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tata-workers-union-controversey-टाटा स्टील के कर्मचारियों के मुद्दे पर ‘भिड़े’ टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष और महामंत्री, मैनेजमेंट के अधिकारियों के समक्ष अध्यक्ष की टिप्पणी से भड़के महामंत्री, माहौल गरमाया

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टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष आर रवि प्रसाद और महामंत्री सतीश सिंह.

जमशेदपुर : टाटा स्टील के कर्मचारियों के मुद्दे पर टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष आर रवि प्रसाद और महामंत्री सतीश सिंह के बीच एक बार फिर से टकराव हो गया है. गुरुवार को टाटा स्टील के कर्मचारियों के सुरक्षा कार्ड के मुद्दे पर मीटिंग बुलायी गयी. इस मीटिंग में टाटा स्टील के वीपी एचआरएम सुरेश दत्त त्रिपाठी, जुबिन पालिया और संजय विरमानी के साथ यूनियन के अध्यक्ष आर रवि प्रसाद, महामंत्री सतीश सिंह और डिप्टी प्रेसिडेंट अरविंद पांडेय संयुक्त रुप से वार्ता कर रहे थे. इस वार्ता के दौरान सबसे पहले महामंत्री सतीश सिंह ने वीपी एचआरएम सुरेश दत्त त्रिपाठी के साथ बैठक की. इस बैठक में सतीश सिंह ने कहा कि एलडी 2 का आरओ को फाइनल कर दिया गया है जबकि आरएमबीबी-2 में भी आरओ फाइनल कर दिया गया है, लेकिन उनको ऑनलाइन मीटिंग में जोड़ा तक नहीं गया. इस शिकायत पर अध्यक्ष आर रवि प्रसाद ने रोक दिया. अध्यक्ष आर रवि प्रसाद ने कहा कि मीटिंग हो चुकी है, अब इस पर क्या बात करना है. ज्वाइंट कमेटी की मीटिंग में भी लोगों को रख दिया गया, लेकिन आज भी ज्वाइंट कमेटी के बारे में कोई जानकारी तक नहीं दी है. जेडब्ल्यूसी जैसे कमेटी में जहां महामंत्री खुद चेयरमैन है तो उनको भी कमेटी में शामिल किये गये सदस्यों की जानकारी उनको नहीं दी गयी, जो आपत्तिजनक है. अध्यक्ष ने इस पर भी कड़ी आपत्ति जतायी तो महामंत्री ने भी आपत्ति जता दी और स्थिति तूतू-मैमै तक होने लगी. इसके बाद वीपी एचआरएम सुरेश दत्त त्रिपाठी ने रोक दी. महामंत्री सतीश सिंह ने कहा कि कई सारे इंस्टीच्यूट से डिप्लोमा लेने वाले को पहले से ही मान्यता मिलती थी, लेकिन अब उसको भी ब्रिज कोर्स कराना ही होगा. इस फैसले को भी रोका जाना चाहिए. इस पर फिर से अध्यक्ष आर रवि प्रसाद ने भी रोका तो फिर महामंत्री ने आपत्ति जतायी. महामंत्री ने कहा कि जिस तरह वर्ष 2017 के जुलाई माह में यूनियन और मैनेजमेंट की सहमति से आइएमइ से डिप्लोमा करने को मान्यता दी गयी थी, उसी तरह अभी भी इसकी मान्यता को जारी रखा जाये. सतीश सिंह का कहना है कि 2017 में जब टाटा स्टील ने आइएमइ समेत कई संस्था को मान्यता दी थी, तब करीब एक हजार से ज्यादा कर्मचारियों ने इसमें डिप्लोमा कोर्स करने के लिए अपना दाखिला ले लिया था. इसमें से 80 फीसदी कर्माचरियों ने अपना कोर्स पूरा कर लिया है और सिर्फ रिजल्ट आना बाकि है.सतीश सिंह ने बताया कि 17 जून 2020 में जो मैनेजमेंट और यूनियन ने मीटिंग की और तय किया, उसके मिनट्स में कहा गया है कि आइएमइ की मान्यता नहीं है, जिसकी वजह से इससे डिग्री लेने वालों को ब्रिज कोर्स कर ही मान्यता लेनी होगी. सतीश सिंह ने कहा कि टाटा वर्कर्स यूनियन के 8 कमेटी मेंबर भी इस तरह का कोर्स कर रहे है. ऐसे में कर्मचारियों और कमेटी मेंबरों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसको लेकर भी अध्यक्ष आर रवि प्रसाद ने आपत्ति जतायी, जिसको लेकर फिर से महामंत्री सतीश सिंह के साथ टकराव की स्थिति हो गयी, जिसको लेकर माहौल गरम हो गया है.

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