जमशेदपुर : फोर्ड मोटर्स के चेयरमैन बिल फोर्ड ने भारत की सबसे बड़ी औद्योगिक हस्ती रतन टाटा को उनकी औकात दिखाने की कोशिश की थी. जब टाटा की इंडिका फेल हो गयी थी तो रतन टाटा ने इसे फोर्ड को बेचने की कोशिश की थी. बिल फोर्ड ने रतन टाटा से कहा था कि जब पैसेंजर कार बनाने का कोई अनुभव नहीं था तो ये बचकाना हरकत क्यों की. हम आपका कार बिजनेस खरीदकर आप पर उपकार ही करेंगे. रतन टाटा बुरी तरह हिल गये थे. उसी रात उन्होंने कार बिजनेस बेचने का फैसला टाल दिया था और फिर कार बिजनेस में ताकत लगा दी. यह 1999 का दौर था, लेकिन अब 2021 का दौर है, जहां टाटा ने अब फोर्ड मोटर्स की तमिलनाडू और गुजरात प्लांट को खरीदने के लिए शुरूआती बातचीत की है. आपको बता दें कि फोर्ड मोटर्स ने इन दोनों प्लांट को बंद करने का फैसला लिया है. सबकुछ अगर ठीक रहा तो यह टाटा मोटर्स द्वारा अमेरिका की दिग्गज कार कंपनी से किया जाने वाला दूसरा बड़ा सौदा होगा. मार्च 2008 में भारत की टाटा मोटर्स ने जगुवार लैंड रोवर को फोर्ड से 2.3 अरब डॉलर में खरीद लिया था. टाटा मोटर्स ने अपने घरेलू पैसेंजर वेहिकल कारोबार को अलग कर दिया है और इसकी वैल्यू 9420 करोड़ रुपये लगायी जा रही है. (नीचे पूरी खबर पढ़ें)
बताया जाता है कि टाटा मोटर्स तमिलनाडू और गुजरात यूनिट को खरीदकर अपनी क्षमता बढ़ाना चाहती है. वैसे अभी टाटा मोटर्स के पास पैसेंजर कार की तीन फैक्ट्रियां हैं, इनमें से एक के साथ फिएट क्रिसलर के साथ ज्वाइंट वेंचर के रुप में काम कर रही है. इससे पहले टाटा मोटर्स ने 2008 में जगुवार और लैंडरोवर को खरीद लिया था, जो फोर्ड मोटर्स का ही था. दोनों कार कंपनी की हालत खराब थी, लेकिन अब उसका कायाकल्प हो चुका है. वैसे आपको बता दें कि यह शुरुआती बातचीत का दौर है. टाटा मोटर्स फोर्ड इंडिया को खरीदना चाहती है, इसकी दिलचस्पी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन और टाटा मोटर्स के एमडी गिरीश वाघ ने हाल ही में तमिलनाडू में सरकारी अधिकारियों से भी मुलाकात की है. टाटा मोटर्स की तमिलनाडू में कोई मैनुफैक्चरिंग यूनिट नहीं है. इसके पास गुजरात में एक प्लांट टाटा मोटर्स के पास है. यह फोर्ड के प्रोडक्शनस यूनिट के पास ही है. तमिलनाडू सरकार भी फोर्ड की मैनुफैक्चरिंग यूनिट के लिए मालिक की तलाश कर रही है, जिससे की राज्य में लोगों की नौकरी बचायी जा सके. फोर्ड मोटर्स ने भारत की दोनों मैनुफैक्चरिंग यूनिट में ताला लगाने का फैसला लिया है. सानंद और चेन्नई यूनिट में फिलहाल 4000 कर्मचारी काम कर रहे है. दो अरब डॉलर के ळाटे से अमेरिका कार कंपनी की कमर टूट चुकी है.