जमशेदपुर : जमशेदपुर में कोरोना को लेकर जिला प्रशासन हाइ अलर्ट पर है. इसको लेकर जमशेदपुर के उपायुक्त सूरज कुमार ने इसकी तैयारियों को लेकर सभी कंपनियों के अधिकारियों और अस्पतालों के प्रबंधकों के साथ बैठक की. इस बैठक के दौरान उन्होंने वर्तमान हालात की जानकारी ली. इस दौरान यह पाया गया कि एमजीएम अस्पताल और टीएमएच में लगातार मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है.
इससे परेशानियां ज्यादा हो रही है. इन सारी परेशानियों को दूर करने के लिए यह तय किया गया है कि टीएमएच, एमजीएम अस्पताल में कोई भी ऐसे मरीज को नहीं लिया जायेगा, जिसका लक्षण नहीं हो. गैर लक्षण वालों को घर में ही रहने कहा जायेगा और बुजुर्गों और बच्चों या बीमार लोगों को किसी भी हाल में नहीं मिलने की हिदायत दी गयी. डीसी ने कहा कि हम लोग चाहते है कि बेड की संख्या बढ़ायी जाये. टीएमएच में करीब 1000 बेड संचालित हो रहे है जबकि टाटा मोटर्स, टिनप्लेट समेत तमाम कंपनियों को भी बेड और व्यवस्था बढ़ाने को कहा गया है. टीएमएच द्वारा मेडिका अस्पताल को लिया जा रहा है.
इसके तहत मेडिका अस्पताल को पूरे तौर पर कोविड अस्पताल के तौर पर संचालित करने की जानकारी डीसी ने दी और बताया कि मेडिका अस्पताल को हर हाल में 25 अगस्त तक शुरू कर देने का लक्ष्य है. इस लक्ष्य के तहत काम किया जा रहा है. उपायुक्त ने यह भी कहा कि कई जगह पर यह शिकायतें मिल रही है कि निजी क्लिनिक और नर्सिंग होम चलाने वाले लोगों का इलाज नहीं कर रहे है और लौटा दे रहे है. कई अस्पतालों से भी ऐसी शिकायतें मिल रही है. ऐसे नर्सिंग होम और अस्पतालों के प्रबंधकों पर कार्रवाई करने की बात कहीं है. इसके अलावा यह भी कहा गया है कि टेस्टिंग पर जोर दिया जायेगा.
इस सप्ताह में एक दिन का रैपिड एंटीजेन टेस्ट का अभियान चलाया जायेगा, जिसके तहत गांव से लेकर शहर तक में 10 हजार से ज्यादा टेस्ट एक दिन में कराया जायेगा ताकि टेस्टिंग की सुविधा को बढ़ाया जा सके और संक्रमितों की पहचान हो सके. उन्होंने यह भी कहा कि टेस्टिंग के बाद रिपोर्ट आने पर कोई कदम उठाया जायेगा. अस्पतालों और दफ्तरों को सिर्फ यह कहकर बंद किया जा रहा है कि कोरोना पोजिटिव मरीज आ गये थे, यह भी गलत है.
डीसी ने कहा है कि सिर्फ सैनिटाइज कर फिर से कार्यालय को खोला जा सकता है. सभी अस्पतालों को यह भी कहका गया है कि वे लोग अपने अस्पतालों को सुचारु रुप से संचालित करें और ओपीडी के संचालन को दुरुस्त करें. अस्पतालों और नर्सिंग होम को कहा गया है कि वे लोग कोरोना पोजिटिव अगर मरीज आता है तो उसको कैसे रखना है और कैसे इलाज करना है, यह भी तैयारी रखने को कहा गया है ताकि संकट की इस घड़ी में उनका अस्पताल और नर्सिंग होम भी सहयोगी बन सके.