
रांची : झारखंड में कोरोना से इस बार काफी मौतें हुई जबकि दूसरी लहर में काफी ज्यादा लोगों की मौत के अलावा काफी ज्यादा लोग संक्रमित भी पाये गये है. इसकी जीनोम सिक्वेंसिंग की जांच करायी गयी थी. इसके तहत 21 अप्रैल से लेकर 9 जून तक कोरोना पोजिटिव मरीजों के सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग जांच के लिए ओड़िशा के भुवनेश्वर स्थित लैब भेजा गया था. इस लैब ने चौंकाने वाली रिपोर्ट भेजी है. इसके तहत 364 सैंपल जमशेदपुर, रांची, धनबाद समेत पांच जिलों से भेजी गयी थी, जिसकी रिपोर्ट में यह पाया गया है कि वेरिएंट ऑफ कंसर्न म्यूटेंट पाये गये है यानी ऐसे खतरनाक म्यूटेंट जो एक मानव शरीर से दूसरे शरीर में तेजी से फैलता है और फेफड़े को काफी तेजी से संक्रमित करता है, जिस कारण काफी जानलेवा हो जाती है. इसमें यह भी पाया गया है कि इन सारे वेरिएंट में 204 डेल्टा वेरिएंट है, जिसमें सबसे ज्यादा जमशेदपुर में 46 वेरिएंट पाये गये है जबकि रांची में 26 सैंपल में इस तरह के डेल्टा वेरिएंट पाये गये है, जो देश ही नहीं दुनिया में खतरनाक माना जा रहा है. वैसे शुक्रवार को ही टाटा स्टील के मेडिकल सलाहकार डॉ राजन चौधरी ने एक सवाल के जवाब में संवाददाताओं को बताया था कि ओड़िशा में टीएमएच से जीनोम सिक्वेंसिंग स्टडी के लिए 100 सैंपल भेजे गये थे, इसकी रिपोर्ट आ चुकी है, जिसमें 46 सैंपल में डबल म्यूटेंट यानी खतरनाक डेल्टा वेरिएंट पाये गये थे, जो इस बार के कोरोना की लहर को और ज्यादा घातक बना दिया.