क्राइमjamshedpur-double-suicide-case-जुगसलाई में डबल आत्महत्या कांड-दो लोगों की जान लेने के दोषी बिष्टुपुर...
spot_img

jamshedpur-double-suicide-case-जुगसलाई में डबल आत्महत्या कांड-दो लोगों की जान लेने के दोषी बिष्टुपुर थाना के पदाधिकारी ”सिर्फ” लाइन हाजिर, इसी ऑफिसर की लापरवाही से गयी पिता-बेटी की जान, यह कार्रवाई खानापूर्ति है ”साहब”, क्यों नहीं इस अफसर पर दोनों की जान लेने का दर्ज हो मुकदमा? सरकार को झारखंड भाजपा ने घेरा, डीजीपी ने मामले में किया हस्तक्षेप, डीजीपी बोले-किसी भी कीमत पर दोषियों को नहीं बख्शा जायेगा, टाटा स्टील के कर्मचारियों और यूनियन में गुस्सा, स्वास्थ्य मंत्री पीड़ित के घर पहुंचे

राशिफल

लाल घेरे में आत्महत्या करने वाले पिता और बेटी. बीच में पत्नी और एक अन्य बेटी, जो न्याय की अब भी आस में है.

जमशेदपुर : बलात्कार के आरोपियों को गिरफ्तार नहीं करने से आहत पिता-और बेटी की आत्महत्या का मामला अब गर्माता नजर आ रहा है. जमशेदपुर के जुगसलाई थाना अंतर्गत फाटक के पास प्रितपाल सिंह और उसकी बेटी बलजीत सैनी के आत्महत्या करने के मामले में आरोपी परमजीत सिंह सैनी ने न्यायलय में सरेंडर कर दिया था वहीं उसकी पत्नी जसबीर कौर सैनी को पुलिस ने आदित्यपुर से गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भी भेजा था. इधर पुलिस ने बिष्टुपुर थाना में पूर्व में दर्ज मामले के अनुसंधानकर्ता सब इंस्पेक्टर अमरेंद्र मंडल को सिटी एसपी सुभाष चंद्र जाट के आदेश के बाद लाइन हाजिर कर दिया गया. विभागीय कार्रवाई में इसे दोषी पाया गया था, जिसके बाद उनको लाइन हाजिर कर दिया गया. इस मामले को लेकर आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का मामला दर्ज किया गया है. इस मामले में पुलिस ने क्यों नहीं उस पदाधिकारी पर आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का आरोपी बनाया, जिसने इस मामले में वरीय अधिकारी सिटी एसपी के दिशा-निर्देश को भी ठंडे बस्ते में डाल दिया और आरोपियों को बचाता रहा और फलस्वरुप यह हुआ कि लोक लाज से आहत पिता और बेटी ने आत्महत्या ही कर ली. इस घृणित अपराध में वह पुलिस पदाधिकारी ही सबसे बड़ा दोषी है, जिस पर क्यों नहीं अब तक उस मुकदमा का आरोपी बनाया गया, यह बड़ा सवाल उठ खड़ा हुआ है. सिर्फ लाइन हाजिर क्या सजा होती है यानी थाना में नहीं रहेंगे पुलिस लाइन में पदस्थापन का इंतजार करेंगे. कोई सस्पेंशन तक नहीं हुआ. इस बीच पुलिस मामले में अन्य आरोपियों को तलाश कर रही है. मिली जानकारी के अनुसार परमजीत ने घटना के एक दिन पहले न्यायालय में सरेंडर का प्रयास किया था पर कोविड गाइडलाइन को लेकर वह सरेंडर नही कर पाया. घटना वाले दिन प्रितपाल सिंह अपनी बेटी के साथ डीएसपी लॉ एंड ऑर्डर के कार्यालय भी गए थे पर उनसे मिल नही पाए थे. फिलहाल अब भी मामले में दो आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर चल रहे है. बता दे कि प्रितपाल सिंह सैनी की पत्नी ने अपने जेठ परमजीत सिंह सैनी द्वारा बीते एक साल से दुष्कर्म करने का आरोप लगाते हुए 16 दिसंबर 2020 को बिष्टुपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. घटना के बाद भी पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी नहीं की. प्रितपाल अपने परिजनों के साथ पुलिस अधिकारियों के चक्कर लगाता रहा पर उसकी सुनने वाला कोई नहीं था. इधर परमजीत सिंह केस उठाने के लिए दबाव भी बनाने लगा. प्रितपाल को मंत्रियों के भी फोन आने लगे. इसी से परेशान होकर उसने आत्महत्या की है.
झारखंड में सियासी रंग लिया यह मामला, भाजपा और झामुमो आमने-सामने

जमशेदपुर में बुधवार को पिता और बेटी की आत्महत्या का मामला सियासी रंग ले चुका है. इस मामले को लेकर राजधानी रांची में भाजपा नेता प्रदीप वर्मा ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि इस तरह से राज्य में कांग्रेस और झामुमो की गठबंधन की सरकार चल रहा है. क्या विडंबना है कि एक पिता अपनी बेटी के साथ पुलिस से न्याय नहीं मिलने से दुखी होकर आत्महत्या कर ले रहे है और पदाधिकारी कोई कार्रवा नहीं करती है. उलटे केस करने वाले को ही आरोपी धमकाता रहता है, जो पुलिस की व्यवस्था पर ही सवाल उठा रहा है. इस मामले में झामुमो के प्रदेश प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा कि इस केस में जो भी पुलिस पदाधिकारी दोषी होंगे, उस पर सरकार कार्रवाई करेगी और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाया जायेगा.
डीजीपी ने उच्चस्तरीय जांच के दिये है आदेश

प्रदेश को झकझोर देने वाली इस घटना को लेकर प्रदेश डीजीपी नीरज सिन्हा ने उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिये है. इस मामले में डीजीपी ने बताया है कि किसी भी कीमत पर दोषियों को बख्शा नहीं जायेगा. डीजीपी नीरज सिन्हा ने कहा है कि आत्महत्या के पीछे जो भी दोषी होंगे, उस पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी. पूरे मामले में पुलिस की भूमिका की निष्पक्ष जांच की जायेगी. उन्होंने कहा कि उनका फोन नंबर 24 घंटे खुला रहता है, लोग चाहे तो सीधे उनसे बात कर सकते है. (नीचे पढ़े टाटा स्टील के कर्मचारियों में कैसा है गुस्सा, टाटा वर्कर्स यूनियन में क्या हुई बैठक)

टाटा स्टील के कर्मचारी की मौत के खिलाफ बैठक करते यूनियन के सहायक सचिव नितेश राज और अन्य.

टाटा स्टील के कर्मचारियों ने बैठक कर घटना में पुलिस की भूमिका का किया विरोध
मृतक प्रितपाल सिंह टाटा स्टील का कर्मचारी था. उसके इस कदम ने टाटा स्टील के कर्मचारियों को भी झकझोरकर रख दिया है. टाटा स्टील के कर्मचारियों की प्रतिनिधि यूनियन टाटा वर्कर्स यूनियन ने तो इसका विरोध किया है. टाटा वर्कर्स यूनियन के सहायक सचिव और इंटक नेता नितेश राज ने अपने कार्यालय में इसको लेकर बैठक भी की है. इस बैठक में यूथ इंटक के जिला अध्यक्ष अभिनंदन सिंह समेत कई लोग मौजूद थे. इस दौरान इन लोगों ने कहा कि प्रितपाल सिंह और उनके परिवार के साथ यूनियन खड़ा है. इंटक भी उनके साथ है. इन लोगों ने इसके लिए दोषी पदाधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है. इस बैठक में मुख्य रुप से उदय कुमार, पीके सिंह, पुष्कर, तरुण कुमार, ज्ञानरंजन, धनंजय, एसपी सिंह, जेपी लेंका, विजय कुमार सिंह, डीकेएम राजू, निरंजन साहू, रोहित गोराई समेत अन्य लोग शामिल थे. (नीचे पढ़े स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने पीड़ित के घर पहुंचकर क्या कहा)

स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता का वीडियो बयान-video.

स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पीड़ित के घर पहुंचे
इधर मामले की जानकारी मिलते ही राज्य के मंत्री सह स्थानीय विधायक बन्ना गुप्ता शुक्रवार को पीड़ित परिवार के घर पहुंच उन्हें सांत्वना देते हुए इंसाफ दिलाने का भरोसा दिलाया. उन्होंने राज्य पुलिस महानिदेशक से व्यक्तिगत तौर पर मिलकर इस मामले के दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग किए जाने की बात कही. वैसे जमशेदपुर पुलिस के जांबाज पदाधिकारियों पर गाज कब गिरेगी इस पर मंत्री जी ने कुछ भी नहीं बताया. हालांकि उन्होंने इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए स्पीडी ट्रायल के जरिए दोषियों को सजा दिलाए जाने की बात कही. (नीचे देखे तस्वीर स्वास्थ्य मंत्री परिजनों से मिलते हुए)

स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता परिजनों से मिलते हुए.
[metaslider id=15963 cssclass=””]

Must Read

Related Articles

Floating Button Get News On WhatsApp
Don`t copy text!