
रांची : झारखंड में कोरोना की तीसरी लहर जुलाई के अंत तक संभावना जतायी जा रही है. अगर देर हुई तो यह अगस्त तक जा सकती है. राज्य सरकार की ओर से चिकित्सकों की गठित इंपावर्ड कमेटी की ओर से राज्य सरकार को सौंपी गयी रिपोर्ट में उसका खुलासा हुआ है कि कोरोना की तीसरी लहर में 7 लाख 17 हजार 484 बच्चे संक्रमित हो सकते है, जिसमें से 8610 बच्चे गंभीर हो सकते है, जिनको आइसीयू की जरूरत होगी. बीमार होने वाले बच्चों की संभावित उम्र 18 साल से नीचे की होगी. संक्रमित होने वाले बच्चों में सबसे अधिक रांची में 63382, जमशेदपुर में 49892, गिरीडीह में 53188 और धनबाद में 58387 बच्चे संक्रमित हो सकते है. रिपोर्ट में यह बताया गया है कि राज्य में करीब 1000 आइसीयू बेड की जरूरत पड़ सकती है, जिसमें 500 आइसीयू बेड सरकारी अस्पतालों में जबकि 500 बेड निजी अस्पतालों में तैयार रखने की जरूरत है. तीसरी लहर में 5 से 18 साल तक के बच्चों में सर्वाधिक बीमारी फैलने का खतरा है, जिसमें 82 फीसदी बच्चे हल्के बीमार हो सकते है जबकि 15 फीसदी बच्चे लक्षण वाले और 3 फीसदी बच्चे गंभीर रुप से बीमार हो सकते है. आपको बता दें कि झारखंड की गणना के मुताबिक, कुल 1.43 करोड़ बच्चे है, जिसका 5 फीसदी बच्चे इसकी चपेट में आ सकते है, जिसमें 8610 बच्चे गंभीर हो सकते है. राज्य सरकार की ओर से एक हाई पावर इंपावर्ड कमेटी का गठन किया था, जिसने 257 पेज का यह डाक्यूमेंट सौंपा है. इसके चेयरमैन डॉ शांतनु अग्रहरि और वाइस चेयरमैन डॉ भुवनेश प्रताप सिंह है. इस कमेटी में पांच सदस्य है, जिसमें 14 क्लिनिकल एक्पर्ट के भी रिव्यू लिये गये है. डॉ देवहरि एम्स दिल्ली के पेडियेट्रिक्स के एचओडी है जबकि मेदांता के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ नीलम मोहन और निम्हांस के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ प्रदीप बीएस शामिल है. राज्य सरकार को सौंपी गयी रिपोर्ट में यह बताया गया है कि 9040 ऑक्सीजन बेड, 1004 एचडीयू बेड, 2009 आइसीयू बेड को अतिरिक्त बनाने की जरूरत है. 39 बच्चों का आइसीयू बेड और 20 न्यू बार्न बेबी के लिए जरूरत होगी, जिसकी स्थापना रांची, धनबाद और जमशेदपुर में की जानी चाहिए. यह भी बताया गया है कि राज्य के 43 फीसदी बच्चे कुपोषित है, जिस कारण यह तेजी से बच्चों में फैल सकती है. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि करीब 9000 बच्चे कोरोना के दो वेभ में संक्रमित हो चुके है. सेकेंड वेभ में ही इतने बच्चे बीमार हुए थे, जिस कारण तीसरे वेभ में यह संख्या और बढ़ सकता है.