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world-aids-day-एड्स के शिकार होते थे ट्रक चालक व खलासी, 55 हजार से ज्यादा ट्रक चालकों व खलासियों को टाटा स्टील ने किया जागरूक, एड्स से बचाने में मिली कामयाबी

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जमशेदपुर : लंबी दूरी के ट्रक चालक और उनके हेल्पर राजमार्गों पर एक महीनों व्यतीत करते हैं और इस तरह विस्तारित अवधि के दौरान अपने घर से दूर रहते हैं. कम दूरी के ट्रक चालकों की तुलना में इनका उच्च जोखिम वाले यौन व्यवहार में संलग्न होने की संभावना अधिक होती है. राजमार्गों पर इनके कई सेक्स पार्टनर होते हैं, जिनमें महिला सेक्स वर्कर भी शामिल हैं या रास्ते में या अन्य स्थानों पर जहां ये आराम अथवा भोजन करने के लिए ठहरते हैं, वहां इनके फिक्स पार्टनर होते हैं. इससे आम लोगों की तुलना में ट्रक चालकों में यौन संचारित संक्रमण (सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शंस-एसटीआई) अधिक पाए जाते हैं. यह भी जानकारी मिली है कि ट्रक चालकों का पुरुषों के साथ भी यौन संबंध होते हैं, जिसके परिणाम स्वरूप उनमें एचआईवी व एड्स और एसटीआई संक्रमण का उच्च जोखिम होता है. लगातार गतिशीलता के कारण ट्रक चालकों में सामान्य स्वास्थ्य देखभाल की कमी होती है. एचआईवी हस्तक्षेप कार्यक्रमों के साथ कम संपर्क के कारण भी उन्हें सामान्य स्वास्थ्य देखभाल और एसटीआई व एचआईवी सेवा से आमतौर वंचित रहते हैं इसलिए, ट्रकिंग समुदाय बीच एचआईवी को लेकर जागरूकता और बीमारी से बचाव के लिए उनके साथ काम करना महत्वपूर्ण हो जाता है. टाटा स्टील फाउंडेशन ने एचआईवी व एड्स के बारे में जागरूकता फैलाने और इंटीग्रेटेड काउंसेलिंग ऐंड टेस्टिंग सेंटर (आईसीटीसी) में चालकों का एचआईवी टेस्ट करने के लिए लंबी दूरी के ट्रक चालकों और हेल्परों के साथ एक पहल की है.  यह प्रोजेक्ट जमशेदपुर के डिमना, बर्मामाइंस, जुगसलाई और बालीगुमा में पांच ट्रकर्स हॉल्ट पॉइंट्स पर चलाया जा रहा है. टाटा स्टील स्थ्य शिविर और नेत्र शिविर आयोजित करने के लिए टाटा मोटर्स के परिवार कल्याण संस्थान और भारतीय परिवार नियोजन संघ (फैमिली प्लानिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया) के साथ मिलकर काम करते हैं. प्रोजेक्ट के माध्यम से कैंडल लाइट मेमोरियल डे और वर्ल्ड एड्स डे मनाया जाता है. वर्ल्ड एड्स डे पर रैली, नुक्कड़ नाटक, क्विज प्रतियोगिता आदि का भी आयोजन किया जाता है. पियर के नेतृत्व वाले संवाद-आधारित इंटरपर्सनल कम्युनिकेशन (आईपीसी) और बिहैवियर चेंज कम्युनिकेशन (बीसीसी) रणनीति के माध्यम से ट्रक चालकों को  सुरक्षित यौन व्यवहार और अभ्यास अपनाने के लिए प्रेरित करने का कार्यक्रम आयोजित होता है जबकि बेहतर पहुंच के माध्यम से ट्रक चालकों के बीच कंडोम के उपयोग को बढ़ावा देना, उचित नैदानिक हस्तक्षेप के माध्यम से ट्रक चालकों के बीच विभिन्न यौन संचारित संक्रमणों (एसटीआई) की घटनाओं को कम करना समेत कई कार्य किये जाते है. इसके तहत एचआईवी/एड्स कार्यक्रम को लेकर ट्रकर्स के लिए सक्षम वातावरण बनाने में ट्रांसपोर्टरों और ड्राइवरों के साथ काम करने वाले अन्य संस्थानों के साथ एडवोकेसी मीटिंग भी की जाती है. इसके तहत नैदानिक देखभाल और जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से कुल 53000 ट्रकर्स तक पहुंचा गया है. इसके अलावा वित्तीय वर्ष 2019 में नैदानिक देखभाल और जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से कुल 55608 ट्रकर्स तक पहुंचा गया था.

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