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jharkhand-big-story-झारखंड पुलिस की बड़ी कार्रवाई, रांची के हिंदपीढ़ी मसजिद के भीतर से पकड़ाये 24 विदेशी मुसलमान, तमाड़ के पास इससे पहले 11 विदेशी मुसलमान पकड़े जा चुके है, मुसाबनी में है कैद, सारे लोग जमशेदपुर से सटे कपाली में पहले हुए थे जमा, पुलिस-प्रशासन से क्यों बच रहे थे

राशिफल

मसजिद की संकेतात्मक तस्वीर.

रांची : झारखंड पुलिस ने सोमवार की सुबह करीब तीन बजे बड़ी कार्रवाई की. झारखंड की राजधानी रांची के हिंदपीढ़ी मसजिद से 24 विदेशी मुसलमानों के पकड़े गये है. रांची के उपायुक्त के आदेश के आलोक में एसडीओ रांची और हिंदपीढ़ी पुलिस ने मेडिकल टीम के साथ मिलकर सभी विदेशी मुसलमानों को मसजिद के भीतर से पकड़ा. उन सारे लोगों को रांची के खेलगांव स्थित आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है और उनको क्वारंटाइन में रखा गया है.

रांची के हिंदपीढ़ी में पकड़े गये विदेशी मुसलमानों की सूची.

इससे पहले तमाड़ के पास से भी 11 विदेशी मुसलमान, जो कजाकिस्तान, तुर्की और चीन के रहने वाले थे, उनको पकड़ा गया था. उनसे जमशेदपुर के मुसानी स्थित पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में पूछताछ की जा रही है. इसके बाद रांची के हिंदपीढ़ी मसजिद में सटीक सूचना के आधार पर प्रशासन ने छापामारी कर इन सारे विदेशी मुसलमानों को पकड़ा. इन लोगों ने बताया कि वे लोग विदेशों से जमशेदपुर के मानगो से सटे कपाली क्षेत्र में मुसलिम समुदाय के तबगीग जमात में भाग लेने आये थे और वे उसके बाद से बाहर नहीं जा सके थे, जिस कारण वे लोग मसजिद में छिपे थे. वैसे यह भी सवाल यह उठ रहा है कि जब प्रशासन इतना कोरोना वायरस को लेकर सूचनाएं मांग रहा है, विदेशियों ही नहीं बल्कि देश के अन्य राज्यों से आने वालों की सूचनाएं मांग रहा है तब मसजिद कमेटी की ओर से इनको छुपाकर क्यों रखा गया था और क्यों नहीं इन विदेशियों की जानकारी दी जा रही थी, यह बड़ा सवाल उठ रहा है. वैसे मेडिकल टीम ने उनको क्वारंटाइन में रांची के खेलगांव में रखा है ताकि कोरोना वायरस के खतरे से सबको निबटा जा सके. इन विदेशों में ब्रिटेन, यूनाइटेड किंगडम, वेस्टइंजीन, मलेशिया, केन्या, अफ्रीका, यूरोप के भी नागरिक है.

तमाड़ में पकड़े गये चाइनीज का पासपोर्ट. इनको मुसाबनी में रखा गया है.

इसके अलावा दो लोग भारत के ही केरल के भी रहने वाले है. वैसे रांची पुलिस का कहना है कि सभी दस्तावेज और पासपोर्ट को सही पाया गया है, लेकिन कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए उनको क्वारंटाइन में रखा गया है. उनकी मेडिकल की जांच की गयी है. अगर सबकुछ ठीक रहेगा तो फिर सबको छोड दिया जायेगा. हालांकि, पुलिस इस बात का जवाब देने से बचते रही कि मसजिद कमेटी के लोगों ने क्यों चुप्पी साधकर विदेशियों को अपने मसजिद में पनाह दिया था जबकि पुलिस या प्रशासन को सख्ती से उनको बाहर निकालना पड़ा. मुसाबनी में रखे गये 11 चीन, तुर्की और कजाकिस्तान के मुसलिमों के साथ उनके तार कुछ जुड़े है या नहीं, इसको लेकर भी अभी अनुसंधान चल रहा है.

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