जमशेदपुर : जमशेदपुर के मानगो के रहने वाले शेख अख्तर ने पिछले साल अपनी बेटी की शादी करने के लिए मानगो के ही रहने वाले इजहार और रिजवान से दो लाख रुपए उधार लिए थे. शेख अख्तर ने आर्थिक तंगी के चलते 4 मई को मानगो में अल अब्बास अपार्टमेंट स्थित अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. अख्तर के परिजनों का कहना है कि अब इजहार और रिजवान शेख अख्तर की जवाहरनगर रोड नंबर चार स्थित दुकान पर कब्जा करना चाहते हैं. कुछ दिन पहले ही रिजवान ने दुकान पर आकर शेख अख्तर के 17 वर्षीय बेटे शहबाज को धमकी दी और कहा कि दुकान खाली कर दो. इसके बाद शहबाज ने मानगो थाने में शिकायत की थी कि मंगलवार को थाने पर दोनों पक्षों को बुलाया गया. शहबाज का कहना है कि अगर उनके पिता दुकान बेचते तो घर में चर्चा जरूर करते. रिजवान दो लाख रुपए की मनी रिसिप्ट दिखा रहे हैं. साथ ही 17 लाख रुपए का एग्रीमेंट भी दिखा रहे हैं. शहबाज का कहना है कि मनी रिसीप्ट पर गवाहों के दस्तखत नहीं हैं. 17 लाख रुपए कैश दिए गए थे तो यह भी जांच का विषय है. कोई इतनी बड़ी रकम कैश नहीं देगा. शहबाज का कहना है कि एग्रीमेंट में भी उसके पिता के फर्जी साइन किए गए हैं. शहबाज का आरोप है कि रिजवान ने जाली दस्तावेज बनाए हैं और इसके सहारे वह उनकी दुकान हड़पना चाहता है. गौरतलब है कि शेख अख्तर ने 4 मई को अपने अलावा अपार्टमेंट स्थित घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. बताते हैं कि तनाव के चलते उन्होंने फांसी लगा ली थी. परिवार में वही एक कमाने वाले थे और दुकान से ही उनका परिवार चलता था. शेख अख्तर की मौत के बाद अब उनकी पत्नी, दो बेटे शहबाज व इब्राहिम और एक बेटी है. शहबाज का कहना है कि अगर उनकी दुकान छिन जाएगी तो परिवार कैसे चलेगा. शहबाज के पक्ष में बस्ती के कई बुद्धिजीवी और भाजपा के नेता भी पहुंचे थे.