
(रोहित कुमार की रिपोर्ट) जमशेदपुर : समाज मे कानून व्यवस्था और शांति बनाए रखने और लोगों को सुरक्षा प्रदान करने की जिम्मेदारी पुलिस की होती है पर इसमें घुस आये चंद पुलिसकर्मी अपने गलत आचरण से पूरे विभाग की बदनामी का कारण बनते है. साल 2021 की ही बात कि जाए तो जिले में ऐसे कई पुलिस कर्मी है जो बलात्कार और हत्या के अलावा भ्रष्टाचार करने के आरोपी रह चुके है. आईए ऐसे ही पुलिस वालों के बारे में जाने
केस 1
20 मई को जादूगोड़ा थाना में पदस्थापित प्रशिक्षु दारोगा आलोक को एसीबी की टीम ने रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया था. उसके पास से रिश्वत के सात हजार रुपये भी बरामद किए गए थे.
केस 2
22 जुलाई को बहरागोड़ा थाना क्षेत्र की एक शादी शुदा महिला से यौन शोषण करने, गर्भवती होने पर गर्भपात कराने, ब्लैकमेल करने और अश्लील तस्वीर वायरल करने की धमकी देने के मामले में पीड़िता ने बिरसानगर थाना में पदस्थापित दारोगा रवि रंजन पर आरोप लगाते हुए महिला थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. हालांकि पुलिस ने मामले में काफी चूक बरती जिसका फायदा उठाकर रवि ने हाई कोर्ट से अग्रीम जमानत ले ली.
केस 3
एमजीएम थाना में पदस्थापित दारोगा मोहन कुमार को एसीबी की टीम ने 10 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया था.
केस 4
कदमा थाना के दारोगा हर्षवर्धन और नीतिश कुमार पर कदमा के ही दो युवकों की बेरहमी से पिटाई करने का आरोप लगा था. आरोप को सही पाते हुए एसएसपी डॉ एम तामिल वाणन ने दोनों को लाइन क्लोज कर दिया था.
केस 5
साकची थाना में पदस्थापित एएसआई धर्मेंद्र कुमार सिंह ने बिष्टुपुर की तृषा की हत्या कर टेल्को के तालाब में बोरे में बंद कर फेंक दिया था. तृषा द्वारा ब्लैकमेल करने से परेशान होकर धर्मेंद्र ने यह कदम उठाया था.