जमशेदपुर : लॉकडाउन की अवधि को लेकर निजी स्कूलों के फरमान के बाद जमशेदपुर के आरटीआई कार्यकर्ता सदन ठाकुर ने राज्य सरकार और राज्य के शिक्षा मंत्री पर को कटघरे में खड़ा करते हुए सरकारी अनुदान प्राप्त निजी स्कूलों को अविलंब बंद करने या उन्हें सरकारी अनुदान बंद करने की मांग की है. सदन ठाकुर ने साफ शब्दों में कहा है, कि एक तरफ जमशेदपुर या पूरे राज्य में एक भी निजी शिक्षण संस्थान बगैर सरकारी अनुदान के संचालित नहीं हो रहे हैं. वहीं दूसरी ओर सरकार और राज्य के शिक्षा मंत्री दावा करते हैं, कि उनके द्वारा निजी शिक्षण संस्थानों को लॉकडाउन की अवधि की फीस अभिभावकों से न लेने संबंधी निर्देश दिया गया है. ऐसे में अगर स्कूल प्रबंधन द्वारा अभिभावकों पर फीस लेने का दबाव बनाया जा रहा है, तो इसपर सरकार को गंभीर होने की जरूरत हैं. उन्होंने निजी स्कूलों के साथ सभी जिलाधिकारियों को इस संबंध में चिट्ठी जारी करने की मांग की है. साथ ही श्री ठाकुर ने यह भी मांग की है, कि जो स्कूल या शिक्षण संस्थान सरकार के आदेशों की अवहेलना करते हैं, उन्हें तत्काल अनुदान रोक देनी चाहिए. वैसे इससे पूर्व निजी शिक्षण संस्थानों ने लॉकडाउन की अवधि का फीस नहीं लेने की बातों के सिरे से खारिज करते हुए सालाना फीस नहीं बढ़ाए जाने, अगस्त तक अभिभावकों पर किसी तरह का दबाव नहीं बनाए जाने, और इस अवधि में किसी प्रकार का फाईन नहीं लेने की बात कही थी. वैसे आरटीआई कार्यकर्ता सदन ठाकुर ने इस मामले पर नई बहस को हवा दे दिया है. आपको बता दें आरटीआई कार्यकर्ता सदन ठाकुर ने सूचना के अधिकार के तहत कई बड़े मामलों का खुलासा किया है. भले सरकारी तंत्र उनके खुलासों पर खामोश बैठा है, लेकिन उनके खुलासे के बाद सरकारी स्तर पर व्याप्त भ्रष्टाचार जरूर सामने आए हैं. हालांकि उन्होंने इशारों- इशारों में स्पष्ट कर दिया है, कि वे इस मामले पर चुप नहीं बैठनेवाले हैं. यानि आगे वे मिजी स्कूलों पर फिर से हमला कर सकते हैं. इससे पूर्व आईसीएससी बोर्ड की मान्यता पर भी वे सवाल उठा चुके हैं, और मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है. वैसे सदन ठाकुर सरकार के निजी स्कूलों के मामले में ढुलमुल रवैये से भी खफा नजर आ रहे हैं.
jamshedpur-school-जमशेदपुर में वैसे स्कूल जो फीस लेने को तैयार, उनके सारे अनुदान बंद करें सरकार, फीस मांगने को लेकर स्कूलों के खिलाफ माहौल गरम
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