क्राइमadityapur-road-accident-fact-report-आदित्यपुर-कांड्रा से लेकर सरायकेला की सड़कें यूंही नही बनी खूनी, जाने इसके...
spot_img

adityapur-road-accident-fact-report-आदित्यपुर-कांड्रा से लेकर सरायकेला की सड़कें यूंही नही बनी खूनी, जाने इसके पीछे की असल कहानी, sharpbharat.com की खोजपूर्ण रिपोर्ट

राशिफल

संतोष कुमार
आदित्यपुर
: सरायकेला-खरसावां की सड़कों पर नियम कानून की कोई अहमियत नहीं है. बेतरतीब पार्किंग और नियमों की अनदेखी कर गाड़ियों का चलना जिले की सड़कों के लिए आम बात है. फिर चाहे ओवर लोडिंग का मामला हो या नो एंट्री में बेरोकटोक घुसने का. यही वजह है कि हर दिन सरायकेला की सड़कों पर दुर्घटनाएं हो रही है और लोग अपनी जानें गंवा रहे हैं.
बुधवार देर रात आदित्यपुर थाना अंतर्गत खरकई ब्रिज के समीप भी ऐसी ही घटना घटित हुई, जहां जमशेदपुर से कार संख्या JH05CU- 4495 (मारुति अर्टिगा) पर सवार होकर एक परिवार लौट रहे थे. इसी बीच नो एंट्री जोन में घुसे ट्रेलर ने कार को ओवरटेक कर भागने के क्रम में बुरी तरह से रौंद दिया, जिससे कार बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुआ है. वैसे ऊपरवाले का लाख- लाख शुक्र रहा कि कार में सवार महिलाएं एवं बच्चे सुरक्षित रहे. कार संजय सिंह के नाम से निबंधित है. हालांकि सूचना मिलते ही थाना प्रभारी राजन कुमार मौके पर पहुंचे और हाइवा को जप्त कर लिया. वहीं कार सवार लोगों को सुरक्षित घर भिजवाया. गुरुवार को आगे की कार्रवाई की जाएगी. पुलिस ने दोनों गाड़ियों को जप्त कर लिया है. (नीचे देखे पूरी खबर)

नो एंट्री जोन में भारी वाहनों का धड़ल्ले से होता है आवागमन
बता दें कि आदित्यपुर टॉल ब्रिज बनने के बाद से खरकई पुल से होकर भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है, मगर अंधेरा होते ही जमशेदपुर एवं आदित्यपुर की ओर से होकर भारी वाहनों का परिचालन बेरोकटोक शुरू हो जाता है. दोनों तरफ पुलिस चेकपोस्ट होने के बाद भी भारी वाहनों का प्रवेश कहीं न कहीं सवालिया निशान उठा रहे हैं.
अवैध पार्किंग पर कार्रवाई क्यों नहीं !
जिले की सड़कों पर हो रहे दुर्घटनाओं में सबसे अहम भूमिका सर्विस रोड और मुख्य सड़कों पर अतिक्रमण, अवैध और बेतरतीब पार्किंग है. आदित्यपुर से लेकर कांड्रा, कांड्रा से लेकर चौका- चांडिल- सरायकेला तक जिस तरह से वाहनों का पार्किंग होता है उसपर किसी तरह की कोई कार्रवाई क्यों नहीं होती यह सवाल लोगों के लिए यक्ष प्रश्न बना हुआ है. जिले की सड़कों पर राहगीरों को चलने के लिए टॉल भी चुकाने होते हैं मगर उन्हें सड़कों पर बेतरतीब पार्किंग और सर्विस रोड पर हुए अतिक्रमण का गम्भीर परिणाम भुगतने पड़ रहे हैं. (नीचे देखे पूरी खबर)

स्ट्रीट लाइटों का कोई रखवाला नहीं, बना राजनीति का केंद्र
आदित्यपुर से लेकर कांड्रा टॉल ब्रिज तक जगह- जगह स्ट्रीट लाइटें लगे हैं. आदित्यपुर एस टाईप चौक के बाद सभी स्ट्रीट लाइट हाथी का दांत बने हुए हैं. यदा- कदा राजनीति के धुरंधर मीडिया में बयान जारी कर इसे दुरुस्त करवाने का दंभ भरते हैं घंटा- दो घंटा किसी तरह से विभाग स्ट्रीट लाइटों को जलाकर नेताओं की रुक रखवा देते हैं, अगले दिन अखबारों में राजनेताओं का गुणगान छप जाता है उसके बाद वही पुरानी व्यवस्था में राहगीरों को सफर करना पड़ता है, जिसका नतीजा लोगों को अपनी जान गंवाकर भुगतना पड़ रहा है.
जन कल्याण मोर्चा गंभीर
बता दें कि टाटा- कांड्रा मुख्य मार्ग सामाजिक संस्था जनकल्याण मोर्चा के संघर्षों की देन है. उक्त सड़क पर टॉल वसूली पर मोर्चा शुरू से ही विरोध जता रही है. मोर्चा सड़कों को अतिक्रमण मुक्त कराने, सर्विस रोड को खाली कराने, सड़कों के अंदुलन को दुरुस्त करने. स्ट्रीट लाइटों को दुरुस्त करने के बाद ही टॉल वसूली की मांग करती रही है, बावजूद इसके प्रशासन और सड़क निर्माता कंपनी जेआरडीसीएल गंभीर नहीं है, जिससे मोर्चा चिंतित है और फिर से बड़े आंदोलन की रणनीति तैयार करने में जुट गई है. मोर्चा के अध्यक्ष ओमप्रकाश इस विषय को लेकर जनहित याचिका दायर करने की तैयारी में जुट गए हैं. उन्होंने कहा कि अबतक सड़कों पर हुए मौतों के लिए जेआरडीसीएल एवं स्थानीय प्रशासन जिम्मवार है. हमने हर स्तर पर पत्राचार कर अधिकारियों एवं सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया है, मगर किसी तरह की कार्रवाई न होना चिंतनीय है, ऐसे में अब पीआईएल ही एकमात्र विकल्प है.

Must Read

Related Articles

Floating Button Get News On WhatsApp
Don`t copy text!

Discover more from Sharp Bharat

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading