रांची : झारखंड के सियासत में पिछले कुछ दिनों से भाजपा के नेता बाबूलाल मरांडी, सांसद निशिकांत दुबे समेत अन्य नेता झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बलात्कार का आरोपी साबित कर इस्तीफा की मांग कर रहे थे. इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से किसी तरह का कोई बयान नहीं दिया गया था, लेकिन अचानक से गुरुवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर आरोप लगाने वाली महिला आयशा खान खुद सामने आ गयी. आयशा खान ने खुद ट्विट कर अपना वीडियो साझा किया है, जिसमें लड़की ने कहा है कि उनके नाम को लेकर लगातार गलत ट्विट किये जा रहे है और आरोप ल गाये जा रहे है. अगर उसे कुछ हुआ तो इसके लिए जहूर आलम, बाबूलाल मरांडी, निशिकांत दुबे और सुनील तिवारी जिम्मेदार होंगे. आपको बता दें कि भाजपा के नेताओं ने आयशा खान नामक एक महिला का नाम लेकर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर दुष्कर्म करने का आरोप लगाते हुए शिकायत की थी और इस्तीफा की भी मांग कर दी थी. इस मामले को लेकर सियासत तेज हो चुकी थी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन घिरते नजर आ रहे थे कि अचानक से खुद महिला सामने आयी और बताया कि कुछ लोग लोग उनको ब्लैकमेल कर रहे है, डरा रहे है, धमका रहे है. उन्होंने पुलिस को इस मामले की शिकायत इ-मेल के जरिये कर दी है. उनके नाम को लेकर गलत ट्विट किया जा रहा है.
उक्त महिला ने कहा है कि उसको डर लग रहा है. वह पुलिस से बस इतना चाहती है कि अगर उसको कुछ हो जाये तो उसके लिए जहूर आलम, सुनील तिवारी, बाबूलाल मरांडी और निशिकांत दुबे जिम्मेदार होंगे. इधर, भाजपा के नेता अब बैकफुट पर आ चुके है. भाजपा के गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा है कि उन्होंने अपने ट्विटर पर इस महिला का वीडियो जरूर डाला है, लेकिन वे उनको नहीं जानते हैं और कोई बयान तक नहीं देना है. वैसे भाजपा के नेता इस मामले में चुप्पी साध चुके है. इस बीच झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा है कि भाजपा का इससे चाल, चेहरा और चरित्र उजागर हो गया है. उन्होंने अपने ट्विट पर कहा है भाजपा छि-छि….इस बीच भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने गुरुवार को जारी वीडियो के मामले में कहा है कि जो भी आरोप मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर है, वह दस्तावेजी है. यह बयान दस्तावेज के विपरित है. महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक, मुंबई के पुलिस कमीश्नर और अन्य अधिकारियों को पत्र लिखकर सुरक्षा देने की गुजारिश करेंगे. उन्होंने कहा कि इस मामले की सच्चाई की तह तक जाना जरूरी है, इसलिए उस लड़की को सुरक्षा प्रदान करते हुए इस पूरे मामले की सीबीआइ जांच कराने की जरूरत है. यह मामला मुंबई पुलिस, मुंबई हाईकोर्ट और राष्ट्रीय महिला आयोग के सामने भी है, जिसकी जांच होनी चाहिए. सरकार में रहकर पद का दुरुपयोग कर लड़की पर दबाव देकर बयान दिलवाया गया है. किसी लड़की की निजी मजबूरियों के कारण किसी केस को बंद नहीं किया जा सकता है और मुख्यमंत्री रेप के आरोपी है. जनता को जानने का हक है कि वास्तिकता क्या है और जिसको जनता ने चुना है, उसका चरित्र को साफ करना ही चाहिए.
क्या है पूरा मामला :
कुछ दिनों पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ आयशा खान नामक एक महिला की शिकायत को सार्वजनिक किया गया था, जिसमें यह कहा गया था कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन रेपिस्ट है और उसके खिलाफ महिला ने मुंबई में शिकायत दर्ज करायी है. उक्त महिला के साथ दुष्कर्म का आरोप लगाकर भाजपा मुख्यमंत्री को हटाने की मांग कर रहे थे. राष्ट्रीय महिला आयोग ने वर्ष 2013 में मुंबई की एक मॉडल के साथ रेप करने का मामला सामने आया था. आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर हेमंत सोरेन और सुरेश नागरे को मॉडल के साथ रेप करने का आरोप लगा था, जिस मामले में कार्रवाई करने को कहा गया था. आरोप यह लगाया गया कि 2013 में हेमंत सोरेन और सुरेश नागरे ने न केवल मुंबई की मॉडल के साथ रेप किया था बल्कि पूरे परिवार को धमकी भी दी गयी थी.