रांची : झारखंड में देश के साथ ही कोरोना की तीसरी लहर की आहट सुनायी दे रही है. इस आहट के बीच हालात ठीक नहीं नजर आ रहे है. हालात यह है कि केंद्र और राज्य सरकार के बीच की दूरियों का खामियाजा आम आदमी को उठाना पड़ रहा है. हालात का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि राज्य के तीन मेडिकल कॉलेजों और सदर अस्पतालों में कोरोना से जुड़ी दवाओं का स्टॉक खत्म हो चुका है. इसको देखते हुए जिला प्रशासन और सिविल सर्जन को आदेश दिाय गया है कि वे लोग दवाएं उपलब्ध कराये. मिली जानकारी के मुताबिक, स्वास्थ्य विभाग को औषधी निरीक्षक ने रिपोर्ट दी है कि दवाओं का स्टॉक नहीं है. तीन मेडिकल कॉलेज रिम्स, धनबाद के शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज और दुमका के फूलो झानो मेडिकल कॉलेज में दवाएं नहीं है. इसके अलावा गिरीडीह, देवघर, साहेबगंज के अलावा पश्चिम सिंहभूम जिले में भी दवाओं का स्टॉक नहीं है. यह बताया गया है कि अस्पतालों में विटामिन डी, एलर्जी की दवा मॉड्यूल्यूकास्ट एंड लेवोसेट्रिजिन, बीपी की दवा एम्लोडीपिन, स्ट्रेयॉड डेक्सोमेथासोन, एंटीबायोटिक दवा फेवीपीरावीर समेत कई दवाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही है. वैसे यह खुशी की बात है कि राज्य में कोरोना टेस्टिंग किट उपलब्ध हो गया है. रैपिड टेस्ट के चार लाख किट और आरटीपीसीआर टेस्ट के लिए 7.64 वीटीएम किट उपलब्ध करा दिये गये है, जिसके बाद टेस्टिंग तो जरूर तेज हो जायेगी. वैसे एक और चुनौती राज्य में कोोरोना के वैक्सीन की कमी की भी है. वैक्सीन की सप्लाइ काफी कम हो रहा है और लोगों का डिमांड ज्यादा है, जिस कारण यह संकट ज्याद गहरा रहा है. तीसरी लहर के पहले टीकाकरण करने के सरकारी लक्ष्य भी अब पीछे छूटते नजर आ रहे है.
jharkhand-corona-update-झारखंड में कोरोना की तीसरी लहर की आहट के बावजूद हालात ठीक नहीं, तीन मेडिकल अस्पतालों व सदर अस्पतालों में कोरोना की दवा का स्टॉक खत्म, वैक्सीन भी खत्म, कोरोना का टेस्टिंग किट उपलब्ध होने से थोड़ी राहत
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