सरायकेला : सरायकेला-खरसावां पुलिस का कारनामा देखिए. जिन अपराधियों ने पूरे परिवार को मारपीट कर घायल कर दिया, उन अपराधियों पर जमानतीय धारा लगाकर थाने से ही जमानत दे दी गयी. मामला सरायकेला-खरसावां जिले के आरआइटी थाना क्षेत्र का है, जहां पिछले शुक्रवार को बालू कारोबारी आलोक दुबे और सुमित राय ने शराब के नशे में एमआइजी-248 निवासी परमानंद राय के पूरे परिवार पर जानलेवा हमला कर दिया. इसमें परमानंद राय के दो बेटे प्रिंस कुमार राय और सूरज कुमार राय एवं पत्नी अंजू देवी बुरी तरह से घायल हुई. सभी के सिर व शरीर के अन्य हिस्सों में गंभीर चोटें आयी. उधर, पीड़ित परिवार रात को ही थाना पहुंचा, लेकिन आरआइटी थाना पुलिस द्वारा ना तो उन्हें मेडिकल के लिए ले जाया गया, ना ही उनकी शिकायत पर आरोपियों की गिरफ्तारी कर उनके अल्कोहलिक होने का साक्ष्य जुटाया गया.
इधर बुरी तरह से लहूलुहान पूरा परिवार खुद रात के 10 बजे आदित्यपुर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज कराने पहुंचे, लेकिन वहां से रात को ही बेहतर इलाज के लिए एमजीएम अस्पताल भेज दिया गया. जहां सभी घायलों का इलाज हुआ. इधर आरआइटी थाना द्वारा आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर किसी तरह की कार्रवाई नहीं किए जाने से नाराज पीड़ित परिवार द्वारा इंसाफ के लिए सीएम को ट्वीट किया गया, जिसके बाद मुख्यमंत्री (सीएम) ने पूरे मामले पर संज्ञान लेते हुए सरायकेला-खरसावां पुलिस को मामले पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया. हालांकि, आरआइटी थाना द्वारा आरोपियों को गिरफ्तार करने का दावा किया जा रहा है, लेकिन पीड़ित परिवार द्वारा कहा जा रहा है कि सभी आरोपी खुले में घूम रहे हैं और धमकी भी दिया जा रहा है. उधर पूरे मामले को लेकर पीड़ित परिवार द्वारा जिले के एसपी को अवगत कराया गया, जिस पर एसपी ने दर्ज एफआइआर के आधार पर कार्रवाई किए जाने की बात कर एसडीपीओ से बात करने का निर्देश दिया गया. इधर पीड़ित परिवार पर भी एफआइआर किए जाने की बात कही जा रही है. बताया जा रहा है कि घटना के दिन इनके द्वारा भी मारपीट की गई जिससे आरोपी सुमित राय को हार्ट अटैक आया जिससे वे भी घायल हैं. इधर पुलिस के रवैये से पीड़ित परिवार दहशत में है.
पूरे मामले में थाना की भूमिका संदेह के घेरे में
पीड़ित परिवार द्वारा बताया गया कि घटना से तीन दिन पहले उनके द्वारा जानमाल की सुरक्षा की फरियाद लगाई गई. लेकिन थाना द्वारा किसी तरह का कार्रवाई नहीं किया गया और नतीजा ये हुआ कि आरोपियों द्वारा पूरे परिवार पर तीन दिन बाद जानलेवा हमला कर दिया गया. वैसे पूरा मामला हाउसिंग बोर्ड के जमीन पर बने मकान पर कब्जा करने से जुड़ा है. बताया जा रहा है कि एमआईजी 248 आवास बोर्ड की जमीन पर बना मकान है, जो अबतक आवास बोर्ड द्वारा किसी को अलॉट नहीं किया गया है. जिसमें पिछले 20 वर्षों से परमानंद राय सपरिवार रहते आ रहे हैं. वहीं आरोपी आलोक दुबे का परिवार 247 में रहता है और यही कारण है कि दोनों परिवार के बीच झड़प होता रहता है. वहीं आलोक दुबे दबंग प्रवृत्ति का बताया जाता है. और उसकी हरकतों से और पड़ोसी भी नाराज रहते हैं, लेकिन कोई सामने नहीं आना चाहते. पीड़ित परिवार ने बताया कि आरोपी द्वारा आए दिन जातिसूचक गालियों का प्रयोग किया जाता है. उनकी मां- बहन की प्रतिष्ठा का हनन किया जाता है, शिकायत के बाद पुलिस की कार्रवाई दुर्भावना से ग्रसित प्रतीत हो रही है.