जमशेदपुर : टाटानगर रेलवे स्टेशन से 22 लाख रुपये के साथ पकड़े गये माप तौल निरीक्षक को राजनीतिक दबाव के बाद अंतत: छोड़ दिया गया. माप तौल निरीक्षक उपेंद्र कुमार को दक्षिण बिहार एक्सप्रेस ट्रेन के समय यानी गुरुवार की शाम को पकड़ा और शुक्रवार को दोपहर करीब 12 बजे तक जीआरपी और आरपीएफ की क्राइम ब्रांच ने छोड़ दिया. छोड़ते वक्त यह बताया गया कि करीब 39 हजार रुपये ही रिकवरी हुई थी, जिस कारण उनको छोड़ दिया गया. आरपीएफ और जीआरपी पर इस पूरे मामले में सवाल उठ रहा है. आखिर 39 हजार रुपये के कारण किसी अधिकारी को आरपीएफ और जीआरपी की पुलिस किस हैसियत से पकड़ा. अगर 39 हजार रुपये ही थी तो फिर करीब 18 घंटे तक की पूछताछ क्यों होती रही. आखिर क्या बात थी. अगर कोई बात थी तो आय से अधिक की संपत्ति की जांच करने वाली एजेंसी आयकर विभाग को इसकी जानकारी क्यों नहीं दी गयी. पकड़े जाने की पुष्टि खुद आरपीएफ के आइजी एसके पाड़ी ने किया है.
दूसरी ओर, माप तौल विभाग राज्य के मंत्री सरयू राय के खाद्य आपूर्ति विभाग के अंतर्गत आता है. सरयू राय ने पिछले दिनों ही जमशेदपुर से उस अफसर को धनबाद पहले ही तबादला कर दिया था क्योंकि उनके खिलाफ भ्रष्टाचार की कई शिकायतें थी. फिलहाल, इस मामले को लेकर एक खास लॉबी सक्रिय है ताकि किसी भी हाल में इस भ्रष्टाचार को छुपाया जा सके.