सरायकेला : सरायकेला-खरसावां जिले के आदित्यपुर थाना पुलिस की कार्यशैली एक बार फिर से सवालों के घेरे में आ गयी है. जहां आदित्पुर थाना पुलिस ने बीते 17 सितंबर को कल्पनापुरी इलाके में दो पक्षों के बीच हुए मारपीट के मामले में दोनों पक्षों को दो दिनों तक थाने में रखने के बाद एक पक्ष के अपाहिज युवक कुंदन कुमार पर आर्म्स एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए बीते 19 सितंबर को जेल भेज दिया है. इसके बाद आदित्यपुर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं. चलिए अब आपको बताते हैं क्या है पूरा मामला. बीते 17 सितंबर को आदित्यपुर थाना अंतर्गत कल्पनापुरी ईलाके में विश्वकर्मा पूजा के मौके पर तीन- चार युवक गोलगप्पे खा रहे थे, इसी बीच दबंग भीष्म सिंह उर्फ भूलोटन सिंह वहां आ धमके और गोलगप्पा खा रहे युवकों से शराब के पैसे मांगने लगे. युवकों ने विरोध किया तो, भीष्म सिंह ने युवकों को गाली- गलौज करना शुरू कर दिया. गाली का विरोध करने पर कुंदन कुमार जो अपाहिज है को भीष्म सिंह ने मारपीट कर घायल कर दिया. उधर मारपीट की घटना के बाद सभी एकदूसरे से उलझ पड़े देखते ही देखते हंगामा बढ़ गया और पूरे मामले में भीष्म सिंह का बेटा कूद पड़ा. दोनों पक्षों से दो तीन लोग घायल हुए. जिसमें मुख्य रूप से कुंदन कुमार और उसका भाई अजीत शामिल है. घटना में अजीत के सर में गंभीर चोटं आयी है. वैसे हंगामें की सूचना मिलते ही आदित्यपुर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों के लोगों को अपने साथ थाना ले गयी. उधर थाना की ओर से घायल अजीत को इलाज के लिए एमजीएम भेज दिया गया. जबकि भीष्म सिंह को थाने में ही बिठाकर रखा गया. इसी बीच भीष्म सिंह की शिकायत आदित्यपुर थाना पुलिस ने दर्ज करते हुए घायल अजीत के भाई कुंदन को संदिग्ध हथियार के साथ गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया और दूसरे पक्ष के भीष्म सिंह को थाने से ही छोड़ दिया. जबकि अजीत कुमार की शिकायत पुलिस ने दर्ज ही नहीं की.
उधर थक हारकर अजीत के परिजन 19 तारीख को ही सरायकेला एसडीपीओ से फरियाद लगाने सरायकेला पहुंचे. जहां एसडीपीओं ने केस दर्ज किए जाने का भरोसा दिलाते हुए उन्हें आदित्यपुर थाना भेज दिया. जहां सोमवार को अजीत की शिकायत लेने की प्रक्रिया की जा रही है. इस संबंध में पूछे जाने पर आदित्यपुर थाना प्रभारी राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि घटना के बाद एक पक्ष की ओर से ही लिखित शिकायत दर्ज करायी गयी थी. वहीं हथियार के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि इसकी जांच की जा रही है. अब सवाल ये उठता है, कि दो दिनों तक दोनों पक्षों को थाने में बिठाकर रखा गया और शिकायत एक पक्ष का ही क्यों लिया गया. दूसरा सवाल कि क्या पुलिस ने जो हथियार कुंदन का मानते हुए उसे आर्म्स एक्ट के तहत जेल भेजा उसका शारीरिक और और आपराधिक इतिहास का पता लगाया. जबकि भीष्म सिंह का आपराधिक प्रवृत्ति रहा है, उनके हरकतों से कॉलोनीवासी त्रस्त बताए जा रहे हैं. उनके बेटे पर भी कॉलोनी में मारपीट के आरोप लगते रहे हैं.
सूत्रों की अगर माने तो जो हथियार पुलिस ने जप्त किया है, उसे भीष्म सिंह ने ही पुलिस को दिया है. सूत्र बताते हैं, कि हथियार का अगर फॉरेंसिक जांच हो जाए तो पूरा मामला साफ हो जाएगा. वैसे आदित्यपुर पुलिस का आतंक यहीं समाप्त नहीं हुआ. आदित्यपुर पुलिस ने भीष्म सिंह की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए शिकायत में दर्ज अन्य नामजद आरोपी कुंदन- अजीत के मामा संजय सिंह जिनका कल्पनापुरी में वर्कशॉप है, को भी परेशान करना शुरू कर दिया है. जबकि उनका इस घटना से दूर- दूर तक कोई लेनादेना नहीं है. घटना के बाद वे बीचबचाव करने पहुंचे थे, और दोनों पक्षों को समझाने का भी काम किया था. वैसे पुलिस की ऐसी प्रताड़ना से साधारण इंसान भी खौफ खाने लगा है. आपको याद दिला दें आदित्यपुर थाना पुलिस पर 16 सितंबर को इंडस्ट्रीयल एरिया में हुए ठेकेदार बबन सिंह से लूटकांड मामले में भी लीपापोती का आरोप लग चुका है. जहां पहले आरोपी को थाने से ही जमानत दे दिया गया. उसके बाद बीच रास्ते से उसे उठाकर जेल भेज दिया गया. वैसे अपने रसूख के बल पर बिट्टू सिंह ने 18 तारीख को ही सीजेएम कोर्ट से जमानत ले लिया वैसे अब तक पुलिस की ओर से इसकी पुष्टि नहीं की गयी है. वैसे पुलिस ने यह भी पुष्टि नहीं किया है, कि ठेकेदार से लूट की घटना हुई है, या नहीं. जबकि ठेकेदार द्वारा बार- बार कहा जा रहा है, कि हथियार के बल पर बिट्टू सिंह और बिट्टू नंदी ने अपने सहयोगियों के साथ चार लाख रुपयों से भरा बैग, सोने का चेन और ब्रासलेट लूटे जाने की बात कही जा रही है. सूत्र बताते हैं, कि पुलिस की कस्टडी में रहते हुए बिट्टू सिंह ने ही भीष्म सिंह का एफआईआर लिखवाया था. सूत्र ये भी बताते हैं, कि शालीग्राम स्वीट्स के पैकेट में संदिग्ध हथियार लेकर भीष्म सिंह थाना पहंचे थे. वैसे थाने में लगे सीसीटीवी फुटेज में पूरा घटनाक्रम कैद हो सकता है, अगर वह दुरूस्त कंडीशन में हो, या उसके साथ छेड़छाड़ नहीं किया गया हो.