको फिट कर दिया गया है. इसके फलस्वरूप उसका अपना छुट्टी कट जाता है. छुट्टी वापस लाने के लिए कर्मचारी ड्यूटी करते हुए टीएमएच दौड़ते रहते है. इसमें दो से तीन महीने लग जाते है. जिससे कर्मचारी को काफी दिक्कत होते है. एनएस ग्रेड में ग्रुप 2 से ग्रुप 3 में जाने का रास्ता आसान किया जाए. एसएनटीआई का कहना है कि ग्रुप 2 से ग्रुप 3 में जाने का एक ही रास्ता है इवनिंग डिप्लोमा पास करना होगा जो की टाटा स्टील एसएनटीआई में करवाती है. दूसरे जगह से ये सुनने में भी आता है की आप बाहर से डिप्लोमा कर सकते है और ब्रिज कोर्स करने के बाद आप ग्रुप 3 में जा सकते है. उन्होंने कहा कि अध्यक्ष से निवेदन है कि इसे क्लियर करें. अगर बाहर से डिप्लोमा करना मना है तो इसको चालू किया जाए, जिससे कर्मचारी को भी सुविधा मिलेगा और डिपार्टमेंट भी सुचारू रूप से चलेगा. साथ ही ग्रुप 4 बनाया जाए क्योंकि जो कर्मचारी ग्रुप 3 में है उसका एनएस#9 के बाद रास्ता खतम हो जाता है जिससे कर्मचारी को बहुत घाटा होता है. वहीं उन्होंने इएनएफ बजट बढ़ाने पर चर्चा की है. उन्होंने कहा कि फील्ड मेंटेनेंस मैकेनिकल को मैनेजमेंट के द्वारा 1,80,000 इएनएफ बजट मिलता है. उनके डिपार्टमेंट में 6 सेक्शन है. एक एसी का दाम लगभग 70000 पड़ता है. उन्होंने कहा कि अध्यक्ष जी आप खुद ही समझ सकते है कि कुछ भी नही होता है. जिससे कर्मचारी को आए दिन काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. अध्यक्ष से अनुरोध है की किसी तरह से ये सारी समस्याओं का निवारण हो. (नीचे भी पढ़ें)

यूसीएम एचआरएम के उदय कुमार ने कहा कि कांट्रेक्टर सेल में पन्द्रह साल से ज्यादा समय से लोग काम कर रहे है पर इएसएफ में जो उचित नहीं है और ऑफिस में काम करने वाले ऑफिस एसोसिएट जो एनएस 4 में ज्वाइन करते हैं और एनएस6 के बाद वो एनएस7 नही बन सकते है और हमेशा के लिए उनका प्रमोशन बंद हो जाता है. उन्होंने अध्यक्ष से अनुरोध किया कि दोनों मुद्दों का निवारण करे. अध्यक्ष को धन्यवाद भी दिया कि जो आप सीसीएमसी मीटिंग में आए इससे कैंटीन में काफी सुधार हुआ है खासकर सब्जी में हरा सब्जी अब दिख रहा है.
यूसीएम ट्यूब के धनंजय के कहा कि एसोसिएट पैटर्न में और ज्यादा स्टेप होने चाहिए 14 साल से प्रमोशन लंबित है, विभाग में एफटीसी की संख्या बढ़ती जा रही है नई कंपनी बन रही है. स्थाई कर्मचारी भविष्य को लेकर चिंतित है, जो कर्मचारी टाटा स्टील में नौकरी कर रहे है वो सम्मान के साथ टाटा स्टील से ही रिटायर हो.
यूसीएम कोक प्लांट के राजेश कुमार सिंह ने सवाल किया कि एनएस के ब्लॉक 2 का प्रमोशन और मॉनिटरी बेनिफिट नही है अगर वो डिप्लोमा नही करता है तो जो कि बहुत ही ना के बराबर सीट है डिप्लोमा मैं और जो है भी उन्हें वे लोग प्रमोशन नही दे पा रहे यूनियन से आग्रह है कि इनलोगों को मॉनिटरी बेनिफिट दिया जाए, वहीं प्लांट वर्क्स मे एनएस के ब्लॉक 2 स्टील वेज के सीनियर एसोसिएट के बराबर काम करता है पर इनलोगों को कोई बेनिफिट और प्रमोशन का लाभ नही हो रहा है, वहीं टीएमएच में बहुत सी दवाइयों की कमी हैं जो कर्मचारियों को नही मिल पा रहा और जो मिल रहा था उसका भी स्टॉक मेंटेन नही किया जा रहा है और कर्मचारियों को बाहर से दवाइयों को लेना पड़ रहा है.

एलडी1 के जेपी लेंका ने कहा कि एलडी1 का आरओ 2016 का प्रपोजल अब तक पेंडिंग है, ब्लाक 2 से ब्लाक टू को मोड्यूल अभी तक खत्म नहीं हुआ. जो मोड्यूल पास होकर चार साल बैंठे है उनका प्रमोशन पेंडिंग है.
पीएच5 के सीएसपी सिंह ने सवाल किया कि न्यू माइक्रो टर्बाइन लग रहा है जिससे काम का बोझ बढ़ेगा उसके लिए उन्हों इंक्रीमेट दिया जाए और मैन पावर इंक्रीज किया जाए. ब्लाक टू से ब्लाक थ्री जाने का कोई भी रास्ता आसान निकाला जाए और ब्लाक थ्री और ब्लाक फोर में जाने के लिए रास्ता निकाला जाए. सीआरएम के गुलाब चंद यादव ने कहा कि बिष्टुपुर जी1 और जी2 क्वाटर में सुविधा बढ़ाया जाए, दो रुम के बीच में ओपन स्पेस को बंद किया जाए.
सीआरएम विभाग के कमिटी मेंबर सरोज पांडेय ने कहा कि सीआरएम विभाग में क्रेन में जो एनएस साथी 14 साल से एवं जूनियर एसोसिएट 19 साल से पदोन्नति नहीं हुआ है एवं बहुत सारे साथी रिटायरमेंट हो चुके हैं उसी सेम ग्रेड में उनका प्रमोशन का रास्ता यूनियन खोज निकाले. 2008 से जो सियाराम में एसोसिएट के तौर पर पदस्थापित हुआ है उसको हर 4 साल में डबल इंक्रीमेंट नहीं मिल रहा है उसका भी अध्यक्ष समाधान निकालें. जो भी कर्मचारी अपने तीन पुस्तों से काम कर रहे है कंपनी में, स्थानीय नीति के तहत डोमिसाइल सर्टिफिकेट सपोर्टिंग डॉक्यूमेंट कंपनी कर्मचारी को प्रदान करें, इस टेन्योर में टाटा वर्कर्स यूनियन अध्यक्ष के नेतृत्व में जिस तरीका से समन्वय बनाकर कमेटी मेंबर एवं ऑफिस वेयर मिलकर अपने विभाग के काम कर रहे हैं, उन्होंने कहा कि अध्यक्ष से अनुरोध है कि आने वाला समय में इसी तरह चुनाव के दौरान भी समन्वय बनाकर काम करते रहें. सभी ऑफिसर इस मुद्दे पर अपने विचार रखें.
यूसीएम पेलेट प्लांट के तरुण कुमार ने सवाल किया कि ग्रेड का इंक्रीमेंट रेट भी स्टील गेट की तरह 3% होना चाहिए, एनएस ग्रेड का रिटायरमेंट के बाद भी मेडिकल फैसिलिटी है या नहीं और अगर नहीं है तो इसको लागू किया जाए, एनएस ग्रेड के कर्मचारी जो कि डिप्लोमा नहीं किए हुए हैं और एनएस6 में स्टैग्नेंट है उसको वर्क एक्सपीरियंस के आधार पर एनएस7 के लिए एलिजिबल किया जाए, मेंटेनेंस के एनएस कर्मचारियों के लिए ब्लॉक 4 का पोस्ट ही होना चाहिए बहुत सारे कर्मचारी एनएस-9 स्टैग्नेंट हो गए हैं.
यूसीएम के आईबीएफ डी भानुजी ने कहा कि मेंटेनेंस विभाग में एनएस-12 तक नही है, ऑपरेशन में है, एक प्लांट में सबके लिए समान अधिकार होना चाहिए और कॉमन स्ट्रक्चर की बात होनी चाहिये. वहीं एनएस -07 के लिए डिप्लोमा चाहिए और उसके बाद भी जो 10 साल से एक्टिंग कर रहा है, उसकी सीनियोरिटी बाइपास करके दूसरे को प्रोमोट कर दिया जाता है. जनरल शिफ्ट 5 दिनों का होना चाहिए, इससे कम्पनी की पावर सेविंग के साथ-साथ वातावरण की भी सेविंग होगी, और कर्मचारी गण सोसाइटी के लिए वोलेंटरशिप देने में अपना योगदान निभाएंगे. एनएस ग्रेड का इयरली इंक्रीमेंट में पुनः विचार किया जाए, क्योंकि इयरली इंक्रीमेंट 1000 रुपये से भी कम है, जो एनएस-09 के बेसिक का 1.5 फीसदी किया जाए.
कोक प्लांट के अरविंद यादव ने कहा कि एनएस के ब्लॉक 2 से ब्लॉक 3 मे जाने के लिए डिप्लोमा का बाध्यता खत्म होनी चाहिए. एन एस के ब्लॉक 3 से ब्लॉक 4 का प्रमोशन का रास्ता खुले. स्टील वेज के वी17 ग्रेड का आगे का प्रमोशन का रास्ता खुले. 500 बहाल हुए नए कर्मचारियों का वेतनमान बढ़ाया जाए जो कि अभी बहुत कम है.
टाटा वर्कर्स यूनियन के विपक्ष के नेता आरसी झा ने कहा कि यूनियन के संविधान का पालन, समय पर कमिटी मीटिंग, उपचुनाव नहीं करना, अपने बनाए हुए संविधान का पालन हम खुद नहीं करेंगे तो कौन करेगा. हमने यूनियन में 1997 से लोकतंत्र और पारदर्शिता को बनते हुए और स्थापित होते देखा है. आज खुद से इस चीज को खत्म कर रहे हैं. कृपया ऐसा नहीं करें.
एफटीसी यानी फिक्स्ड टर्म कॉन्ट्रैक्ट पर बहाली के विषय में मैंने सितम्बर माह में हुई पिछली बैठक में भी उठाया था. इस के बारे में आपने कोई स्पष्ट जबाब नहीं दिया. इस के बारे में कोई पारदर्शिता नेतृत्व के द्वारा दिखाई नहीं गई है. इसके साथ साथ नई बनी कंपनियों में बहाली के संबंध में भी कोई जानकारी आपलोगों के द्वारा नहीं दी गई है. क्या हमारे नेतृत्व के द्वारा यह समझौता कर लिया गया है अथवा बात चल रही है इसे स्पष्ट किया जाए. आनेवाले भविष्य में टाटा स्टील के पैरोल में कर्मचारियों की बहाली की जाएगी या नहीं. इसे हाउस में स्पष्ट किया जाए. याद रखिए कि कोई भी ऐसा काम मत करिए कि आप आखिरी मुगल बन जाएं. जिस तरह हमारे पूर्व नेतृत्व ने संस्था को मजबूत किया और बचा के रखा उसी तरह संस्था को आने वाले जेनरेशन के लिए बचा के रखना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है. (नीचे भी पढ़ें)

आरसी झा ने कहा कि कॉमन वेज स्ट्रक्चर एक ऐसी चीज है जो हर कर्मचारी और हर कमिटी मेम्बरों को प्रभावित करता है. इस पर आपलोग बात कर रहे हैं लेकिन कमिटी मेम्बरों से इस पर कोई विचार नहीं किया गया है. उनका सुझाव है कि इस बात पर कोई भी फैसला कमिटी मेम्बरों से विचार करने के बाद लिया जाए. कर्मचारियों के लिए भी अधिकारियों की तरह फ्लेक्सी पंचिंग लागू किया जाए अन्यथा हर माह सभी कर्मचारी बिना वेतन की छुट्टी का नुकसान उठाते रहेंगे. अन्त में मेरे विभाग में पुरानी बैटरी 5 और 6 को पुनर्निर्माण कर नया बनाया जा रहा है लेकिन बताया जा रहा है उसमें सिर्फ महिलाओं को ही काम दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि महिलाओं को काम देने का विरोधी नहीं है परंतु डाइवर्सिटी के नाम पर पुरुषों के साथ डिस्क्रिमिनेशन नहीं होना चाहिए. पुरानी बैटरी में जो हमारे कर्मचारी काम कर रहे हैं उनकी मेहनत और अनुभव के कारण उन्हें नई बैटरी 6 में काम करने का अवसर जरूर मिलना चाहिए. इस संबंध में हमने अन्य कमिटी मेम्बरों के साथ और व्यक्तिगत रूप से भी आपको अनुरोध किया कि इस मुद्दे पर उच्च प्रबंधन के साथ बात कर हमलोगों के हीत की रक्षा की जाए.

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