जमशेदपुर : झारखंड में नये सिरे से शिक्षकों की बहाली होने जा रही है. राज्य में लॉकडाउन और कोरोना वायरस की समाप्ति के बाद यह प्रक्रिया शुरू होगी. इसकी जानकारी खुद शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने कहीं है. श्री महतो ने कहा है कि इसको लेकर हर प्रखंडों से जानकारी ली गयी है, जिसके तहत खाली पदों की संख्या तय की जा चुकी है. जैसे ही यह मसला संभल जाता है, वैसे ही राज्य में लोगों को नौकरियों का रास्ता खुल जायेगा. नौकरियों का आधार क्या होगा, यह पूछे जाने पर शिक्षा मंत्री ने जमशेदपुर के सर्किट हाऊस में पत्रकारों को बताया कि बहाली का आधार होगा. पूर्ववर्ती सरकार ने किसी तरह का आधार नहीं बनाया था. 1985 का कटऑफ रखकर झारखंडियों के साथ अन्याय किया था. इस कारण पहले ही कैबिनेट की बैठक में इसकी समीक्षा करने की बात कह दी गयी थी. इसके तहत तय हुआ है कि 1932 जहां प्रभावी होगा, वहां 1932 और जहां 1964 का खतियान प्रभावी होगा, वहां 1964 के खतियान के तहत बहाली होगी. वैसे इसके लिए एक कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई होगी. उन्होंने बताया कि स्थानीय लोगों को नौकरी अगर नहीं मिलेगी और बाहरी को मिलेगा तो क्या यह झारखंड की जनता के साथ न्याय होगा. हम अन्याय नहीं होने देंगे और स्थानीयता का आधार तय कर बहाली की जायेगी.
जेपीएससी में बहाली के घोटाले की होगी जांच, सभी परीक्षाओं के मूल्यांकन का काम शुरू होगा
झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने पत्रकारों के सवालों के जवाब में कहा कि जेपीएससी की 2016 की परीक्षा का रिजल्ट अभी निकला है. इस रिजल्ट में भी गड़बड़ी पायी गयी है. निश्चित तौर पर इसकी जांच होगी क्योंकि पास वाले छात्रों को फेल कर दिया गया है जबकि फेल छात्रों को पास करा दिया गया है. जेपीएससी के मेधा घोटाले की जांच जरूर होगी. शिक्षा मंत्री ने कहा कि सभी परीक्षाओं के मूल्यांकन का काम रुका हुआ है. लिहाजा, सभी का मूल्यांकन करने के लिए हम लोग प्रयास कर रहे है और निश्चित तौर पर सभी कॉपियों का मूल्यांकन कराया जायेगा.
निजी स्कूल कैसे नहीं मानेंगे, कानून मनवायेगी
राज्य सरकार के मंत्री ने कहा कि निजी स्कूलों के फीस को लेकर एक महिने में रिपोर्ट आ जायेगा तो कार्रवाई जरूर होगी. यह कहा गया कि निजी स्कूल सरकार की बातें नहीं मानती है, इस पर मंत्री ने कहा कि सरकार की नहीं तो कानून की बात तो जरूर मानेगी नहीं तो कानूनी कार्रवाई होगी. स्कूल चल नहीं रहा है और डेवलपमेंट फीस मांगा जायेगा. फीस मांगा जायेगा, बसों का भाड़ा का पैसा मांगा जायेगा तो यह कतई बरदाश्त नहीं होगा. स्कूलों की मनमानी नहीं चलने दी जायेगी.