जमशेदपुर : जमशेदपुर के जुगसलाई के रहने वाले कारोबारी ओमप्रकाश काबरा अपहरणकांड में पेशी के दौरान कोर्ट हाजत से भागने के मामले में जमशेदपुर कोर्ट ने सोमवार को कुख्यात गैंगस्टर अखिलेश सिंह, उसके गुरु विक्रम शर्मा, भाजपा नेता लालचंद सिंह, हवलदार लालदेव सिंह, सिपाही अमरेश्वर उपाध्याय समेत पांच लोगों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया. इस मामले में गैंगस्टर अखिलेश सिंह और विक्रम शर्मा की ओर से अधिवक्ता प्रकाश झा और विद्या सिंह ने केस के पैरवी की. अभियोजन पक्ष की ओर से एपीपी राजीव कुमार कोर्ट में मौजूद थे. (नीचे देखे पूरी खबर)
पुलिस इस मामले में भी साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर सकी. वर्ष 2002 का यह मामला था, जिसमें अखिलेश सिंह कोर्ट हाजत से फरार हो गया था. यह वक्त वहीं था, जब अखिलेश सिंह पहली बार अपराध की दुनिया में आया था. अखिलेश सिंह का पहला केस ओमप्रकाश अपहरणकांड था, जब साकची से उनका अपहरण करने की बात सामने आयी थी. तत्कालीन साकची थाना प्रभारी अभय नारायण सिंह ने इस अपहरणकांड में अखिलेश सिंह और अन्य लोगों को पकड़ा था. अखिलेश सिंह इसके बाद जेल भेज दिया गया था. इस बीच जेल में मिली कथित यातनाओं के बाद अखिलेश सिंह कोर्ट हाजत से फरार हो गया था. उसके बाद जेलर उमाशंकर सिंह की हत्या की थी. उसकी फरारी में मदद करने के कथित आरोपी हवलदार लालदेव सिंह समेत अन्य लोगों पर भी मुकदमा दायर किया गया था, लेकिन एक भी आरोपी के खिलाफ कोर्ट में पुलिस साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पायी और अखिलेश सिंह समेत अन्य बरी हो गये. अखिलेश सिंह इसी फरारी के बाद जमशेदपुर का माफिया डॉन बन गया और फरारी के दौरान कई सनसनीखेज घटनाओं को अंजाम दिया था.