जमशेदपुर : जमशेदपुर के बर्मामाइंस और गोलमुरी पुलिस की कथित पिटाई से घायल नौशाद नामक व्यक्ति की घर पर ही इलाज करने के दौरान शुक्रवार को मौत हो गयी. इस मौत के बाद स्थानीय लोगों ने परिवारवालों के साथ गोलमुरी मसजिद रोड को जाम कर दिया. लोग पुलिस पर अत्याचार करने का आरोप लगा रहे थे. इन लोगों ने जमकर हंगामा किया और बवाल काटा. लोगों ने शव को रोक दिया है और शव को उठने देने से मना कर दिया है.
घटना 10 अगस्त की बतायी जाती है. बर्मामाइंस थाना क्षेत्र में सड़क किनारे खड़ी बड़ी गाड़ियों के पार्ट्स की चोरी हो रही थी. उधर पुलिस ने एक चोर को गिरफ्तार किया और उसके निशानदेही पर नौशाद नामक युवक को गिरफ्तार किया गया. जिस युवक को गिरफ्तार किया उसकी बेरहमी से पिटाई की गई और एमजीएम मेडिकल अस्पताल में छोड़ दिया गया. उधर अस्पताल में हालत बिगड़ने के बाद डॉक्टर ने टीएमएच रेफर कर दिया. वही नौशाद के परिवार वालों ने पुलिस पर बेवजह मारकर अधमरा करने का आरोप लगाया और कहां है कि इस पर ना कोई वारंट है और ना ही कोई एफआइआर दर्ज है, आखिर पुलिस क्यों उठाकर इसकी पिटाई की.
वैसे पूरा परिवार एसपी दरबार पहुंच न्याय की गुहार लगाते हुए दोनों थाना प्रभारियों पर कानूनी कार्रवाई करने की मांग की थी. मामला गरमाने के बाद जमशेदपुर के एसएसपी डॉ एम तमिल वणन ने मामले की जांच के लिए डीएसपी को आदेश दिया, जिसके बाद डीएसपी के स्तर पर जांच हुई, जिसमें पुलिस पर लगे आरोपों को गलत करार दिया गया. इस बीच उसका इलाज चल रहा था, जिसके बाद थोड़ी स्थिति में सुधार हुई हो टीएमएच से छुट्टी दे दी गयी. इसके बाद वह घर पर ही रहकर अपना इलाज करता रहा, जहां शुक्रवार की दोपहर को उसकी मौत हो गयी. बताया जाता है कि नौशाद की हालत उस वक्त से ही गंभीर थी, लेकिन ना जाने क्यों उसको छुट्टी दे दी गयी. इस दौरान उसको बेहतर इलाज भी नहीं कराया गया, जिससे उसकी मौत हो गयी.
अब पुलिस पूरे मामले की जांच करने की बात कह रही है, लेकिन लोग रोड जाम लगाकर बैठे है और हंगामा कर रहे है. पुलिस की पिटाई से युवक की मौत की न्यायिक जांच और दोषियों पर कार्रवाई के अलावा मुआवजा की मांग की जा रही है. इसको लेकर माहौल गर्म है और पुलिस के खिलाफ लोगों में काफी गुस्सा देखा जा रहा है.