जमशेदपुर : वैसे तो झारखंड में कई विधायक या सांसद या पूर्व विधायक है, लेकिन झारखंड के युवा भाजपा नेता और पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी अपने कामों के लिए जाने जाते है. सोमवार को उन्होंने ऐसा ही काम किया. आपको बता दें कि कुणाल षाड़ंगी बहरागोड़ा के पूर्व विधायक है और वे शिक्षित युवा विधायक के रुप में जाने जाते है. वे अभी कोरोना वायरस को लेकर काफी सक्रिय होकर अभियान चला रहे है. इस कड़ी में वे प्रशासन को सहयोग कार्यक्रम के तहत त्रिवेणी संगम बहरागोड़ा की बंगाल और ओड़िशा सीमा पर स्थित चेकनाका पर खुद पहुंच गये. वे खुद से एंबुलेंस को चलाया. अपनी पत्नी डॉ श्रद्धा को को-ड्राइवर की सीट पर बैठाया और पहुंच गये बंगाल और ओड़िशा की सीमा पर.
एंबुलेंस में ऑक्सीजन और दवाइयां भी थी ताकि अगर किसी कोरोना योद्धा की तबीयत चिंताजनक हो जाये तो उनको तत्काल अस्पताल पहुंचाया जा सके. वे वहां पहुंचकर पुलिस और प्रशासनिक पदाधिकारियों और कर्मचारियों को आरोग्य सेतू एप के प्रावधानों के तहत ऑन द स्पॉट मुफ्त स्वास्थ्य जांच करवाई. इसके अलावा वहां तैनात पुलिस और प्रशासनिक पदाधिकारियों को ओआरएस का पैकेट दिया ताकि भीषण गरमी में उनको ड्यूटी करते हुए कोई दिक्कत नहीं हो. इसके अलावा सभी को मास्क और सैनिटाइजर के साथ ही फेस शिल्ड भी दिये. बहरागोड़ा के बंगाल व ओड़िशा सीमा पर तैनात प्रशासनिक कर्मी और पुलिस के पदाधिकारी पर संक्रमण का ख़तरा इस समय बहुत ज़्यादा है क्योंकि विभिन्न राज्यों से लोग वापस आ रहे हैं. आने वालो की जाँच और राज्य के नागरिकों की सुरक्षा का भी ध्यान रखना है.
बंगाल से सटे दारीशोल और ओड़िशा सीमा से सटे जामशोला पर दोनों चेकनाको पर यह कार्य किया गया. कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि अभी सरकारी अस्पतालों पर दवाब बहुत ज़्यादा है इसलिए एक कोरोना योद्धा डॉक्टर और एक राजनीतिक कार्यकर्ता की अपनी-अपनी सामाजिक ज़िम्मेदारियों को निभाने के लिए यह पहल की गई. आपको बता दें कि कुणाल षाड़ंगी खुद काफी काबिल नेता माने जाते है जबकि उनके पिता डॉ दिनेश षाड़ंगी राज्य के प्रथम स्वास्थ्य मंत्री रहे है जबकि उनकी मां भी चिकित्सक ही है. उनकी पत्नी भी चिकित्सक ही है.