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tmh-preparing-for-covid-टीएमएच में कोरोना के लिए बढ़ रही क्षमता, नया टेस्ट मशीन आया, लग रहा नया ऑक्सीजन टैंक, शवों के रखने की क्षमता बढ़ी, साकची में तैयार हो रहा 300 बेड का नया कोरोना अस्पताल, तबीयत खराब हो और घर पर ही इलाज कर रहे है तो क्या सावधानियां बरतना है जानें, कितना लेना है ऑक्सीजन, रेमडेसिवीर और प्लाज्मा कितना है कारगर, डाइबिटीज, प्रेसर के मरीज क्या करें, क्या है कोरोना के हालत, क्या कह रहा टीएमएच प्रबंधन जानें

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टीएमएच और टाटा स्टील मेडिकल सर्विसेज के सलाहकार डॉ राजन चौधरी.

जमशेदपुर : कोरोना का कहर अब काफी ज्यादा तेज होता जा रहा है. लोगों की जानें जा रही है. मौत का आंकड़ा बढ़ रहा है तो कोरोना के संक्रमितों की संख्या भी काफी तेज होती जा रही है. दुनिया में कोरोना का तीसरा किश्त, जिसको तीसरा वेभ कहा जा रहा है, वह आ चुका है और अभी भारत दूसरे ही वेभ से त्रस्त है. यहीं वजह है कि टाटा स्टील द्वारा संचालित टाटा मुख्य अस्पताल (टीएमएच) अभी दूसरे वेभ के साथ साथ तीसरे वेभ का भी तैयारी कर रही है. इस कड़ी में टीएमएच के सलाहकार डॉ राजन चौधरी ने ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन किया, जिसमें यह बताया गया कि टेस्टिंग की सुविधा को बढ़ाया जा रहा है. वर्तमान में टेस्टिंग का नया मशीन आ चुका है. आरएनए एक्सट्रैक्टर के साथ आरटीपीसीआर टेस्टिंग का एक और मशीन आ चुका है. इसके बाद आरटीपीसीआर का टेस्ट एक दिन में 1200 के करीब हो सकेगा. टेस्ट जल्दी करना जरूरी है ताकि रिपोर्ट आ सके ताकि लोगों की जान बच सके. वर्तमान में काफी कम क्षमता थी और मशीन के भी खराब होने का खतरा था, इस कारण आरटीपीसीआर की नयी मशीन लायी गयी है. इसके अलावा टीएमएच में ऑक्सीजन के बढ़ते डिमांड को देखते हुए 595 बेड के लिए एक अतिरिक्त बड़ा लिक्विड ऑक्सीजन टैंक लगाया जा रहा है. अगले सप्ताह में यह लग जायेगा, जिसके बाद लोगों को और बेहतर सुविधाएं मिल सकेगी. उन्होंने बताया कि साकची के केरला समाजम मॉडल स्कूल, जिसको पहले बंद करा दिया था, उस बिल्डिंग को टीएमएच का कोरोना सेंटर बनाया जा रहा है, जहां 250 से 300 ऑक्सीजन बेड लगाये जा सकते है ताकि लोगों को यह सुविधा मिल सके. उन्होंने बताया कि टीएमएच में 595 बेड है. सीसीयू का सारा वेंटिलेटर बेड फुल हो चुका है. 5969 एडमिशन अब तक कोरोना के केस आ चुके है, जिसमें 4 दिनों में 228 एडमिशन है. 4 दिनों में 74 मौत हो चुकी है, जिसमें 63 मौत जमशेदपुर, दो पश्चिम सिंहभूम, एक सरायकेला-खरसावां और एक रामगढ़ जिले का केस शामिल था.
पोजिटिविटी रेट टीएमएच का काफी ज्यादा हुआ, रिकवरी रेट भी बेहतर हुआ, टीएमएच के चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मियों में कमी आयी

डॉ राजन चौधरी ने बताया कि आरटीपीसीआर और ट्रूनेट मशीन की टेस्ट लगातार हो रही है. हर दिन एक हजार टेस्ट हो रही है. इसकी पोजिटिविटी रेट 48.93 फीसदी पहुंच चुकी है जबकि यह 4 दिनों पहले 39.64 फीसदी था. यह बताने के लिए काफी है कि काफी लोग संक्रमित हो रहे है. वहीं रिकवरी रेट की बात की जाये तो टीएमएच का रिकवरी रेट 78.54 फीसदी हो चुका है. डॉ राजन ने बताया कि टीएमएच के 58 डॉक्टर, 122 नर्स, 54 पारा मेडिकल स्टाफ और 66 सपोर्ट स्टाफ नहीं है. उन सारे स्टाफ की कमी के बीच अस्पताल को संचालित करना मुश्किल है, लेकिन इसको और बेहतर किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि टीएमएच में शवों को रखने के लिए भी अलग से इंतजाम किया गया है. 24 शव रखने का इंतजाम था, लेकिन अब इसको बढ़ाकर 50 कर दिया गया है जबकि शवों को रखने के लिए एक हॉल एसीयुक्त रखा गया है ताकि ज्यादा शव रहे तो उनको सम्मान के साथ रखा जा सके.
टीएमएच में टीकाकरण को किया गया बंद

डॉ राजन चौधरी ने बताया कि भारत सरकार और झारखंड सरकार के नये गाइडलाइन के तहत मुफ्त में लोगों को टीका मिलना है. सरकार से टीएमएच मुफ्त में टीका लेगी और फिर मुफ्त में ही टीका प्रदान करेगी. ऐसे में अभी टीकाकरण को नये नियम आने और टीका आने तक के लिए बंद किया गया है. डॉ राजन चौधरी ने बताया कि टीकाकरण को फिर से शुरू करने के लिए जमशेदपुर के डीसी और राज्य सरकार से बातचीत हो रही है ताकि मुफ्त में टीका मिल जाये और लोगों को मुफ्त में टीका दिया जा सके. उन्होंने बताया कि 40385 लोगों को अब तक टीएमएच से टीका मिल चुका है.
100 में से 80 में कोई लक्षण नहीं, लोग घर पर रहे, रेमडेसिवीर या प्लाज्मा करिश्मा नहीं करता, सब मिलकर मरीजों को ठीक करता है, घर पर रहने वाले लोग यह करें तो ठीक होंगे

डॉ राजन चौधरी ने बताया कि टीएमएच में 100 में से 80 लोग ऐसे है, जिनमें कोरोना का कोई लक्षण नहीं है. उन्होंने कहा कि लोगों की तबीयत खराब हो, घर में ही पोजिटिव अपना इलाज करा रहे है तो उनको ऑक्सीजन का मोनिटरिंग करते रहना जरूरी है. पल्स ऑक्सीमीटर घर में रखें. अगर ऑक्सीजन का लेवल 94 से नीचे जाता है तो लोगों को तत्काल कोई न कोई चिकित्सक या अस्पतालों से संपर्क करना चाहिए. उन्होंने एक सवाल के जवाब में बताया कि रेमडेसिवीर कोई करिश्माई चीज नहीं है कि उससे ही ठीक हो जायेगा. इसके साथ एस्ट्रायड और प्लाज्मा और कई दवाएं इसमें कारगर होता है. अकेले कोई दवा इसमें कारगर नहीं है. उन्होंने बताया कि प्लाज्मा पहले वेभ में 200 लोगों को प्लाज्मा चढ़ाया गया था जबकि सिर्फ दो माह में 250 प्लाज्मा लोगों को चढ़ाया जा चुका है. इसका सफलता का दर पूछे जाने पर टीएमएच के सलाहकार ने बताया कि 50 फीसदी लोगों में यह काफी कारगर साबित हुआ है. उन्होंने बताया कि जिन लोगों को डाइबिटिजी है, ब्लड प्रेसर है, किडनी फेल है, उनको अपनी बीमारियों को नियंत्रित करने के लिए हर कदम उठाना चाहिए. वैसे लोग जो ऑक्सीजन घर पर ले रहे है, वैसे लोग ऑक्सीजन की मोनिटरिंग करते रहे. अगर किसी भी व्यक्ति का ऑक्सीजन का लेवल 90 से ऊपर र हता है तो टीक है. अगर कम होने लगती है तो अस्पताल ले जाना चाहिए. घर और अस्पताल के बीच यह ऑक्सीजन का सिलेंडर या ऑक्सीजन कंसंट्रेटर जो लोग इस्तेमाल करते है, वे लोग तो ठीक है, लेकिन जो सिलेंडर से लेते है, उनको 5 से 6 लीटर ही लेना चाहिए. उससे ज्यादा ऑक्सीजन का लेवल नहीं करना चाहिए. उन्होंने बताया कि सिटी स्कैन में रेडिएशन से ज्यादा नुकसान नहीं होता है. वैसे लोगों में इसका भय ज्यादा है और लोगों को लगता है कि सिटी स्कैन, रेमडेसिवीर समेत ये सारी दवाएं ही सही है, जिससे ठीक हो सकता है, जो नुकसानदेह भी साबित हो सकता है. बिना डॉक्टर से बात किये कुछ भी करना नुकसानदेह होगा.

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