कोरोना वायरसjharkhand-bjp-big-loss-झारखंड भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व सांसद लक्ष्मण गिलुआ की...
spot_img

jharkhand-bjp-big-loss-झारखंड भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व सांसद लक्ष्मण गिलुआ की मौत, कोरोना से संक्रमित होने के बाद से बिगड़ी थी हालत, जाने इस दिग्गज नेता के बारे में

राशिफल

लक्ष्मण गिलुआ

रांची : झारखंड भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और सिंहभूम लोकसभा सीट से पूर्व सांसद लक्ष्मण गिलुआ का गुरुवार की सुबह जमशेदपुर के टाटा मोटर्स अस्पताल में मौत हो गई. झारखंड भाजपा के दिग्गज आदिवासी नेता की मौत से झारखंड भाजपा को बड़ा नुकसान हुआ है और कोरोना ने एक बड़े जननेता को छीन लिया है. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने खुद इसकी पुष्टि की है और बताया है कि गुरुवार की सुबह करीब दो बजकर दस मिनट पर उन्होंने अंतिम सांसे ली. आपको बता दे कि लक्ष्मण गिलुआ कोरोना से संक्रमित हो गए थे. इसके बाद उनकी हालत काफी खराब हो गई थी जिसके बाद उनको जमशेदपुर के टाटा मोटर्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उनका इलाज चल रहा था. एक समय ऐसा भी आया था जब लक्ष्मण गिलुआ को रेमेडिसेवर दवा नही मिल रही थी. हालांकि पूर्व विधायक और भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता के दबाव के बाद उनको दवा मिली थी. इस बीच लक्ष्मण गिलुआ की पत्नी, उनके परिवार के अन्य सदस्य भी कोरोना से संक्रमित होने के बाद से इलाजरत है. लक्ष्मण गिलुआ के निधन के बाद प्रदेश भाजपा में शोक की लहर है. 20 दिसंबर 1964 को जन्मे लक्ष्मण गिलुआ एकीकृत कोल्हान के पुराने आदिवासी नेता है और वे दो बार सिंहभूम लोकसभा सीट से सांसद रहे है. पश्चिम सिंहभूम के चक्रधरपुर विधानसभा सीट से वे दो बार विधायक रहे है. वर्तमान झारखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश से पहले लक्ष्मण गिलुआ ही प्रदेश अध्यक्ष थे. नैतिकता और अपनी सादगी के लिए प्रसिद्ध लक्ष्मण गिलुआ ने झारखंड विधानसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के कारण खुद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. चक्रधरपुर विधानसभा चुनाव और उससे पहले लोकसभा चुनाव में उनको हार का मुंह देखना पड़ा था. लक्ष्मण गिलुआ अपने पीछे पत्नी, दो बेटे और एक बेटी का भरापूरा परिवार छोड़ गए है. पहली बार उन्होंने भाजपा के टिकट पर 1999 में सिंहभूम लोकसभा सीट से कांग्रेस के दिग्गज और दबंग नेता विजय सिंह सोय को हराकर सांसद बने थे. 1995 में वे पहली बार चक्रधरपुर विधानसभा सीट से भाजपा के टिकट पर जीत दर्ज की थी. जब लोग विजय सिंह सोय जैसे दबंग नेता के खिलाफ चुनाव नही लड़ते थे तब अकेले भाजपा के लिए पूरे कोल्हान में वे काम करते थे. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भी उनका पुराना नाता रहा था.

[metaslider id=15963 cssclass=””]

Must Read

Related Articles

Floating Button Get News On WhatsApp
Don`t copy text!

Discover more from Sharp Bharat

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading