रांची : झारखंड के वीर शहीद सिदो कान्हू के वंशज रामेश्वर मुर्मू की हत्या के मामले का झारखंड पुलिस जल्द खुलासा कर सकती है. झारखंड के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एमवी राव ने यह जानकारी झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को दी है. राज्यपाल ने इस पूरे मामले पर रिपोर्ट लेने के लिए डीजीपी को अपने रांची स्थित आवास पर बुलाया. उन्होंने पूरे मामले की जानकारी ली. राज्यपाल श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने डीजीपी एमवी राव को राजभवन बुलाकर उनसे शहीद सिदो-कान्हू के वंशज रामेश्वर मुर्मू की हत्या की घटना की जानकारी ली. राज्यपाल ने इस घटना को अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि इस प्रकरण में सभी दोषी व्यक्तियों को शीघ्र पकड़कर उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाये. इस मामले में डीजीपी ने कहा है कि पुलिस इसको लेकर काफी तकनीकी तौर पर जांच कर रही है. योग्य पदाधिकारियों को इसके लिए काम पर लगाया गया है. दूसरी ओर, राजनीतिक दबाव के कारण राज्य सरकार सीबीआइ जांच कराने की भी अनुशंसा कर सकती है. इसको लेकर दबाव बनाया जा रहा है.
क्या है पूरा मामला :
सिदो मुर्मू के नेतृत्व में संथाल हूल (संथाल विद्रोह 30 जून 1855) एक महान ऐतिहासिक घटना है. जिनके नेतृत्व, संघर्ष और बलिदान का प्रतिफल 22 दिसंबर 1855 को संताल-परगना की स्थापना और संथाल परगना कानून बनाने पर अंग्रेज मजबूर हुए थे. आज का झारखंड, छोटानागपुर और संताल परगना के भू-भाग का संयुक्त भूगोल है. जिसके लिए सिदो मुर्मू और बिरसा मुंडा का नाम सदैव अमर रहेगा, परंतु उस महान शहीद परिवार के छठवीं पीढ़ी रामेश्वर मुर्मू की संदिग्ध हत्या/मृत्यु 12 जून 2020 को उनके साहेबगंज जिले के भोगनाडीह, थाना बारहेट में हो गई. तत्पश्चात उनकी पत्नी कपरो किस्कु और भाई मंडल मुर्मू, भागवत मुर्मू आदि बारहेट थाना में लिखित शिकायत दर्ज करा चुके हैं. मगर अब तक संदिग्ध हत्यारे की गिरफ्तारी नहीं हो पायी है. इसको लेकर राजनीतिक तौर पर विरोध भी शुरू हो गया है. भाजपा के अलावा जनता दल यूनाइटेड समेत कई राजनीतिक दलों द्वारा इसको लेकर राजनीतिक मुद्दा बनाकर विरोध प्रदर्शन भी किया जा रहा है. सभी ने यह आग्रह किया है कि इस मामले को संज्ञान में लेंकर सरकार इसकी गंभीरता से त्वरित जांच कर कार्रवाई सुनिश्चित करें.