जमशेदपुर : जमशेदपुर के बिष्टुपुर थाना अंतर्गत बेल्डीह बस्ती में बुलबुली देवी के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में सोमवार को जमशेदपुर कोर्ट के एडीजे 2 संजय कुमार की अदालत में सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुनाया गया. अदालत ने मामले के आरोपी चंदन दास उर्फ चांदी को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया. यह फैसला साक्ष्य और गवाहों के अभाव में दिया गया. इस मामले में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता गौरव पाठक ने अपनी दलीलें रखी. अदालत में कार्रवाई के दौरान सात लोगों ने गवाही दी, जिसमें शिकायतकर्ता सोनू गोराई ने गवाही दी कि घटना के आरोपी चंदन दास ने ही बुलबुली देवी को अस्पताल पहुंचाया था. वहीं मामले की अनुसंधानकर्ता लक्ष्मी कुमारी ने अदालत को बताया था कि घटना का कोई भी चश्मदीद गवाह नहीं मिला. मेडिकल रिपोर्ट में भी दुष्कर्म की पुष्टी नहीं हुई. घटना के दिन से ही आरोपी चंदन जेल में बंद है. बता दे कि 17 फरवरी 2018 को बिष्टुपुर थाना में एक एफआइआर दर्ज किया गया था. एफआइआर के मुताबिक, बेल्डीह बस्ती निवासी बुलबुली देवी का कमरा बाहर से बंद था. बस्ती के लोगों ने दरवाजा ठकठकाया पर अंदर से कोई जवाब नहीं मिला. बाद में बुलबुली देवी का बेटा सोनू भी मौके पर पहुंचा था. थोड़ी देर बाद अंदर से चंदन दास उर्फ चांदी ने दरवाजा खोला. बुलबुली देवी नग्न अवस्था में कमरे में पड़ी थी. उसे तत्काल अस्पताल ले जाया गया था जहां उसकी मौत हो गई. इस मामले में सोनू ने चंदन पर दुष्कर्म कर हत्या का आरोप लगाया था. उसके बाद से ही आरोपी जेल में बंद था, जिसको बरी कर दिया गया है. करीब तीन साल तक इस केस में आरोपी जेल में रहा और अभी बरी हो गया है.