आदित्यपुर : सरायकेला-खरसावां जिले के ईचागढ़ के पूर्व विधायक अरविंद सिंह के साले कन्हैया सिंह हत्याकांड के 24 घंटे बाद भी अबतक पुलिस हत्यारों को ढूंढ पाने में नाकाम रही है. हालांकि पुलिसिया तफ्तीश में कोई कमी नजर नहीं आ रही है. अबतक दर्जन भर अपराधियों से पुलिस पूछताछ कर चुकी है. आदित्यपुर से लेकर कांड्रा और जमशेदपुर तक के संदिग्ध अपराधियों से पुलिस पूछताछ कर चुकी है, मगर नतीजा सिफर रहा है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि हत्यारा कौन था ? क्या कोई करीबी था जो कन्हैया सिंह के गतिविधियों के पल पल की जानकारी हत्यारों तक पहुंचा रहा था ? आखिर हत्यारों ने कन्हैया सिंह जैसे सख्शियत पर सटीक टार्गेट कैसे किया, कि कन्हैया सिंह को संभलने तक का मौका नहीं मिला.
बॉडीगार्ड की भूमिका अब भी सवालों के घेरे में
आपको याद दिला दें कि घटना के बाद टाटा मुख्य अस्पताल पहुंचे कन्हैया सिंह के बॉडीगार्ड मृत्युंजय सिंह ने मीडिया को दिए अपने बयान में कहा था, कि वह अपराधियों को सामने आने पर पहचान लेगा. वैसे घटना के बाद शक के आधार पर पुलिस मृत्युंजय सिंह को हिरासत में लेकर पूछताछ कर ही रही थी, कि पूर्व विधायक ने मृत्युंजय सिंह को परिवार का करीबी सदस्य बताकर छुड़वा लिया, जिसके बाद पुलिस ने शक के आधार पर आदित्यपुर व आसपास के करीब दर्जनभर अपराधियों को हिरासत में लिया और उसके फोटोग्राफ्स भेजकर मृत्युंजय सिंह से अपराधियों की पहचान करने की बात कहीं. मृत्युंजय सिंह जिस- जिस अपराधियों की पहचान कर रहा था, उस- उस अपराधी को पुलिस आसानी से हिरासत में लेती चली गई मगर पूछताछ के दौरान उसकी संलिप्तता दूर-दूर तक नहीं आई, जिससे मामला सुलझने के बजाय उलझता जा रहा है. उधर पूर्व विधायक अपने साले के शव के साथ अपने ससुराल दाह संस्कार के लिए चले गए हैं. साथ में बॉडीगार्ड मृत्युंजय सिंह को भी ले गए हैं. यहां एक बात और गौर करने वाली है, कि घटना के अगले दिन जब विधायक कन्हैया सिंह के आवास पर पहुंचे थे, वहां उन्होंने कहा था, कि उन्हें कमजोर करने की साजिश रची जा रही है. कन्हैया की हत्या भी उसकी एक कड़ी है. मगर उन्होंने एक बात और कहा था, कि पुलिस अपराधियों को ढूंढ निकाले या वे सक्षम है अपराधियों को ढूंढने में. तो क्या मृत्युंजय सिंह को पुलिस की हिरासत से छुड़ाना भी पूर्व विधायक के बयान का एक हिस्सा है ? कुल मिलाकर मामला उलझता जा रहा है. पुलिस के पास उपलब्ध संसाधनों के आधार पर अब तक जो बातें सामने आई है, उससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि कन्हैया सिंह हत्याकांड में पूर्व विधायक एवं कन्हैया सिंह के करीबी की संलिप्तता है. वैसे सभी राजनीतिक दलों ने अपने- अपने हिसाब से प्रतिक्रियाएं दी और विरोध जताया. साथ ही 72 घंटे का अल्टीमेटम देकर पुलिस पर दबाव बनाने का काम किया. मगर स्थानीय विधायक सह मंत्री चंपई सोरेन ने पुलिस को हत्यारों को गिरफ्तार ही नहीं करने, बल्कि मामले की तह तक जाकर पूरे साजिश का भंडाफोड़ करने का निर्देश दिया है. पुलिस अब इस दिशा में काम कर रही है.
दर्जन भर ऑफिसर लगे हैं मामले के उद्भेदन में
बता दें कि कन्हैया सिंह हत्याकांड मामले की जांच एवं अपराधियों की गिरफ्तारी को लेकर जिले के दर्जनभर जांबाज़ पुलिस पदाधिकारी लगाए गए हैं. घटना के बाद से एसपी, एसडीपीओ, डीएसपी हेड क्वार्टर, सरायकेला, खरसावां, दलभंगा, गम्हरिया, आदित्यपुर एवं आरआईटी के थाना प्रभारी लगातार हत्यारों का सुराग लगाने में जुटे हैं सीसीटीवी फुटेज के आधार पर प्राप्त फोटोग्राफ्स वीडियो क्लिप्स के आधार पर अपराधियों तक पहुंचने की जुगत में जुटे हैं मगर अब तक तफ्तीश अपने अंजाम तक नहीं पहुंच सकी है.
राजनीतिक एवं सामाजिक संगठनों का बढ़ा दबाव
उधर घटना के बाद अब तक 24 घंटे बीत चुके हैं. भाजपा एवं कांग्रेस ने हत्याकांड के खुलासे को लेकर जिला पुलिस को 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया है. जिसकी मियाद कल पूरी हो रही है. कांग्रेस के जिला अध्यक्ष छोटे राय किस्कू ने कहा कि कल 72 घंटे की अवधि पूरी हो रही है. जिला पुलिस को इस मामले के आरोपियों को गिरफ्तारी के लिए 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया गया था. साथ ही कल सांसद गीता कोड़ा भी आदित्यपुर पहुंचेगी. इस दौरान सांसद गीता कोड़ा से रायशुमारी कर आगे की रणनीति तैयार की जाएगी. राजनीतिक दल आगे की रणनीति बनाने में जुटे हैं. वहीं राजनीतिक दलों को झारखंड क्षत्रिय संघ का भी समर्थन मिल गया है. संघ ने गम्हरिया में आपात बैठक कर कन्हैया सिंह के हत्याकांड में शामिल अपराधियों को ढूंढने अन्यथा 72 घंटे बाद राजनीतिक दलों का समर्थन करने का ऐलान किया है. ऐसे में अगला 24 घंटा जिला पुलिस के लिए अहम होने वाला है. हालांकि इस दबाव से यह भी संभावना बनी रहेगी कि कहीं निर्दोष पुलिस के हत्थे ना चढ़ जाए. पुलिस को इसका भी ध्यान रखना होगा.
क्या कहा एसपी ने
इस पूरे मामले पर एसपी आनंद प्रकाश ने बताया कि हर संदिग्ध अपराधियों से पूछताछ चल रही है. मगर अब तक सटीक टारगेट पर पुलिस नहीं पहुंच सकी है. समय इसका भी ध्यान रखना होगा, कि कहीं तफ्तीश के क्रम में कोई बेगुनाह ना फंस जाए. मामला चूंकि हाई प्रोफाइल है, तो थोड़ा दबाव जरूर होगा, मगर पुलिस किसी के दबाव में काम नहीं करेगी. हमें अपने ऑफिसर पर पूरा भरोसा है. सारे ऑफिसर अपने अभियान में लगे हैं. जल्द ही अपराधी सलाखों के पीछे होंगे.