जमशेदपुर : वैश्विक संकट कोरोना संकट के बीच पुलिस के कई चेहरे सामने आ रहे हैं. एक तरफ केंद्र और राज्य सरकार पुलिस पुलिस से मानवीय संवेदना पेश कर आम लोगों को कोई दिक्कत ना हो इसका ख्याल रखने की अपील करती है, तो दूसरी तरफ पुलिस का खौफनाक चेहरा भी इस दौरान सामने आ रहा है. वैसे हम बात कर रहे हैं झारखंड के जमशेदपुर पुलिस की. जहां एक बार फिर से जमशेदपुर पुलिस ने मानवता को शर्मसार कर दिया है. ताजा मामला मानगो थाना क्षेत्र का है.
जहां आजादनगर रोड नंबर 2 स्थित जीएन टेलर के 70 वर्षीय मोहम्मद अकील लॉकडाउन के कारण बंद पड़े दुकान की सफाई करने पहुंचे. जैसे ही उन्होंने दुकान खोला इसी बीच मानगो पुलिस पेट्रोलिंग की गाड़ी आ धमकी. जहां आनन-फानन में मोहम्मद अकील दुकान बंद कर भागने लगे. इसी बीच पांच नंबर रोड के समीप कनेक्टिंग रोड के पास बुजुर्ग टेलर गिर पड़े, और घायल हो गए. उधर पीछा कर रही पुलिस घायल अवस्था में ही बुजुर्ग को छोड़कर भाग गई. वहीं स्थानीय लोगों ने घायल बुजुर्ग को इलाज के लिए टाटा मुख्य अस्पताल पहुंचाया. जहां उनकी मौत हो गई. स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस या तो बुजुर्ग को गिरफ्तार कर लेती जा इंसानियत के नाते उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाती वहीं पुलिस की इस कार्यशैली से स्थानीय लोगों में नाराजगी देखी गई बताया जाता है कि बुजुर्ग के पांच बच्चे हैं, जिनके रोजी रोटी का सहारा टेलर दुकान ही है.
वैसे लॉक डाउन की अवधि में इससे पूर्व जमशेदपुर के बिरसानगर पुलिस पर एक मासूम का जान लेने का आरोप लग चुका है. उस घटना में भी पुलिस पेट्रोलिंग जीप को देख कर भाग रहा युवक पुलिस के भय से तालाब में कूद गया था, जिसे पुलिस बचाने के बजाय उसे डूबता छोड़ मौके से भाग निकली थी. जहां दम घुटने से युवक ने दम तोड़ दिया था. इसको लेकर काफी हो हंगामा भी मचा था. ऐसे में जमशेदपुर पुलिस की कार्यशैली लॉकडाउन की अवधि में सवालों के घेरे में आती नजर आ रही है.