जमशेदपुर : अपनी पत्नी समेत परिवार के ही लोगों पर गोली चलाने और एक ममेरी सास की हत्या के आरोपी जमशेदपुर के सोनारी कागलनगर निवासी दरोगा मनोज गुप्ता को जमशेदपुर कोर्ट में पेशी नहीं हुई. कोर्ट में पेशी होने पर रोक लगा दी गयी है और उनको वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये ही पेश होने की इजाजत दी गयी है. उसको वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा पेश किया गया, जिसका विरोध दरोगा मनोज गुप्ता ने यह कहते हुए किया कि प्रशासन द्वारा उसके केस में सही अनुसंधान नही किया जा रहा है. इससे पहले भी दरोगा मनोज गुप्ता ने न्यायालय को शिकायत अपने अधिवक्ता गौरव पाठक के माध्यम से की थी कि जब उन्होने 28.07.2019 को आत्मसमर्पण किया था तो उन्हें 29.07.2019 को न्यायालय में पेश किया गया, परंतु कोर्ट में जब्ती सूची की तिथि 28.07.2019 को कोर्ट में दर्शाया गया. अनुसंधानकरता द्वारा आत्मसमर्पण के बाद उन्हें तीन थाने में रखा गया था. आजादनगर, जुगसलाई व सोनारी थाना में, जिस बात का भी जिक्र किसी भी रिकॉर्ड में नही की गई. दारोगा मनोज गुप्ता ने अपने अधिवक्ता गौरव पाठक के माध्यम से कोर्ट को यह भी बताया कि उनके बच्चे एवं सास का 164 का बयान प्रशासन द्वारा चंदन श्रीवास्तव के दवाब में कराया गया एवं जिसका साक्ष्य यह है कि 164 का बयान जब प्रशासन द्वारा दारोगा मनोज गुप्ता के बच्चों व सास का बयान कराया गया तो चंदन श्रीवास्तव का भाई विकास श्रीवास्तव भी न्यायालय में मौजूद था, जिसका प्रमाण फ़ोटो सहित दिनांक 7.08.2019 के अखबारों में आया था. इसकी जानकारी मनोज गुप्ता ने प्रशासन से जननी चाही परन्तु किसी ने यह नही बता पाया की चंदन श्रीवास्तव का भाई विकास श्रीवास्तव 06.08.2019 को 164 के बयान के दिन न्यायालय में दारोगा मनोज गुप्ता के बच्चों एवं सास के साथ क्यों आया था. 3.10.2019 को दारोगा मनोज गुप्ता में अपने अधिवक्ता गौरव पाठक के माध्यम से कोर्ट में अर्जी दिलवाई की उन्हें न्यायालय में सशरीर पेश कि जाये अतः न्यायालय ने अर्जी मंजूर कर दिनांक 16.10.2019 को दारोगा को घाघीडीह जेल से सशरीर पेश होने की इजाज़त दी.