मुसाबनी : जमशेदपुर के ग्रामीण इलाके मुसाबनी के भाजपा नेता सह ठेकेदार दशरथ सिंह के खुदकुशी मामले में एचसीएल आईसीसी के यूनिट हेड संजय सिंह, डीजीएम मांइन्स डीके श्रीवास्तव, बिजनेस पार्टनर आदित्यपुर निवासी सुजीत सिंह, मुसाबनी निवासी के साहिल हमीद, उसका भाई चुन्नू अली के विरुद्ध विभिन्न धाराओं के तहत मुसाबनी थाना में मामला दर्ज किया गया है। स्वर्गीय दशरथ सिंह के छोटे भाई यशवंत कुमार सिंह ने इन सभी पांचों आरोपित के विरुद्ध मुसाबनी थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है। इसके साथ ही दशरथ सिंह द्वारा लिखे गए दो पन्ने का सुसाइड नोट की मूल प्रति भी आवेदन के साथ संलग्न किया गया है। सुसाइड नोट मिलने के बाद भाजपा नेता दशरथ सिंह के खुदकुशी मामले में नया मोड़ आ गया है।
सुसाइड नोट में दशरथ सिंह ने आत्महत्या का कारण इन सभी पांचों लोगों के द्वारा मानसिक रूप से प्रताड़ित करना बताया है ।बिजनेस में धोखाधड़ी कर नुकसान पहुंचाने, काम में लगने वाले कई तरह के मशीन व उपकरण को अपने कब्जे में कर लेने, बिजनेस संबंधी कागजात को धोखे से अपने कब्जे में कर ब्लैकमेल करने सहित कई गंभीर आरोप सुसाइड नोट में लिखा गया है। एचसीएल कंपनी के अधिकारियों पर टेंडर में हेराफेरी करने का गंभीर आरोप लगाया गया है। जिससे यह मामला हाई प्रोफाइल हो गया है। स्वर्गीय दशरथ सिंह के छोटे भाई यशवंत सिंह के लिखित बयान पर मुसाबनी थाना में एचसीएल आईसीसी के जीएम संजय सिंह,डीजीएम मांइन्स दीपक श्रीवास्तव, बिजेनस पार्टनर अदित्यपुर निवासी सुजित सिंह, मुसाबनी निवासी के साहुल हामिद, उनके छोटे भाई अली उर्फ चुन्नू के विरुद्ध मुसाबनी थाना कांड संख्या 71/ 20, दिनांक 30.09.2020 को भादिवि की धारा 406,420,306/34 के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस केस के अनुसंधान कर्ता प्रशिक्षु सब इंस्पेक्टर रंजन कुमार को बनाया गया है। बुधवार सुबह दिवंगत दशरथ सिंह के शव का पोस्टमार्टम एमजीएम अस्पताल जमशेदपुर में किया गया। पोस्टमार्टम के बाद उनके शव को लेकर उनके परिजन बिहार के सारण जिले के सोनपुर के भरपुरा गांव लेकर चले गए। जहां गुरुवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। मुसाबनी से भी कई लोग इनके अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए बिहार गए हैं।स्व भाजपा नेता दशरथ सिंह बिहार के छपरा जिला के भरपुरा गांव निवासी थे. उन्होंने अपनी सुसाइडल नोट में लिखा है कि आदित्यपुर निवासी उनके बिजनेस पार्टनर सुजीत सिंह के साथ 2012 से दो वर्ष तक करोड़ों का काम किया जिसका हिसाब सुजीत सिंह ही रखता था. कहा कि सर्व प्रथम उनके नाम पर चार करोड़ का काम मिला काम पूर्ण हो गया जो रूपय मिले दोनों ने पुन: 10 करोड़ का काम लिया. तब सुजीत सिंह उसे धीरे धीरे हटाने लगा, कई बार उसने सुजीत से हिसाब करने की बात कही तो सुजीत उसे हड़काने लगा. सुसाइड नोट में कहा है कि सुजीत सिंह के पास उसके एक करोड़ रूपय निकलता है जो वह उसे नही दिया. कहा कि सुजीत सिंह उसके रूपय से ही गम्हारिया में जमीन खरीदा है. वही मुसाबनी के साहिल हमिद के बारे में कहा है कि 2018 में बैंक से लोन लेकर एचसीएल / आईसीसी में काम शुरू किया देखरेख और टेंडर डालने के लिए हमीद को रखा, उसने भी उसे बिजनेस में धोखा दिया. कहा कि सारा पेपर और हिसाब किताब हमीद के पास रहता था. उससे भी कई बार हिसाब मांगा तो वह अपने भाई चुन्नु अली के साथ मिलकर ब्लैकमेल करने लगा. कहा कि उन्होंने हमीद को लोडर बनाने के लिए रूपय भी दिया, जो हमीद ने मिस्त्री को रूपय नही दिया है जिसकारण लोडर आज भी मानगो के एक मिस्त्री के पास लोडर पड़ा हुआ है. दोनों भाईयों ने उनकी सभी गाड़ी को कबाड़ कर खड़ा कर दिया है. काम के दौरान डीजल में भी हेराफेरी किया है. सभी से मिली धोखा से त्रस्त आकर आत्महत्या करने की बात कही है. सुसाइड नोट में उन्होंने अपने भतीजा रोहन को पढ़ लिखकर ऐसा आदमी बनना कि तुम्हें किसी कि जरूरत ना पड़े, लिखा है कि तुम किसी पर अंधा विश्वास मत करना. छोटे भाई यशवंत से कहा कि तुम मेरे बाद पूरा परिवार का अच्छे से देखभाल करना और बेटा धरमबीर के बारे में लिखा है कि तुम मां, दादी और बहन की अच्छी तरह से देख भाल करना. अंत में उन्होंने परिवार और जान पहचान वाले लोगों से से माफी मांगी है कि अगर कभी भी उनसे अगर कोई गलती हुई है तो सभी लोग उन्हें माफ कर दे.