जमशेदपुर : जब विश्व में पहली बार कोरोना वायरस आया था, तब चीन का वुहान शहर सुर्खियों में आया था. ऐसे ही अब जमशेदपुर का हाल हो गया है. झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता इसी जमशेदपुर के रहने वाले है. उनका विधानसभा क्षेत्र जमशेदपुर पश्चिम है और उनका अपना घर जमशेदपुर के कदमा थाना क्षेत्र में ही पड़ता है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हो या फिर मंत्री बन्ना गुप्ता, हर कोई यह कह रहा है कि लॉकडाउन विकल्प नहीं है. लेकिन क्या कोरोना से मौत बेहतर विकल्प है. जान है तो जहान है, लेकिन जान ही नहीं बचेगी तो जहान कहां से आयेगा. हर दिन लोगों की मौत हो रही है. 10 दिनों में 55 लोग मर चुके है. 12 मई 2020 को पहला कोरोना पोजिटिव केस एक साथ दो आया था. उसके बाद से ऐसी आंधी कोरोना की आयी की कोरोना पोजिटिव मरीजों की संख्या बढ़कर 2800 के पार पहुंच चुकी है और हर दिन सौ के आसपास कोरोना पोजिटिव केस आ रहे है. हालात यह है कि जमशेदपुर में कोरोना से हर 100 मरीज में से 3 की मौत हो रही है. मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है और यहां के डेथ रेट यानी मौत का प्रतिशत 3 फीसदी तक पहुंच चुका है, जो झारखंड में सबसे ज्यादा है और यह जमशेदपुर लौहनगरी के बजाय अब झारखंड का वुहान कहलाने लगा है. हालात सिर्फ बीमार होने वालों की संख्या के कारण नहीं बिगड़ती. हालात तो अब इलाज के अभाव के कारण होने वाली मौत की है. जो लोग कोरोना पोजिटिव हो रहे है, उनको बेड की कमी हो गयी है तो कोरोना के अलावा भी कई बीमारियां है, जिससे अब जमशेदपुर में लोग मरेंगे क्योंकि कई अस्पताल भी बंद है. एक रिपोर्ट के अनुसार करीब 250 डॉक्टर और नर्स कोरोना पोजिटिव पाये जा चुके है. टीएमएच के भरोसे इलाज की व्यवस्था चल रही है, जहां आइसीयू व सीसीयू बेड भर चुका है. ब्रह्मानंद अस्पताल अस्थायी तौर पर बंद है तो मेडिका अस्पताल स्थायी तौर पर बंद हो रहे है. दूसरी बीमारियों से पीड़ित लोगों का इलाज नहीं हो रहा है. जमशेदपुर के हालात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि हर वीआइपी हो या फिर स्लम बस्ती सब जगह लोग प्रभावित हो रहे है. जमशेदपुर झारखंड का वुहान बन चुका है तो घनी बस्तियों वाला धातकीडीह हरिजन बस्ती में अब तक 90 कोरोना पोजिटिव मरीज मिल चुके है. एक दिन में रविवार को 25 कोरोना पोजिटिव मरीज मिले थे. हालात वहां इसलिए भी खराब हो रहे है क्योंकि वहां घनी आबादी है और एक घर में दस दस लोग रहते है और छोटा सा घर है. सीलिंग की स्थिति भी नहीं काबू में हालात को कर पा रही है. धातकीडीह हरिजन बस्ती में अब तक दो लोगों की मौत भी हो चुकी है. ऐसे कई इलाके है, जहां लगातार मौत हो रही है. सबसे दुर्भाग्य की बात है कि धातकीडीह हरिजन बस्ती जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के ही अधीन आती है और स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के घर से करीब 7 किलोमीटर दूर पर ही यह अवस्थित बस्ती है. लेकिन वहां की सुधि लेने वाला नहीं है. जमशेदपुर में हालात बेकाबू है. इलाज का अगर इंतजाम होता तो लॉकडाउन नहीं लगता, लेकिन इलाज का इंतजाम जहां नहीं है. डॉक्टर कम पड़ रहे है. नर्स और स्वास्थ्यकर्मी नहीं मिल रहे है, ऐसे में और क्या विकल्प हो सकता है. डॉक्टर यह कह चुके है कि अभी अगस्त भर ऐसे ही हालात होने वाले है तो फिर क्या अब लोग तिल-तिलकर मरते रहेंगे और सरकार जहान को बचाने के लिए जान की कीमत चुकाती रहेगी.
सिंहभूम चेंबर, जमशेदपुर चेंबर सारे लोग दुकानों को बंद करने को तैयार, लेकिन सरकार जिद पर अड़ी
जमशेदपुर में लॉकडाउन लगाने की मांग सिंहभूम चेंबर ऑफ कॉमर्स की ओर से की जा चुकी है. जमशेदपुर चेंबर ऑफ कॉमर्स से लेकर कई व्यवसायिक संस्थानों ने ऐसी मांगें की है, लेकिन सरकार अपनी जिद पर है. सरकारक क्या सोच रही है, यह सरकार को ही मालूम है, लेकिन युवा व्यवसायियों की जान जा चुकी है. लोग मर रहे है. हर कोई पीड़ित हो रहा है, लेकिन सरकार कहती है कि लॉकडाउन विकल्प नहीं है.
स्वास्थ्य मंत्री बोले-खतरा दूर हो तो डरना चाहिए, सामने हो तो लड़ना होगा
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने फिल्मी अंदाज में कोरोना और लॉकडाउन पर किये गये सवालों का जवाब दिया है. स्वास्थ्य मंत्री ने कांग्रेस के वेबिनार में कहा है कि जब तक खतरा दूर था तो तब तक डरना लाजिमी है, लेकिन तैयारियों को पर्याप्त कर लेना चाहिए, लेकिन जब खतरा सामने हो जाये तो फिर तो लड़ना ही होगा ना. वैसे बन्ना गुप्ता ने यह भी कहा है कि सरकार ने कोरोना के खिलाफ पूरी ताकत झोंक दी है. उन्होंने कहा कि टेस्टिंग की सुविधाएं बढ़ रही है.