जमशेदपुर : जमशेदपुर के बिष्टुपुर स्थित होटल अलकोर में वेश्यावृति और लॉकडाउन के बीच स्पा संचालित करने के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजे गये राजीव दुग्गल, लड्डू मंगोतिया समेत अन्य सारे आरोपियों की जमानत को खारिज कर दिया गया है. जमशेदपुर कोर्ट के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में इसकी सुनवाई हुई, जिसमें सभी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया. हालांकि, राजीव दुग्गल और अन्य आरोपियों के वकीलों की ओर से कोर्ट में यह दलील दी गयी थी कि देह व्यापार का आरोप सरासर गलत है और मीडिया के दबाव में पुलिस ने यह कार्रवाई की है. इस मामले में अब जमानत की याचिका जमशेदपुर के उच्च अदालत में होगी. वैसे इस मामले में आरोपी पक्ष द्वारा झारखंड हाईकोर्ट में भी एक याचिका दाखिल की गयी है, जिसमें एफआइआर को ही गलत बताया गया है और एफआइआर को ही क्वैश यानी खारिज करने की याचिका दी गयी है. इस मामले को लेकर अब तक झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई नहीं हुई है. वैसे होटल अलकोर के मामले में पुलिस ने एक महिला समेत नौ लोगों को जेल भेज दिया है और पूरे मामले की अभी भी जांच की जा रही है. वैसे पुलिस की ओर से एफएसएल जांच भी करायी जा रही है, जिसमें सारे आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत कोर्ट में पेश किया जा सके. इस मामले में दो अलग-अलग एफआइआर दायर किया गया है. एक जमानतीय धारा में लॉकडाउन उल्लंघन का पहले बिष्टुपुर थाना में दंडाधिकारी के नाम पर दर्ज किया गया था जबकि बाद में जब मामले में पुलिस पर सवाल उठा तब पुलिस ने एक अलग से एफआइआर दायर की, जिसमें खुद डीएसपी अरविंद कुमार शिकायतकर्ता बने और सभी के खिलाफ गैर जमानतीय धारा में मुकदमा दायर किया गया. इस मामले को लेकर कई स्तर पर जांच की जा रही है. इस मामले में अब तक तत्कालीन बिष्टुपुर थाना प्रभारी राजेश प्रकाश सिन्हा को सस्पेंड भी कर दिया गया है.
jamshedpur-crime-होटल अलकोर के मामले में राजीव दुग्गल, लड्डू मंगोतिया समेत अन्य की जमानत याचिका खारिज, उच्च न्यायालय पर अब भरोसा
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