जमशेदपुर : जमशेदपुर के गोलमुरी टुईलाडुंगरी निवासी 37 वर्षीय कमलजीत सिंह बीते दिनों कुवैत में एक टैंकर ब्लास्ट की चपेट में आने से घायल हो गया था. उक्त घटना के बाद से वह अस्पताल में था, लेकिन रह जिंदगी की जंग हार गया. बुधरार की दोपहर उसने दम तोड़ दिया. यह जानकारी कमलजीत के साथी ने ही फोन पर दी. इसको लेकर शोक की लहर दौड़ गयी है. कमलजीत के भाई परमजीत ने बताया कि उसका भाई कमलजीत 19 नवंबर 2021 को घर से निकला था. वह कुवैत की कंपनी में रिगर का काम करने गया था. इस बीच हर बार उससे संपर्क होता रहा. 15 जनवरी को किसी ने फोन कर जानकारी दी कि एक ब्लास्ट हुआ है जिसमें दो लोगों की मौत हो गई है और कई घायल है जिसमें कमलजीत भी शामिल है और उसे आईसीयू में भर्ती कराया गया है. इसके बाद से कमलजीत के बारे में कोई खबर नहीं मिल रही थी. बाद में राज्य के पूर्व सीएम रघुवर दास, विधायक सरयू राय समेत समाज के हर लोगों ने प्रयास किया, तब जाकर उनसे संपर्क हो पाया और फिर पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी की पहल पर कुवैत में वहां के उपराष्ट्रपति खुद गये थे, उसको देखने, लेकिन होनी को मंजूर कुछ और था और उसकी मौत हो गयी. कमलजीत सिंह 11 दिन से जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ते लड़ते हार गया. उनकी मौत की खबर सुनते ही इन जमशेदपुर में शोक की लहर फैल गई. घटना की जानकारी मिलने के बाद झारखंड प्रदेश गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान सरदार शैलेंद्र सिंह, अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व चेयरमैन गुरुदेव सिंह राजा, झारखंड विकास मंच के अध्यक्ष गुरदीप सिंह पप्पू, रंगरेटा महासभा के प्रदेश अध्यक्ष मनजीत सिंह गिल आदि कई लोग उनके आवास गोलमुरी टुइलाडुंगरी पहुंचे और उनकी माता से मिलकर दुख व्यक्त किया. सरदार शैलेंद्र सिंह ने बताया कि इस संबंध में उपायुक्त सूरज कुमार को उनकी माता सतवंत कौर द्वारा एक आवेदन देकर कमलजीत के शव को कुवैत से जमशेदपुर लाने का अनुरोध किया है. सरदार शैलेंद्र सिंह ने बताया कि इसकी जानकारी राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन इकबाल सिंह लालपुरा विदेश मंत्रालय को भी दे दी गई है. वे भी अपने स्तर से कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया है. उन्होंने कहा कि कमलजीत की मृत्यु से पूरा समाज दुखी है. उनकी पत्नी, माता एवं दो बच्चे हैं. इसको देखने वाला कोई नहीं है. उसके लिए सिख समाज केंद्र सरकार, झारखंड सरकार एवं जिला प्रशासन से मिलकर उनको परिवार को मुआवजा देने की मांग करेगा.