जमशेदपुर : जमशेदपुर में एक बार फिर से गैंगवार की आशंका बढ़ गयी है. इसका जीता जागता उदाहरण बुधवार की रात को देखने को मिला. गैंगस्टर अखिलेश सिंह गिरोह के कंहैया सिंह, उसके भाई और भतीजा समेत सात लोगों पर सुधीर दुबे व उनके गिरोह के लोगों ने फायरिंग कर दी, जिसमें सात लोग घायल है. घायलों का इलाज टीएमएच में चल रहा है. वैसे अखिलेश गिरोह के दो साथियों को पुलिस ने हिरासत में लिया है, जो कंहैया सिंह से मिलने के लिए आया था. उससे भी गहन पूछताछ की जा रही है. पुलिस अब तक हमलावर गिरोह सुधीर दुबे एंड उसके गैंग के लोगों तक नहीं पहुंच पायी है. सुधीर दुबे और उसके गिरोह के लोगों पर अब तक किसी तरह का कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की गयी है, जिससे अपराधियों का मनोबल बढ़ा हुआ है. वैसे इस फायरिंग की घटना के बाद कंहैया सिंह और उसके भाई ने कहा है कि अभी गैंगवार पूरा शहर देखेगा. उनके इस बयान ने पुलिस के लिए भी मुश्किलें बढ़ा दी है तो जमशेदपुर के लोग भी दहशत में है कि क्या जमशेदपुर में फिर से आम लोगों का चलना दुभर हो जायेगा और क्या गैंगवार में एक बार फिर से अशांति का माहौल उत्पन्न हो जायेगा.
अखिलेश सिंह के बराबर बनने के लिए सुधीर दुबे ने किया हमला, बिहार से लेकर झारखंड के अखिलेश विरोधियों को जुटाने में सुधीर दुबे कामयाब
गैंगस्टर अखिलेश सिंह गिरोह का कभी शूटर माने जाने वाले सुधीर दुबे के साथ अखिलेश सिंह गिरोह के कंहैया सिंह के साथ अनबन हो गयी थी. बताया जाता है कि सुधीर दुबे ने कंहैया सिंह के नाम का इस्तेमाल कर सोनारी के युवक मोहन यादव के माध्यम से अपराधकर्मी अमित राय को मौत के घाट उतार दिया था. अमित राय हत्याकांड की पूरी जानकारी अखिलेश सिंह को भी नहीं था. जेल में बंद अखिलेश सिंह ने इस मामले में सुधीर दुबे को तलब किया था, जिसको लेकर कंहैया सिंह और सुधीर दुबे के बीच विवाद हुआ और यह विवाद की खाई बढ़ती चली गयी और सुधीर दुबे को अखिलेश सिंह गिरोह ने अपने गिरोह से निकाल दिया.
इसके बाद सुधीर दुबे ने अपनी गैंग बनायी, जिसमें उसने अखिलेश सिंह के साथ रहने वाले कदमा मिवासी राजीव राम, सिख युवक राजा दुबे, सूरज यादव, एग्रिको का रहने वाला राहुल सिंह और कल्लू राय के अलावा पंकज दुबे और परमजीत सिंह गिरोह का कभी पुराने साथियों को भी जुटाया और एक अलग गैंग तैयार कर लिया. सुधीर दुबे की मंशा है कि रंगदारी का जो कारोबार है, उसमें उसकी भी बड़ी हिस्सेदारी हो.
अखिलेश सिंह की जगह उसका नाम भी आ जाये, जिस कारण से कंहैया सिंह को उसने टारगेट किया, जो अभी अखिलेश सिंह के लिए काम करता है. इस कारण समझौता करने और उसके बकाया ढाई लाख रुपये देने की बात बताकर पहले उसको अकेले ही आने को बोला और यह भी कहा कि वह खुद भी अकेले है. इस कारण कंहैया सिंह तैयार हो गया. कंहैया सिंह शराब के नशे में था और उसको मारने की पूरी प्लानिंग ही थी, लेकिन चूंकि, ज्यादा लोग कंहैया सिंह के साथ थे, इस कारण वह बच गया नहीं तो आज कहानी कुछ और होती.
फेसबुक से हो रहा अपराधिक गिरोह का संचालन
जमशेदपुर में अपराधिक गिरोह का संचालन फेसबुक के माध्यम से ही हो रहा है. इस तरह के अपराधिक गिरोह पर किसी तरह की कोई नजर पुलिस की नहीं है. खुलेआम फेसबुक पर हथियारों के साथ अपराधी अपनी नुमाइश कर रहे है. अपराधी खुद का महिमामंडन करने के साथ ही नये लड़कों को भी इसके माध्यम से जोड़ रहे है. नये लड़कों को जोड़ने के लिए फेसबुक को ही बड़ा हथियार इन सारे अपराधियों ने बनाया है, जिस कारण लगातार लोग सामने आ रहे है. फेसबुक एकाउंट का संचालन कौन कर रहा है, उसकी सिर्फ जांच की जाती है. सुजीत सिन्हा गिरोह हजारीबाग से लेकर पूरे झारखंड में दहशत बन चुका है तो अखिलेश सिंह गिरोह का हर साथी अपने फेसबुक एकाउंट के साथ ही अपने फैंस समूह को भी बना लिया है. सोशल मीडिया के माध्यम से वे लोग लोगों को जोड़ रहे है.