जमशेदपुर : जमशेदपुर के घाटशिला जेल में तैनात दो पुलिसकर्मी आपस में भिड़ गए और देखते ही देखते पुलिस हवलदार धर्मेंद्र कुमार सिंह को कुल्हाड़ी से काटकर सिपाही मनीष कुमार ने हत्या कर दी. हालांकि बीच-बचाव करने पहुंचे उपेंद्र कुमार सिंह नामक पुलिसकर्मी घायल हो गया है. बताया जा रहा है कि दोनों एक साथ खाना खा रहे थे और शराब के नशे में थे. जैप-7 के दोनों हवलदार और सिपाही एक साथ ही खाना खा रहे थे और शराब भी पी रहे थे. इसी बीच आपसी विवाद में तू-तू मैं-मैं दोनों में शुरू हो गयी और नौबत हत्या तक आ गई.
इसी बीच जेल परिसर (पुलिसवालों के रहने वाला बैरक) में रखे कुल्हाड़ी को उठाकर मनीष कुमार ने हमला कर दिया, जिससे धर्मेंद्र कुमार सिंह लहुलुहान हो गया. बीच बचाव करने के लिए अन्य लोग आये तो उस पर भी हमला बोल दिया. उधर घायल जवान को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वहीं एसडीपीओ ने हत्यारे पुलिस को गिरफ्तार कर पूछताछ कर रही है. इस घटना के बाद अस्पताल परिसर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. घाटशिला जेल परिसर में बीती आधी रात को यह घटना घटी है. पकड़े गये सिपाही ने बताया है कि किसी बात को लेकर हुए विवाद में उसने हमला बोल दिया. इस दौरान बीच बचाव करने गये पुलिसकर्मी उपेन्द्र कुमार सिंह भी घायल हो गये है. घायल उपेन्द्र का बेहतर इलाज के लिये जमशेदपुर भेज दिया गया है.
देर रात की घटना की सूचना मिलने पर एसडीपीओ ने जांच शुरू कर दी है. घटना के बाद मृतक हलवदार धमेन्द्र कुमार सिंह के परिजन बिहार के भभुवा जिला बरौड़ा गांव से घाटशिला पहुंच गये है. धमेन्द्र के शव के पोस्टमार्टम के लिये घाटशिला से जमशेदपुर भेज दिया गया है. वही घटना को लेकर जिला के ग्रामीण एसपी सुभाष चंद्र जाट, एसडीपोओ राजकुमार महेता, जैप 7 के डीएसपी भरत प्रसाद घटनास्थल पर पहुंचकर छानबीन में जुट गयी है. घाटशिला जेल प्रभारी अधीक्षक नरेन्द्र प्रसाद सिंह भी घाटशिला जेल पहुंचकर पूरे मामले की जानकारी ली. उन्होंने बताया कि दो दिन के अंदर जैप के सभी जवानों को हटा दिया जायेगा. उनके स्थान पर नये जवानों को पदस्थापित किया जायेगा. घटना के संबंध उन्होंने बताया कि जेल से इसका कोई लेना देना नही है. बैरक में यह घटना हुई है. बैरक में ही खाने पीने के दौरान विवाद इतना बढ़ गया कि एक जवान इतना आवेश में आ गया कि कुल्हाड़ी से गर्दन पर वार कर दिया. इससे वह गंभीर रूप से जख्मी हो गया और अस्पताल ले जाने के क्रम में मौत हो गयी. घाटशिला जेल में बंद नक्सलियों को दूसरे जेल में शिफ्ट किया जायेगा. यहां 325 बंदियों की क्षमता है , इसमें 314 बंदी अभी है, जिसमें 13 महिला और 3 बच्चे भी शामिल है. इस घटना के बाद आरोपी सिपाही को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. उक्त सिपाही, जिस जेल की सुरक्षा में तैनात था, अब वह खुद उसी जेल का बंदी बनकर रहेगा.