
जमशेदपुर : जमशेदपुर शहर अब आतंकियों के लिए सुरक्षित शहर बनता जा रहा है. इसका अंदाजा इसी बात से ही लगाया जा सकता है कि जमशेदपुर से बड़े-बड़े आतंकी पकड़े जा रहे हैं. पहले मानगो के जवाहर नगर रोड नंबर 12 निवासी अलकायदा के कथित आतंकवादी कलीमुद्दीन को पुलिस ने पकड़ा और अब दुनिया के सबसे बड़े अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के करीबी अब्दुल माजिद को गुजरात की एटीएस की टीम ने जमशेदपुर पुलिस के साथ मिलकर मानगो से गिरफ्तार किया. अब्दुल नाम बदलकर रहने में बहुत माहिर है. वह जली पासपोर्ट बनाने में भी एक्स्पर्ट है. इसी का फायदा उठाते हुए वह बीते एक साल से अपने परिवार के साथ मानगो के सहारा सिटी में रह रहा था. शनिवार देर रात पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया.
मलेशिया से दुबई, बैंकॉक के रास्ते जमशेदपुर पंहुचा था अब्दुल
अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद का करीबी माना जाने वाला अब्दुल माजिद मलेशिया में इसी नाम से जाना जाता था. वह मलेशिया से दुबई, बैंकाक के रास्ते जमशेदपुर के मानगो पहुंचा और यहां नाम बदलकर मानगो के सहारा सिटी में परिवार के साथ रहने लगा. यहां उसने अपना नाम कमाल रख लिया और इस नाम से सारे दस्तावेज बनवा लिए. अब्दुल दाऊद को कई बार हथियार उपलब्ध करा चुका है. भारत में वह दाऊद का सबसे करीबी माना जाता है. गुजरात एटीएस टीम को अब्दुल की 24 सालों से तलाश थी. एटीएस की टीम को जानकारी मिली कि अब्दुल नाम बदलकर जमशेदपुर में रह रहा है. इसके बाद एटीएस की टीम पिछले छह माह से अब्दुल की गतिविधियों पर नजर रख रही थी. दो दिन पहले ही गुजरात की एटीएस की टीम शहर पहुंची और जमशेदपुर पुलिस की सहायता से उसे मानगो से जांच के दौरान गिरफ्तार कार लिया गया. एटीएस के समक्ष उसने अपना परिचय कबूल कर लिया.
साल 1996 से ही माजिद की थी तलाश
पुलिस को साल 1996 से ही माजिद की तलाश थी. वह केरल का रहने वाला है. साल 1996 में 106 पिस्टल, करीब 750 कारतूस और करीब चार किलोग्राम आरडीएक्स की गेदरिंग के मामले में वांछित था. फिलहाल पुलिस अब यह जाने कि कोशिश कर रही है कि उसने जमशेदपुर में रहते हुए किस-किस से संपर्क किया है. कहीं उसने यहां रहते हुए आतंकी बनाने का काम तो नहीं किया है.