नयी दिल्ली : तमिलनाडू के कोयंबटूर और सुलूर के बीच बुधवार की दोपहर हुई हेलिकॉप्टर दुर्घटना में घायल चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जेनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत सारे 14 लोगों की मौत हो चुकी है. इसको लेकर खुद भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय ने इसकी पुष्टि की है. बताया जाता है कि सारे लोग 80 फीसदी से लेकर 95 फीसदी तक जल चुके थे. खुद सीडीएस जेनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका भी बुरी तरह जल चुके थे. जेनरल रावत और उनकी पत्नी समेत सारे घायलों का इलाज चल रहा था कि बीच में ही उनकी मौत की खबर आ गयी. बताया जाता है कि दिल्ली से सुलूर के लिए सीडीएस जेनरल बिपिन रावत की वायु सेना का हेलीकॉप्टर ने उड़ान भरी थी. नीलगिरी की पहाड़ियों में हेलिकॉप्टर अचानक से क्रैश कर गया. चूंकि, जंगली इलाका था, इस कारण काफी मुश्किलों से लोग वहां पहुंचे और मलबा से शवों और घायलों को निकाला जा सका. कुल 14 लोग हेलिकॉप्टर पर सवार थे, जिसमें से पांच लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो चुकी थी जबकि 9 लोगों को अस्पताल ले जाया गया, जहां एक-एक कर सारे लोगों ने उनकी मौत की घोषणा कर दी. तमिलनाडु सरकार ने जेनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी समेत सारे लोगों को बचाने की कोशिश की, लेकिन कोई सफलता नहीं मिल पायी और सारे लोगों की मौत की खबर आ गयी. जेनरल बिपिन रावत भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ है. यह पद मोदी सरकार ने 2019 में बनाया था. इस घटना में मारे गये लोगों में जेनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका राव, ब्रिगेडियर एलएस लिद्दर, लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह, नायक गुरुसेवक सिंह, नायक जीतेंद्र कुमार, लांस नायक विवेक कुमार, लांस नायक बी साई तेजा, हवलदार सतपाल शामिल थे. हेलिकॉप्टर के चालक दल के पांच सदस्य भी उस पर सवार थे. एमआइ 17 हेलिकॉप्टर पर सारे लोग सवार थे. (नीचे पूरी खबर पढ़े)
रावत का पहले भी हेलिकॉप्टर हो गया था क्रैश
जेनरल बिपिन रावत पहले भी हेलिकॉप्टर हादसे के शिकार हो चुके थे. 3 फरवरी 2015 को उनका चीता हेलिकॉप्टर नागालैंड के दीमापुर में क्रैश हुग़ा था, तब बिपिन रावत लेफ्टिनेंट जेनरल थे. उस वक्त वे घटना में बाल बाल बच गये थे.
कारगिल में इस्तेमाल हुए एमआइ-17 हेलिकॉप्टर पहले भी हो चुका है क्रैश
एमआइ 17 हेलिकॉप्टर पहले भी क्रैश हो चुका है. एक माह के अंदर दूसरी घटना यह हुई है. 19 नवंबर को अरुणाचलय प्रदेश में क्रैश हुग़ा था. उक्त घटना में हेलिकॉप्टर में सवार सभी 12 लोग मारे गये थे. इस हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल कारगिल के युद्ध में किया गया था. सोवित संघ ने इसको बनाया था. भारत 2012 से इसका इस्तेमाल कर हा है. यह मीडियम ट्विन टर्बाइन हेलिकॉप्टर है, जिसमें दो इंजिन होते है. इस हेलिकॉप्टर को ट्रांस्पोर्टेशन और युद्ध दोनों ही रोल में इस्तेमाल किया जाता है. एमआइ 8 हेलिकॉप्टर में सुधार कर एमआइ 17 को तैयार किया गया था. भारत में इसे वीआइपी मूवमेंट के लिए किया जाता है.