चाकुलिया : जमशेदपुर (पूर्वी सिंहभूम जिला) के ग्रामीण इलाके धालभूमगढ़ थाना में लॉक डाउन तोड़ने को लेकर पहला केस दायर किया गया है. धालभूमगढ़ के प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) शालिनी खलखो के बयान पर नरसिंहगढ़ के कोकपाड़ा गांव निवासी काजल मिश्रा की पत्नी रत्ना मिश्रा और जिला परिषद सदस्य आरती सामद समेत 50 ग्रामीणों के खिलाफ मुकदमा दायर किया गया है, जिसमें लॉकडाउन में भीड़ इकट्ठा करने, सरकारी कार्य में बाधा डालने और वैश्विक महामारी के मद्देनजर रखते हुए सुसंगत धाराओं के तहत मुकदमा दायर किया गया है. इसको लेकर धालभूमगढ़ थाना में केस संख्या 15/2020 दायर किया गया है, जिसमें आरोपियों के खिलाफ धारा 188/269/270/271/290/353/34 आइसीपी के तहत मुकदमा दायर किया गया है. धालभूमगढ़ प्रखंड विकास पदाधिकारी शालिनी खलखो की ओर से दायर मुकदमा में बताया गया है कि कोविड 19 (नोवल कोरोना वायरस) की रोकथाम के लिए सर्विलांस टीम के साथ बाहर राज्य से आये मजदूर का हेल्थ चेक सामुदायिक स्वास्ख्य केंद्र धालभूमगढ़ के चिकित्सक द्वारा किया गया. उन्हें इंस्टा क्वारंटाइन के लिए परामर्श दिया गया, जिसके आलोक में सर्विलांस टीम द्वारा प्रखंड स्तरीय क्वारंटाइन सेंटर शत्रुघ्न मध्य विद्यालय, नरसिंहगढ़ ले जाया जाने ल गा. इस पर पंचायत समिति सदस्य रत्ना मिश्रा और जिला परिषद सदस्य आरती सामद द्वारा चिकित्सा पदाधिकारी और सर्विलांस टीम को 50 से 60 ग्रामीणों को जमा कर लॉकडाउन का उल्लंघन करते हुए बाहर से आये मजदूर को क्वारंटाइन सेंटर में नहीं रखने के लिए विरोध करने लगे. इसमें क्वारंटाइन के लिए चिन्हित व्यक्ति डर से भाग गये और सर्विलांस टीम के सदस्यों ने डर से दूर हटकर बीडीओ को इसकी जानकारी दूरभाष से सूचना दी. सूचना मिलते ही धालभूमगढ़ के बीडीओ, अंचल अधिकारी (सीओ) और थाना प्रभारी के साथ घटनास्थल पर गये. जहां उग्र ग्रामीणों की भीड़ को पुलिस बल के द्वारा हटाया गया. इसके बाद रत्ना मिश्रा और आरती सामद वहां से भाग गयी.