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tata-workers-union-टाटा वर्कर्स यूनियन के पूर्व अध्यक्ष और मजदूर नेता माइकल जॉन को दी गयी श्रद्धांजलि, टाटा स्टील के मजदूरों के लिए ”गीता सार” कहे जाने वाले 1956 के समझौता के लिए याद किये जाते है माइकल जॉन, 30 साल तक लगातार अध्यक्ष रहे, इंटक के भी राष्ट्रीय अध्यक्ष दो बार रहे, जानें पूरी जीवनी

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जमशेदपुर : टाटा वर्कर्स यूनियन के पूर्व अध्यक्ष सह मजदूर नेता माइकल जॉन को उनके बेल्डीह कब्रिस्तान स्थित मजार पर मोमबत्ती लगाकर टाटा वर्कर्स यूनियन की ओर से श्रद्धांजलि दी गयी. यूनियन के अध्यक्ष संजीव चौधरी टुन्नु, महामंत्री सतीश सिंह, डिप्टी प्रेसिडेंट शैलेश सिंह समेत तमाम पदाधिकारी और कमेटी मेंबर उनके मजार पर जाकर उनको श्रद्धांजलि दी. इसके बाद टाटा वर्कर्स यूनियन परिसर में भी एक प्रार्थना सभा कर उनके कार्यकाल और उनके योगदान को याद किया गया. वे टिनप्लेट कंपनी के भी यूनियन के अध्यक्ष रहे थे जबकि टाटा मोटर्स में भी वे अध्यक्ष पद को सुशोभित कर चुके थे. वे टाटा वर्कर्स यूनियन के पांचवें अध्यक्ष थे, जिनका निधन 3 अगस्त 1977 को हो गया था. वे 1952 और 1961 में दो बार राष्ट्रीय इंटक के अध्यक्ष भी चुने गये थे. वैसे तो माइकल जॉन को कई कार्यों के लिए याद किया जाता है, लेकिन उनके ही नेतृत्व में टाटा स्टील का ऐतिहासिक 1956 का समझौता हुआ था, जो देश के श्रम के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक समझौता माना जाता है. यूनियन नेतृत्व से लेकर कंपनी के सभी मजदूर और मैनेजमेंट भी इस समझौता को गीता के रुप में पूजते है. कंपनी में संयुक्त परामर्श प्रणाली की शुरुआत हुई जो आज भी देश के लिए एक नजीर हैह. सरप्लस कर्मचारियों का नये सिरे से प्रशिक्षित कर उन्हें दूसरे विभागों में समायोजित करने का समझौता हुआ. लगभग 30 वर्षों तक वे ही अधय्क्ष रहे थे. इतना लंबा कार्यकाल किसी का नहीं रहा.

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