जमशेदपुर : टाटा वर्कर्स यूनियन के चुनाव को लेकर बुधवार को कमेटी मीटिंग हुई. इस कमेटी मीटिंग में कमेटी मेंबरों ने चुनाव कराने को हरी झंडी दे दी. कमेटी मीटिंग बिष्टुपुर स्थित यूनियन परिसर में आयोजित की गयी थी. इस मीटिंग में मौजूद कमेटी मेंबरों और सारे पदाधिकारियों ने पहले तो दिवंगत लोगों को श्रद्धांजलि दी और फिर पिछले मीटिंग के मिनट्स को पढ़कर महामंत्री सतीश सिंह ने सुनाया. इसके बाद चुनाव को लेकर परिचर्चा करायी गयी.
इस दौरान सीआरएम के कमेटी मेंबर एके गुप्ता ने कहा कि अभी तत्काल कोविड-19 के कारण चुनाव कराना ठीक होगा या नहीं, यह देख लेना चाहिए. वैसे दबी जुबान में कई लोग चाह रहे थे कि चुनाव नहीं हो, लेकिन कोई खुलकर बोलने को तैयार नहीं था. इस दौरान यह बताया गया कि चुनाव का पहले रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ) का चुनाव कराया जायेगा जबकि चुनाव समिति के छह सदस्यों का भी मतदान होगा, जिसके बाद वहीं कमेटी और रिटर्निंग ऑफिसर पूरी चुनावी प्रक्रिया करायी जायेगी. कमेटी मीटिंग के दौरान तिथि की घोषणा नहीं हुई, लेकिन यह तय हो गया कि शुक्रवार को फिर से कमेटी मीटिंग बुलायी जायेगी, जिसमें इस मीटिंग को कंफर्म किया जायेगा.
अध्यक्ष आर रवि प्रसाद ने मीटिंग के बाद बताया कि चुनाव को मंजूरी दी गयी है. इस चुनाव की तिथि की घोषणा जल्द कर दी जायेगी. वैसे यह कोशिश है कि हर हाल में 14 जनवरी यानी मकर संक्रांति के पहले चुनाव करा लिया जाये, इसकी कोशिश शुरू की गयी है. खुद अध्यक्ष अरविंद पांडेय ने भी यहीं घोषणा की है.
दूसरी ओर, टाटा वर्कर्स यूनियन के पूर्व उपाध्यक्ष एम भाष्कर राव ने भी चुनाव को लेकर अपना बयान जारी किया है. भाष्कर राव ने कहा है कि आने वाले चुनाव में टाटा वर्कर्स यूनियन के सदस्यों को काफी सोच समझ कर निर्णय लेने की जरूरत है. पिछले तीन साल में यूनियन के सभी पदाधिकारियों ने मिलजुल कर कर्मचारियों का नुकसान किया. सभी समझौते पर मिलकर हस्ताक्षर किया और हर कर्मचारी का लाखों का नुकसान किया. चाहे वह एक साल का मेडिकल एक्सटेंशन बन्द करना हो, डीए फ्रिज करना हो, एनएस ग्रेड के कर्मचारियों का नुकसान करना हो, सभी में पूरे 11 पदाधिकारियों ने मिलकर हस्ताक्षर किया. उस वक्त किसी ने इन समझौते पर विरोध नहीं किया.
श्री राव ने कहा है कि आज अलग-अलग खेमों में बंटकर पक्ष और विपक्ष बनने का नाटक कर रहे हैं. ये लोग मजदूरों की समस्याओं पर कोई बात नहीं कर रहे हैं सिर्फ दो गिरोह बना कर कमिटी मेम्बरों को गुमराह कर रहे हैं. दोनों टीम के लोग इन समझौतों पर अपनी राय नहीं रख रहे हैं सिर्फ मुद्दों को डाइवर्ट करने का प्रयास कर रहे हैं. ये सब लोग किसी तरह सत्ता हासिल कर अपना स्वार्थ सिद्ध करना चाहते हैं. श्री राव ने अपील की है कि सभी मजदूर मजदूर विरोधी नेताओं को पहचान लें और आने वाले चुनाव में सबक सिखायें.