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tata workers union politics – टाटा वर्कर्स यूनियन की आंतरिक राजनीति तेज, रविवार को बुलायी गयी होली मिलन के बहाने खास वर्ग को जोड़ने की कोशिश, एक कमेटी मेंबर ने अपना दर्द बयां कर फैलायी सनसनी, अध्यक्ष टुन्नु के लिए बढ़ सकती है मुसीबतें

राशिफल

जमशेदपुर : टाटा स्टील की अधीकृत यूनियन टाटा वर्कर्स यूनियन में अचानक से बगावती तेवर तेज हो गया है. वहीं, अध्यक्ष संजीव चौधरी टुन्नु के खिलाफ एक तरह से माहौल बनाने की कोशिश हो रही है. इस कड़ी में इससे पहले एक खास वर्ग के लोगों की आंतरिक पिकनिक बुलायी गयी थी. वहीं, कमेटी मेंबर श्याम बाबू के नेतृत्व में कुछ चुनिंदा लोगों के साथ मिलकर एक होली मिलन का आयोजन किया जा रहा है. (नीचे भी पढ़ें)

इस होली मिलन में कुछ खास लोगों को बुलाया जा रहा है. आने वाले चुनाव को लेकर इसको तैयारी के रुप में देखा जा रहा है. पहले पिकनिक बुलाना और अब एक बार फिर से कुछ लोगों का होली मिलन समारोह आयोजित होने वाला है. साकची टैगोर स्कूल के पीछे वाले मैदान में इसका आयोजन किया जा रहा है. (नीचे भी पढ़ें)

दूसरी ओर, शुक्रवार को टाटा वर्कर्स यूनियन के एलडी वन के कमेटी मेंबर निरंजन प्रसाद ने एक बगावती पोस्ट कमेटी मेंबरों के ग्रुप में करके नयी सनसनी फैला दी है. उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा है ”काफी दिनों बाद एक पुराने यूसीएम से बहुत देर तक यूं ही चर्चा चल रही थी, आज भी वह यूसीएम है और मेरे लिए तो बहुत ही आदरणीय हैं नाम नहीं लूंगा लेकिन उनके अनुभव को जरूर इस मंच पर शेयर करना चाहता हूं. (नीचे भी पढ़ें)

उनकी आहत को हम ऐसे समझ सकते हैं. उन्होंने खुद कहा यूनियन में जो पहले मशाल की तरह कर्मचारियों से जुड़े मुद्दों को ज्वलंत बनाकर रखते थे आज वह या तो पदाधिकारी हैं या सीनियर यूसीएम के तौर पर आज भी हमारे बीच में है, बदला है तो सिर्फ उनका सोचने का नजरिया, पता नहीं क्यों या तो उनके मन में अब ऐसे ही चलने की आदत हो गई है या उनको ऐसा लगता है कि अब इसमें कोई बदलाव आ ही नहीं सकता. (नीचे भी पढ़ें)

मैं भी तीन बार का यूसीएम हूं, हमारे साथी बहुत सारे हैं जो कि साथ में ही यूसीएम हैं मुझे भी लगता है मुद्दे गौण हो गए हैं और हम सभी और भी ज्यादा गौण, वरना स्टील मैन्युफैक्चरिंग में मैंने हाल के ही पिछले कार्यकाल का अपना अनुभव बताना चाहता हूं जब भी एबीपी का मीटिंग होता था उसमें सभी यूसीएम को हर साल अप्रैल में वीपी एसएम मंच देते थे. (नीचे भी पढ़ें)

जेडीसी अपना सभी हाईलाइट स्कोर वहां रखती थी और ऐसे शुरू होता था फाइनेंसियल ईयर का सिलसिला किंतु इसके कार्य काल में एक बार भी ऐसा नहीं हुआ, पता नहीं क्यों ना मुझे इसका जवाब पता है और ना ही मुझे मिलेगा, खैर आप भी अपना अनुभव शेयर कर सकते हैं और अंत में मेरे इस कटु अनुभव से किसी को तकलीफ पहुंची हो तो क्षमा प्रार्थी हूं किंतु अनुभव तो अनुभव है वह आपके साथ भी हैं यह बात और है कि आप जिक्र नहीं करते.

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