सरायकेला : सरायकेला- खरसावां कांग्रेस में इन दिनों घमासान मचा हुआ है. जहां पार्टी की प्रदेश स्तरीय नेत्री लखी कुमारी अपने साथ हो रहे अन्याय की आवाज उठाते- उठाते थक कर पार्टी से किनारा कर लिया है. वैसे लखी के अलावे उनके लिए इंसाफ मांग रही आदित्यपुर नगर निगम के वॉर्ड 17 की पार्षद सह कांग्रेसी नेत्री नीतू शर्मा ने भी कांग्रेस के वरीय नेताओं और सांसद गीता कोड़ा एवं पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा द्वारा मामले में संज्ञान नहीं लेने से नाराज होकर इस्तीफा दे दिया है. आपको बता दें कि लखी कुमारी राजीव गांँधी ऑल इंडिया कांग्रेस के महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष हैं, साथ ही यूथ इंटक की जिला उपाध्यक्ष भी.
लखी जमीनी स्तर पर स्थानीय मुद्दों के अलाव महिलाओं के मामलों में बढ़चढ़कर हिस्सा लेती रहीं हैं, और उनके इसी जज्बे को देखकर पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने उन्हें कई अहम जिम्मेवारियां भी दी थीं. साथ ही उन्हें वे निजी तौर पर जानते भी हैं. बतौर लखी उन्हें पार्टी के ही एक कार्यकर्ता हरकृष्ण सिंह के साथ प्रेम हो गया. दोनों के बीच प्रेम परवान चढ़ते ही कांग्रेस नेता ने लखी को शादी का झांसा देकर उसके साथ एक साल से यौन शोषण करता रहा. लखी बताती है, जब उनके द्वारा कांग्रेसी नेता पर दबाव बनाया गया, तो पहले तो शादी से इंकार कर दिया गया, लेकिन सामाजिक स्तर पर गम्हरिया गुरूद्वारा में कांग्रेसी नेता की बहन की शादी के बाद शादी करने पर पारिवारिक सहमति बनी, इसी बीच जिस कांग्रेसी नेता फूलकांत झा की उंगली पकड़कर उन्होंने राजनीति का ककहरा सीखा, उसी फूलकांत झा के बेटे मोनू झा ने कांग्रेसी नेता के परिवारवालों से पैसे लेकर उन्हें शादी से इंकार करवा दिया.
लखी बताती है. कि अब उसे जान से मारने की धमकी भी मिल रही है. इधर लखी का साथ दे रही कांग्रेस नेत्री नीतू शर्मा ने भी खुद को धमकी दिए जाने संबंधी शिकायत आदित्यपुर थाने में दर्ज कराया है. दोनों नेत्रियों ने संगठन स्तर के सभी नेताओं पर मामले को दबाने का आरोप लगाया है. यहां तक कि सिंहभूम सांसद गीता कोड़ा एवं उनके प्रतिनिधि अनामिका सरकार और पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा एवं सांसद प्रतिनिधि मुन्ना शर्मा पर भी मामले में गंभीरता नहीं दिखाने का आरोप लगाया है. दोनों नेत्रियों ने पार्टी में महिलाओं का सम्मान नहीं होने का आरोप लगाया है. निश्चित तौर पर सरायकेला- खरसावां कांग्रेस के लिए यह गंभीर मामला है. कांग्रेस राज्य के सत्ताधारी दल के सहयोगी की भूमिका में है. राष्ट्रीय स्तर पर गिरते साख के बीच अगर पार्टी की महिला कार्यकर्ता ऐसे संगीन आरोप लगाती है, तो पार्टी के लिए आत्मचिंतन की बात है.