
जमशेदपुर : जमशेदपुर कोर्ट की महिला अधिवक्ता प्रिया शर्मा के बेड रुम में सीतारामडेरा थाना प्रभारी अखिलेश मंडल घुस जाने और जब उसका विरोध किया गया तो उलटा अधिवक्ता और उनके परिवार पर ही सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने का मुकदमा दायर कर दिया गया. हालांकि, अधिवक्ता ने यह दावा किया है कि सीतारामडेरा थाना प्रभारी के सारे करतूत सीसीटीवी और वीडियो में कैद हो चुका है. इस मामले की जानकारी उन्होंने जमशेदपुर जिला बार एसोसिएशन की एडहॉक कमेटी को दी गयी है. सीतारामडेरा थाना क्षेत्र निवासी राजेश कुमार की पत्नी अधिवक्ता प्रिया शर्मा ने अपनी शिकायत में कहा है कि 14 मई की दोपहर एक बजे करीब अपने बेडरूम में थी. अचानक ही नीरज गुप्ता की बहन नाइटी में उसके घर में बेडरूम में आयी और आकर कहने लगी कि उनके (नीरज गुप्ता की बहन) घर में पुलिस लोग आए हुए हैं. भाभी जल्दी चलिए. वे (प्रिया शर्मा) जब तक उसकी बात सुनकर कपड़े चेंज करती तब तक सीतारामडेरा थाना प्रभारी अखिलेश मंडल उनके (प्रिया शर्मा) बेडरुम में प्रवेश कर गए. इससे वह शर्मसार हो गई और उनको रूम से बाहर निकलने को कहीं. कपड़े चेंज करके जब अधिवक्ता प्रिया शर्मा बाहर आई तो उनके द्वारा पूछने पर कि आप मेरे घर पर इस तरह से किस अधिकार से रूम में प्रवेश किए हैं. सीतारामडेरा थाना प्रभारी द्वारा कहा जाने लगा कि वे कहीं भी घुस सकते है, उनके पास यह पावर हैं. उन्होंने बताया कि उन्होंने जब बोला कि वे यह जानते हुए कि अधिवक्ता का घर है, फिर भी उनके बेडरुम में कैसे आ गये तो थानेदार ने कहा कि वे नीरज गुप्ता को खोज रहे है और नीरज गुप्ता की बहन के पीछे-पीछे वे आये है. तब अधिवक्ता ने कहा कि नीरज गुप्ता की बहन के पीछे-पीछे आप क्यों आए हैं. लेडीस कांस्टेबल आती आपके साथ कोई भी लेडीस कॉन्स्टेबल नहीं है और आप इस तरह से किसी लेडीस के पीछे-पीछे मेरे घर के बैडरूम में कैसे आ गये ? अगर आप नीरज गुप्ता को खोज रहे है तो नीरज गुप्ता के घर जाइये, आप यहां क्या कर रहे है. अधिवक्ता के घर पर क्या कर रहे है, क्या आपके पास मेरे घर का सर्च वारंट है? उन्होंने उनको बोला कि जब नीरज गुप्ता को आप ढूंढ रहे हैं तो नीरज गुप्ता के घर जाइए, मेरे घर पर आप क्यों आए और क्या आधार है. नीरज गुप्ता को भी अगर ढूंढ रहे हैं तो क्या पेपर है. उनके (थानेदार) द्वारा कहा जाने लगा कि उसका वारंट है, जब मैं वारंट दिखाने को कहीं तो उनके द्वारा किसी तरह की कोई कागज नहीं दिखाया गया. फिर अधिवक्ता द्वारा सवाल किये जाने लगा तो थाना प्रभारी उनके घर से बाहर निकले और उसी वक़्त यह कहते हुए बाहर निकले कि वे सबक सिखायेंगे. अधिवक्ता प्रिया शर्मा ने जब कहा कि कागज दिखाइए, इस बात को लेकर थानेदार अखिलेश मंडल और अधिवक्ता के बीच में बहस हुई, तब उनके द्वारा महिला एएसआइ को बुला लिया गया. प्रिया शर्मा ने बताया कि इस बात का प्रमाण अगर जरूरत हो तो राहुल और जितने भी ऑफिसर आये थे, उनका सीडीआर निकाल लिया जाये, जिससे यह पता चल जायेगा की महिला एएसआइ कितने बजे आयी थी और इस बात का आस-पड़ोस के लोग भी गवाह है और सीसीटीवी फुटेज भी है. प्रिया शर्मा ने आरोप लगाया है कि सीतारामडेरा थाना प्रभारी ने अपने पावर का गलत उपयोग करते हुए उनके घर के बैडरूम में प्रवेश कर जाना गलत था. इस कारण ही उनके और थाना के अफसर से बहस हुई. अगर बेडरुम में नहीं आते तो वे कागज नहीं मांगती और बहस नहीं होता. उन्होंने बताया है कि इस बात का प्रमाण वीडियो में उनके पास मौजूद है जबकि उनके द्वारा किसी तरह का कोई कानूनी कार्यवाही अखिलेश मंडल के ऊपर नहीं किया गया, सिर्फ ऊपर के आला अधिकारी को इस घटना की सारी जानकारी दी गयी थी. बावजूद इसके 4 दिन के बाद उनके ऊपर गलत आरोप लगाते हुए सरकार काम में बाधा पहुंचाने का केस सीतारामडेरा थाना में कांड संख्या 96/22 दर्ज कर दिया गया. उन्होंने इस मामले में उचित कार्रवाई करने की मांग की है. हालांकि, थाना प्रभारी ने दायर एफआइआर में अधिवक्ता प्रिया शर्मा समेत अन्य पर आरोप लगाया है कि वे लोग आरोपी को पकड़ने गये थे, लेकिन प्रिया शर्मा और अन्य लोगों की आपत्ति के कारण वे लोग आरोपी को पकड़ नहीं पाये और इन लोगों ने सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाया है.