
रांची : झारखंड के बोरिया थाना क्षेत्र में सब इंस्पेक्टर रुपा तिर्की की मौत के मामले को लेकर न्यायिक आयोग ने अपनी जांच पूरी कर ली है. आयोग की एक सदस्यीय कमेटी और झारखंड हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश बिनोद कुमार गुप्ता की देखरेख में यह कमेटी बनायी गयी थी. 8 जून 2021 को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस मामले की जांच के आदेश दिये थे. इसके आलोक में इस आयोग का गठन किया गया है. आयोग के न्यायाधीश बिनोद कुमार गुप्ता ने जांच रिपोर्ट स्थानिक आयुक्त एमआर मीणा को सौंप दी है. विधिक प्रक्रिया के तहत सरकार द्वारा अब इस रिपोर्ट को स्वीकृत किए जाने के बाद सार्वजनिक किया जाएगा. वहीं, सार्वजनिक करने के 6 माह के अंदर जांच रिपोर्ट को विधानसभा के पटल पर रखा जाएगा. बंद लिफाफे में यह रिपोर्ट दी गयी है. इसके बाद उन्होंने ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन भी संबोधित किया, जिसमें जस्टिस बिनोद कुमार गुप्ता ने कहा कि वे इस रिपोर्ट के बारे में कुछ नहीं कह सकते है. लेकिन जितनी भी गवाही है, उन सारे गवाहों के बयान और परिस्थितिजन्य सबूतों को देखते हुए इस कांड की पूरी रिपोर्ट सौंप दी गयी है. पत्रकारों द्वारा जब यह पूछा गया कि रुपा तिर्की कांड की सीबीआइ भी जांच कर रही है, ऐसे में उनकी रिपोर्ट कहीं सीबीआइ को दिगभ्रमित तो नहीं करेगी या आरोपियों को लाभ नहीं पहुंचायेगी. (नीचे देखे पूरी खबर)

इस पर जस्टिस श्री गुप्ता ने कहा कि ऐसा नहीं होगा. सीबीआइ की जांच अपनी जगह है, हमने अपना जो आदेश था, उस आदेश का अनुपालन किया है. रिपोर्ट सौंप दी है. विधानसभा के पटल पर सरकार चाहे तो रख सकती है और जनता के बीच आयोग बातें रखें, यह सही नहीं है. सरकार का अब काम है कि वह आगे जो समझे, वह करें, हमने अपना काम ईमानदारी से कर दिया है. आपको बता दें कि रुपा तिर्की रांची के रातू थाना अंतर्गत काठीटांड की रहने वाली थी. वह 2018 बैच के अवर निरीक्षक के रुप में बहाल हुई थी. रुपा तिर्की ने 3 मई को अपने साहेबगंज स्थित सरकारी आवास में गले में रस्सी का फंदा डालकर आत्महत्या कर ली थी. (नीचे देखे पूरी खबर)

इस मामले की सरकार ने आयोग से जांच करायी है जबकि झारखंड हाईकोर्ट ने एक आदेश के बाद इस मामले की सीबीआइ से जांच कराने का आदेश दिया था, जिसके तहत सीबीआइ अपनी जांच कर रही है. जांच आयोग का गठन अधिनियम की धारा 3 के तहत इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गयी है. झारखंड हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश बिनोद कुमार गुप्ता की एक सदस्यीय आयोग बनाया गया था. श्री गुप्ता हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के मुख्य न्यायाधीश रह चुके है. रिपोर्ट देने के लिए छह माह का समय दिया गया था. यह आयोग दिवंगत रुपा तिर्की के आत्महत्या करने से लेकर उनकी हत्या के अलावा मौत के सारे कारणों की पड़ताल की है. इस मामले को लेकर काफी दिनों से हंगामा चल रहा था. आदिवासी संगठन से लेकर राजनीतिक दल काफी मुखर हो गये थे. इस मामले को लेकर खुद मुख्यमंत्री ने हस्तक्षेप कर पूरे मामले की न्यायिक जांच आयोग बना दिया गया था. इस संबंध में बोरियो थाना में 127/2021 केस दर्ज है. इस मामले में पश्चिम सिंहभूम जिले के चाईबासा में पदस्थापित एक सब इंस्पेक्टर को प्रेमी बताकर जेल भेजा जा चुका है.