जमशेदपुर : टाटा वर्कर्स यूनियन का चुनाव बुधवार को श्रम विभाग के पर्यवेक्षण में होने जा रहा है. श्रम कल्याण पदाधिकारी सियाराम सिंह की देखरेख में यह चुनाव होगा. इसको लेकर कार्यक्रम घोषित की गयी है. इसके तहत 12 जनवरी यानी बुधवरार को सुबह 9.30 बजे से टाटा स्टील परिसर स्थित स्टीलेनियम हॉल में मतदाता सूची यानी कमेटी मेंबरों की सूची जारी की जायेगी. उसके बाद नामांकन पत्र का वितरण किया जायेगा. उसके बाद सुबह 10 बजे से 10.15 बजे तक नामांकन पत्र जमा कराया जायेगा. सुबह 10 बजकर 15 मिनट पर प्रत्याशियों की सूची का प्रकाशन किया जायेगा. इसके बाद प्रत्याशियों की सूची का प्वकाशन किया जायेगा और इसकी जांच की जायेगी. नामांकन पत्र की वापसी का समय सुबह 10.30 बजे से 10.45 बजे तक रहेगी. प्रत्याशियों की अंतिम सूची सुबह 10 बजकर 45 मिनट से शुरू की जायेगी. मतदान सुबह 11 बजे से शुरू होगा, जो वोटिंग होने तक चलेगा और मतगणना होगी. इस मतदान के दौरान किसी तरह का कोई कैमरा, मोबाइल फोन, पेन कैमरा समेत अन्य तरह के इलेक्ट्रॉनिक गैजे का इस्तेमाल करने पर पूरी तरह रोक लगा दी गयी है.
इस तरह चुनावी तैयारी शुरू कर दी गयी है. इधर एलडी 2 के कमेटी मेंबर सुभाष खुद डीएलसी के पास मिलने पहुंचे और चुनाव में किसी तरह का इलेक्ट्रॉनिक गैजेट के इस्तेमाल पर रोक लगाने की मांग की. इसके अलावा यह भी मांग की गयी कि तत्काल साफगोई से चुनाव कराया जाये और किसी तरह के हस्तक्षेप को रोका जाये. इसको लेकर सुभाष के आवेदन को स्वीकार करते हुए गाइडलाइन भी जारी कर दिया गया है. इस बीच मतदान के ठीक एक दिन पहले टाटा वर्कर्स यूनियन के डिप्टी प्रेसिडेंट अरविंद पांडेय तथा पूर्व डिप्टी प्रेसिडेंट शैलेश सिंह गुट की बैठक अरविंद पांडे की अध्यक्षता में हुई. इस बैठक 13 जनवरी 2021 को टाटा वर्कर्स यूनियन में होने वाले चुनाव संचालन समिति के जीत को सुनिश्चित करने के बारे में विचार मंथन किया गया तथा तैयारी का जायजा लिया गया. बैठक में रिटर्निंग ऑफिसर के प्रत्याशी प्रवीण कुमार सहित चुनाव संचालन समिति के सभी छह सदस्यों के पक्ष में 150 कमेटी मेंबरों के समर्थन आश्वासन मिलने पर संतुष्ट नजर आए. बैठक में टाटा वर्कर्स यूनियन के उपाध्यक्ष शाहनवाज आलम, रिटर्निंग ऑफिसर के प्रत्याशी प्रवीण कुमार सहित टीम के प्रदीप कुमार सिंह, एके सिंह मुखिया, एसडी तिवारी, एके कर्ण तथा संजय दुबे उपस्थित थे.
इधर विपक्ष के नेता सतीश सिंह ने भी दावा किया है कि करीब 180 कमेटी मेंबरों का समर्थन मिल रहा है. इसमें किसी तरह का कोई दिक्कत नहीं है. लोगों का अपार समर्थन मिल रहा है और जीत हर हाल में होगी. आपको बता दें कि कुल 205 कमेटी मेंबर वोट डालेंगे, जिसमें से 103 कमेटी मेंबर जिसके पाले में होंगे, उसकी जीत तय हो जायेगी. ऐसे में कोई 180 तो कोई 150 का दावा कर रहा है, जिससे चुनाव रोचक स्थिति में आ चुकी है.
इधर टाटा वर्कर्स यूनियन के विपक्ष के कमेटी मेंबर सरोज सिंह ने एक प्रेस रिलीज जारी किया है. इसमें उन्होंने कहा है कि अध्यक्ष, टाटा वर्कर्स यूनियन जिनके अपने ही नेतृत्व में संविधान संशोधित हुए, वही यूनियन के निबंधित संविधान के आर्टिकल X:1 a और b के विरुद्ध जाकर इस दौरान कराए गए उपचुनाव में आरओ समेत चुनाव समिति का गुप्त मतदान से चुनाव न कराकर उन्हे मनोनित करके, हम सभी कमेटी मेंबरों को गुप्त मताधिकार से वंचित किया था और यूनियन में एक कानूनी विवाद को जन्म दिया था. तभी तो उसी टीम द्वारा आज उन्हीं कमेटी मेंबरों को एक स्वच्छ और निष्पक्ष चुनाव कराने का वादा और दावा नि:संदेह भ्रामक, झूठा और हास्यास्पद है. वह तो गनिमत है कि उपचुनाव में सीट पूर्व निर्धारित रहते हैं और उसके निर्धारण को लेकर गड़बड़ी की संभावना शून्य रहती है इसलिए यह बड़े विवाद का रूप न ले सका. इसके अलावा उसी चुनावी विवाद में अपना पक्ष रखने के क्रम में इसी सत्तापक्ष ने, अध्यक्ष के निजी सचिव श्री कुमार के सेवा विस्तार के लिए कमेटी मेंबरों से करवाए गए हस्ताक्षर का नाजायज इस्तेमाल करते हुए उसको उपश्रमायुक्त, जमशेदपुर को जमा करके सभी के साथ धोखाधड़ी तक कर डाली थी. संविधान तोड़ना और इस तरह की धोखाधड़ी इस टीम की पुरानी आदत बन चुकी है और अपने कार्यकाल में बहुत सारे मजदूर विरोधी कामों के चलते चुनाव में अपनी निश्चित हार देखते हुए सीटों को तोड़-मरोड़ कर जैसे तैसे पुनः सत्ता पर काबिज़ होने की साजिश मात्र है. वर्तमान कमेटी मेंबरों को ही पुनः जीताना अगर इनका मकसद ही होता तो ये लोग आरओ जैसे महत्वपूर्ण पद पर गैर कमेटी मेंबर की जगह वर्तमान यूसीएम को टिकट देते जबकि इस टीम द्वारा उन्हें नीचे पद पर लड़ा कर उनके सीनियरिटी की तौहीन की जा रही है. आश्चर्य नहीं होगा कि इन सभी कवायदों के बावजूद अगर इनके समर्थित चुनाव समिति के सदस्य की हार हो जाती है उस परिस्थिति में वर्तमान अध्यक्ष, टाटा वर्कर्स यूनियन, भीतर खाने से चुनाव समिति में एक्स ऑफिशियो मेंबर के बहाने घुसकर गड़बड़ी फैलाने और इसको विवादित करने का पुरजोर प्रयास भी कर सकते हैं, जबकि यह प्रावधान 1971 से सिर्फ प्रबंधन और यूनियन द्वारा गठित संयुक्त उप समिति भर के लिए ही है. 2015 में संशोधित और निबंधित टाटा वर्कर्स यूनियन का संविधान के आर्टिकल X : (f) और (1-a) में यह स्पष्ट वर्णित है कि चुनाव समिति में सिर्फ एक (1) आरओ और छह (6) सदस्य ही होंगे जिन का चुनाव वर्तमान कमेटी मेंबरों द्वारा गुप्त मतदान से होगा इससे यह स्पष्ट होता है कि अध्यक्ष भी बाकी कमेटी मेंबरों की तरह सिर्फ़ एक मतदाता ही रहेंगे. दूसरी ओर सत्ता पक्ष के विरुद्ध पूर्व डिप्टी प्रेसिडेंट और वर्तमान कमेटी मेंबर संजीव कुमार चौधरी उर्फ टुन्नु की टीम ने आरओ पर सेफ्टी और फायर ब्रिगेड के कमेटी मेंबर संतोष कुमार सिंह के नेतृत्व में टीम उतारी है. सरोज सिंह ने कहा कि संतोष एक युवा कमेटी मेंबर हैं, जिन्होंने समान पद और क्षेत्र पर अपनी मजबूत और सुनिश्चित जीत से सिर्फ इसलिए त्याग किया क्योंकि वे और उनकी टीम यूनियन चुनाव में सीटों के निर्धारण में गड़बड़ी का भय दिखाकर कमेटी मेंबरों के गुप्त मताधिकार को प्रभावित करने वाली परंपरा को बंद करवा कर एक मिसाल पेश कर सकें. टीम टुन्नू चौधरी ने वर्तमान सत्र में सत्ता पक्ष के हर मजदूर विरोधी कामों, प्रस्ताव और समझौतों का पुरजोर विरोध किया है और सही मायने में विपक्ष की उत्कृष्ट भूमिका निभाई है. वर्तमान सत्ता के कारगुज़ारियों से बहुसंख्यक कमेटी मेंबर जो यूनियन में सकारात्मक बदलाव लाना चाहते हैं, उनके द्वारा इस टीम के आरओ प्रत्याशी संतोष कुमार सिंह और उनके चुनाव समिति के कुल छह (6) प्रत्याशियों क्रमशः ए कृष्णा राजू, आशी कुमारी, अजीत कुमार लकड़ा, नितिन कुमार झा, पीएन सिंह और महेश कुमार को भारी मतों से जिताने का काम करेंगे.