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tata-workers-union-election-टाटा वर्कर्स यूनियन चुनाव में शुक्रवार की सुबह घटी बड़ी घटना, सत्ता पक्ष के अरविंद पांडेय और संजीव चौधरी टुन्नु-सतीश सिंह ने मिलाया हाथ, चाय पर हुई चर्चा, साथ चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू, सत्ता पक्ष में सनसनी

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टाटा वर्कर्स यूनियन के डिप्टी प्रेसिडेंट अरविंद पांडेय (केसरिया रंग के टी शर्ट में) के घर पर चाय पर चर्चा करते अध्यक्ष पद के उम्मीदवार और पूर्व डिप्टी प्रेसिडेंट संजीव चौधरी टुन्नु और महामंत्री सतीश सिंह. यह तस्वीर शुक्रवार की सुबह 9 बजे की है.

जमशेदपुर : टाटा वर्कर्स यूनियन के चुनाव में शुक्रवार की सुबह बड़ा उलटफेर लेकर आया. यूनियन के सत्ता पक्ष (आर रवि प्रसाद, शहनवाज आलम और शैलेश सिंह की तिकड़ी गुट) के कद्दावर नेता और वर्तमान में डिप्टी प्रेसिडेंट अरविंद पांडेय ने विपक्ष के नेता और पूर्व डिप्टी प्रेसिडेंट संजीव चौधरी टुन्नु और वर्तमान महामंत्री सतीश सिंह के साथ घंटो चाय पर चर्चा की. बिष्टुपुर स्थित अरविंद पांडेय के आवास पर सुबह करीब नौ बजे खुद विपक्ष के नेता और अध्यक्ष पद के उम्मीदवार संजीव चौधरी टुन्नु और सतीश सिंह पहुंचे. बताया जाता है कि अरविंद पांडेय ने भी उनका अभिवादन किया. उनके साथ उपाध्यक्ष हरिशंकर सिंह भी मौजूद थे. आपसी सारे गिले शिकवे को दूर कर अरविंद पांडेय से सतीश सिंह और संजीव चौधरी टुन्नु ने चुनाव में साथ लड़ने की गुजारिश की. आपको बता दें कि अरविंद पांडेय, सतीश सिंह और संजीव चौधरी टुन्नु पुराने मित्रों में है. वैसे संजीव चौधरी टुन्नु सीनियर है, जिनके अधीन रहकर अरविंद पांडेय ने राजनीति में तेजी लायी थी जबकि सतीश सिंह के साथ अरविंद पांडेय की पुरानी दोस्ती रही है. इस दोस्ती और बड़े भाई और छोटे भाई के रिश्ते की राजनीति में भी मुहर शुक्रवार को लग गयी. इन चारों ने करीब आधे घंटे तक बातचीत की और आपसी गिले शिकवे को दूर कर एक साथ मिलकर चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू कर दी. वैसे खुद अरविंद पांडेय ने इस बारे में अधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा है लेकिन अध्यक्ष पद के उम्मीदवार संजीव चौधरी टुन्नु और महामंत्री सतीश सिंह ने कहा है कि मुलाकात काफी बेहतर रहा है. निश्चित तौर पर अरविंद पांडेय हमारे साथ है और साथ रहेंगे. खुद अरविंद पांडेय ने कहा कि सतीश सिंह और संजीव चौधरी आये थे. वे लोग पुराने साथी रहे है और राजनीति अपनी जगह है और संबंध अपनी जगह. उनके साथ पुरानी दोस्ती रही है, जो बरकरार रहेगी. वैसे खुलकर चुनाव में साथ लड़ने की बात पूछे जाने पर उन्होंने कुछ नहीं कहा. वैसे आपको बता दें कि अरविंद पांडेय सत्ता पक्ष के कद्दावर नेता थे और वे वर्तमान में डिप्टी प्रेसिडेंट है और उनका अपना जनाधार भी है. मजदूरों के बीच उनकी गहरी पैंठ है. इसके बावजूद सत्ता पक्ष में उनको अध्यक्ष पद के उम्मीदवार के रुप में घोषित नहीं किया जा रहा था जबकि कई बार से यूनियन चुनाव में हार का मुंह देखने वाले शैलेश सिंह को अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बनाया जा रहा था, जिसको लेकर अंदरखाने नाराजगी चल ही रही थी. ऊपर से उनका साथ मांगने के लिए खुद संजीव चौधरी टुन्नु और सतीश सिंह आ गये तो पुरानी दोस्ती एक बार फिर से उफान पर आ गया और सब एक साथ हो गये. यह टाटा वर्कर्स यूनियन के चुनाव की बड़ी घटना है, जिससे आर रवि प्रसाद गुट के सत्ता पक्ष के लोग सकते में आ गये है. इस बड़े उलटफेर में वैसे सहायक सचिव नितेश राज ने पहली कील मारी थी, जब उन्होंने साफ बयान दे दिया था कि वे किसी भी हाल में शैलेश सिंह को अध्यक्ष नहीं मान सकते है. इस बयान के बाद सियासी घमासान शुरू हो गया था और अब खुद अरविंद पांडेय के साथ सतीश सिंह और टुन्नु चौधरी के मिलन से सियासी समीकरण ही बदल गया है. अगर अरविंद पांडेय के साथ सतीश सिंह और टुन्नु चौधरी की तिकड़ी मिल जाती है तो बड़ा दमदार गठबंधन होगा, जिसमें अध्यक्ष पद के उम्मीदवार खुद संजीव चौधरी टुन्नु होंगे जबकि महामंत्री पद पर सतीश सिंह और डिप्टी प्रेसिडेंट पद पर अरविंद पांडेय चुनाव लड़ेंगे. वैसे पहले रिटर्निंग ऑफिसर के चुनाव में ही इसका आगाज नजर आ जायेगा. इस बड़ी घटना के बाद सत्ता पक्ष के लोग बैकफुट पर है.

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