चाईबासा : झारखंड में पथलगढ़ी को लेकर अब तक के सबसे बड़े नरसंहार में कुल सात लोगों की मौत हो गई. सारंडा जंगल के बीच ओड़िसा से सटे पश्चिम सिंहभूम ज़िले के गुदड़ी थाना क्षेत्र स्थित बुरुगेलीकेरा गांव में पथलगढ़ी के समर्थकों ने पथलगढ़ी के विरोधियों का सिर कलम कर मार डाला. सात लोगो को मौत के घाट उतार दिया गया. इस पूरे कांड की सही जानकारी लेने के लिए शार्पभारत की टीम वहाँ पहुंची.
पथलगढ़ी के समर्थक पूर्व मुखिया के पति रणसी बुढ़ और अन्य पथलगढ़ी समर्थकों के घर पर उपमुखिया जेम्स बुढ़ ने अपने समर्थकों के साथ हमला बोल दिया था. 16 जनवरी को यह घटना घटी थी. पथलगढ़ी को लागू करने के विरोध में यह हमला किया गया था. बाद में गांव के स्वशासन व्यवस्था के तहत बैठक 19 जनवरी को बुलाई गई. यह गांव की आम सभा थी. इस आमसभा में विल्किंसन रूल जैसी स्वशाशन व्यवस्था लागू करने का विरोध करने और घरों पर हमला करने का दोषी जेम्स बूढ़ी और उनके समर्थकों को आमसभा में पाया गया और कुल 9 लोगों को आमसभा में दोषी पाते हुए सीधे मौत की सजा सुनाई और सिर कलम करने का आदेश जारी कर दिया गया. बताया जाता है कि 2 लोग वहां से भाग निकले लेकिन जेम्स समेत 7 लोग पकड़े गए. 19 जनवरी की रात को सबको बांध दिया गया और सबके सिर को धड़ से अलग कर दिया गया और पहाड़ पर सबके शरीर को अलग और सिर को अलग फेक दिया गया. यही वजह हैं कि पुलिस को धड़ तो आसानी से मिल गयी थी लेकिन सिर देर से मिली थी. चूंकि मारने और मरने वाले सारे लोग एक ही गांव के थे इस कारण लाश मिल गयी.
गांव से हो गई बात लीक नही तो पुलिस अनजान रह जाती
बुरुगुलिकेरा गांव में 16 जनवरी को यह सब हुआ और फिर 19 जनवरी को सात लोग मौत के घाट उतार दिया लेकिंन पुलिस को 22 जनवरी की शाम को मालूम चला. पानी लेने गए गांव के ही किसी व्यक्ति ने पुलिस तक बात पहुंचा दी जिस कारण शव मिल पाया नहीं तो पुलिस को कुछ नहीं मिल पाता.