रांची : झारखंड तो वैसे खुद साइबर क्राइम के लिए देश में जाना जाता है, लेकिन झारखंड ही साइबर ठगी का शिकार हो गया है. यह ठगी किसी आम आदमी नहीं बल्कि सरकार के साथ कर दिया गया है. पटेल अमित चंदूलाल नामक एक साइबर अपराधी ने फर्जी चेक के सहारे झारखंड सरकार के खजाने से 22.03 करोड़ रुपये की निकासी कर ली है. सरायकेला-खरसावां, पलामू और गुमला जिले के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया स्थित सरकारी खातों से उक्त व्यक्ति ने दूसरों की मदद से फर्जी चेक के सहारे यह निकासी की है. इसमें 12.60 करोड़ रुपये भू-अर्जन कार्यालय के है जबकि शेष सारे रकम कल्याण विभाग के है. काफी जद्दोजहद के बाद कल्याण विभाग के 9.05 करोड़ रुपये को सरकारी खातों में वापस लाया गया है, लेकिन बाकि राशि अपराधियों के हाथ लग चुका है. गुजरात के ये साइबर अपराधी है, जिन्होंने ऐसा किया है. बताया जाता है कि सरकारी विभाग के खजाने से पैसे निकासी के बारे में मालूम चला कि गुमला में हुए शौचालय घोटाले की जांच के दौरान साइबर अपराधियों द्वारा भू-अर्जन कार्यालय और समेकित जनजाति विकास अभिकरण (आइटीडीए) के खातों से निकासी की बातें सामने आयी. बताया जाता है कि जिस चेक से पैसे की निकासी की गयी है, वह चेक विभाग के पास ही है जबकि दूसरा फर्जी चेक के जरिये पैसे की निकासी कर ली गयी है. सक्षम पदाधिकारी का फर्जी हस्ताक्षर कर 9 करोड़ 5 लाख 16 हजार 700 रुपये के चेक बैंक में जमा कराये और पैसे की निकासी कर ली. बैंक ने फर्जी चेक को समझे ब गैर ही पैसे एकाउंट से ट्रांस्फर कर दिये गये. इस रकम को ओड़िशा स्थित एक्सिस बैंक के खाता संख्या 91802005803244 में ट्रांस्फर कर दिया गया. ओड़िशा का यह खाता गुजरात के पटेल अमित चंदूलाल के नाम का है.