जमशेदपुर : देश की बड़ी इस्पात निर्माता कंपनी टाटा स्टील की अधीकृत टाटा वर्कर्स यूनियन को कोरोना को देखते हुए दो माह से बंद रखा गया है. 31 अगस्त तक यूनियन को बंद कर दिया गया है. ऐसे में टाटा स्टील के मजदूरों से संबंधित कई सारे काम पेंडिंग हो गये है जबकि कई सारे काम उनके नहीं हो पा रहे है. इसको लेकर लोग फोन पर अधिकारियों से संपर्क कर रहे है, लेकिन अब तक ऑनलाइन शिकायत करने या उसके निष्पादन का कोई व्यवस्था नहीं बन पाने के कारण कर्मचारी काफी परेशान नजर आ रहे थे. इस बीच टाटा वर्कर्स यूनियन के डिप्टी प्रेसिडेंट अरविंद पांडेय ने मजदूरों के डिमांड को देखते हुए और उनकी परेशानियों को देखते हुए आपात हेल्प डेस्क बनाया है. कोविड-19 के बीच वे अपने आवास से सटे हुए कार्यालय में हर दिन काफी संख्या में कर्मचारियों के क्वार्टर, बच्चों के इलाज से लेकर उनके रेफरल केस समेत तमाम केस को निबटाया जा रहा है.
जहां सारे पदाधिकारी आराम के मोड में है, वहीं, डिप्टी प्रेसिडेंट बकायदा अपना निजी हेल्प डेस्क खोलकर मजदूरों की मदद कर रहे है, जो रामबाण के तौर पर सामने आया है. यहां लोगों की मदद की जा रही है. वहीं कोरोना काल के सारे नियमों का अनुपालन भी किया जा रहा है. इसके तहत उनके कार्यालय में हाथ धोने के लिए लिक्वीड शोप और पानी का कंटेनर से लेकर सैनिटाइजर को अनिवार्य किया गया है जबकि बिना मास्क के इंट्री पर रोक लगा दी गयी है. सोशल डिस्टेंसिंग के जरिये कार्यालय का संचालन किया जा रहा है. अरविंद पांडेय ने बताया कि वे लोग मजदूरों के लिए ही चुनाव जीतकर आते है और मजदूरों का काम नहीं कर पाये तो फिर उनका यूनियन में रहना बेकार है. ऐसे में मजदूरों के हितों का काम हम इस आपातकाल में कर रहे है, जिससे अपने को भी शांति मिल रही है.